विस्तृत समीक्षा: इंटरनेट आपकी निजता यानी प्राइवेसी को भंग करने का सबसे आसान हथियार है. एक कंप्यूटर या एक मोबाइल जिसमें डाटा की सुविधा उपलब्ध हो, आपकी ज़िंदगी के हर पल की खबर रखने में सक्षम होता है. कुछ कुत्सित विचारधारा वाले व्यक्ति आपकी निजी ज़िंदगी में झांकने को अपना सर्वप्रिय काम मान लेते हैं और हैकिंग की मदद से वो आपकी ईमेल, आपके सोशल मीडिया अकाउंट, यहां तक कि आपकी बैंक डिटेल्स तक पा सकते हैं. हैकिंग ने बड़े-बड़े राष्ट्राध्यक्षों को उनकी कुर्सी से उतार दिया है और कई सितारों की निजी जानकारी को साझा कर के उनकी ज़िंदगी में आग लगा दी है.

हैकिंग का स्तर इतना गिरा हुआ होता है कि वो आम लोगों की ज़िंदगी में भी घुसकर उसका कच्चा चिट्ठा लोगों तक पहुंचा देता है, जिसके परिणाम स्वरुप कई लोग आत्महत्या कर लेते हैं तो कई शर्म की वजह से एक ऐसे व्यक्तित्व में बदल जाते हैं जो सभी से कट जाता है, दूरी बना लेता है और मानसिक संत्रास से गुज़रते हुए अपने अच्छे भले किरदार और करियर को ख़त्म कर लेता है. द मोस्ट हेटेड मैन ऑन द इंटरने, नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ एक ऐसी डॉक्यूमेंट्री है जिसमें इंटरनेट की वजह से हो रहे हमारे समाज के नैतिक पतन का एक भयावह और अश्लील स्वरुप दिखाया गया है. साथ ही एक सबक भी है कि इंटरनेट पर हैकिंग कर करके आपको बदनाम और शर्मिंदा करने वाले लोगों से किस तरह से निपटा जाना चाहिए. 3 एपिसोड की ये डॉक्यूमेंट्री सत्य घटनाओं पर आधारित है. दिमाग खोलने वाली इस डाक्यूमेंट्री को सभी उम्र के लोगों ने देखना चाहिए.

2010 में कैलिफ़ोर्निया के सैक्रामेंटो इलाके के रहने वाले 24 साल के लड़के हंटर मूर ने इंटरनेट की ताकत का अच्छा खासा अंदाज़ा लगा लिया था. उसने इज़ एनीवन अप नाम की एक वेब साइट बनायीं थी जिसमें लड़के और खासकर लड़कियों के अंतरंग और नग्न चित्र, उनकी पूरी जानकारी (नाम, पता, फेसबुक आयडी इत्यादि)के साथ पोस्ट किये जाते थे. मूर ने हैकर की मदद से कई लड़के और लड़कियों की ईमेल हैक की और उनकी निजी तस्वीरें हथिया लीं. इस वेब साइट पर कोई भी यूजर पोस्ट कर सकता था और हंटर हमेशा यही कहता था कि उसकी वेब साइट तो सिर्फ एक प्लेटफॉर्म है इसलिए उस पर क्या पोस्ट होता है इस पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है. इस तरीके से वो कानून के दायरे से बाहर हो जाता था. इस वेबसाइट पर सेलिब्रिटीज के बजाये आम लोगों की तस्वीरें और वीडियो अपलोड होते थे. इन आम लोगों को पहचानने वाले (साथ पढ़ने वाले, पडोसी, परिचित और अन्य) इस वेबसाइट पर इनकी तस्वीरों और वीडियोस पर भद्दे कमेंट करते थे. 2012 में इस वेब साइट पर कायला लॉज़ की कुछ अश्लील तस्वीरें पोस्ट की गयी जिसके बारे में किसी ने कायला को बताया. कायला ने अपनी मां शार्लोट को बताया तो उसने अपनी बेटी की इज़्ज़त बचाने के लिए कड़े कदम उठाने का फैसला लिया.

पुलिस से मदद न मिलने पर, शार्लोट ने एफ़बीआय के ज़रिये इस वेब साइट से अपनी बेटी की तस्वीरें हटाने की कोशिश की. 2 साल तक चले इस मामले में शार्लोट ने ऐसी कई लड़कियों से संपर्क किया जिन्हें इस वेब साइट ने बदनाम कर दिया था. शार्लोट और करीब 40 लड़कियों ने लगातार मेहनत कर के हंटर के खिलाफ कई सबूत जमा किये. हंटर इतना घटिया और गलिच्छ इंसान था कि जब जब उसे फोटो-वीडियो पोस्ट न करने की या फिर वेब साइट पर पोस्ट किये गए फोटो-वीडियो हटाने की चेतावनी दी जाती वो, ऐसे सभी नोटिस का मखौल उडाता. एफ़बीआय के पास धीरे धीरे पक्के सबूत जमा होते गए जिसमें हंटर और उसके हैकर साथी चार्ल्स एवंस के खिलाफ हैकिंग के इलज़ाम सही साबित होते चले गए. 2014 में हंटर को गिरफ्तार किया गया. दो दिन बार हंटर को ज़मानत पर छोड़ दिया गया. दिसंबर 2015 में एवंस को 2 साल की और हंटर को 2.5 साल की सजा सुनाई गयी. दोनों अब जेल से बाहर हैं.

ये डॉक्यूमेंट्री दर्शकों को देखना ज़रूरी है. किस तरह इंटरनेट का गलत इस्तेमाल हो रहा है ये तो सबको पता है लेकिन हैकिंग के ज़रिये आपके निजी डाटा को किस तरह आम जनता के सामने परोसा जा रहा है वो भी पता होना ज़रूरी है. हंटर की वेब साइट पर कई लड़कियों के पूर्व बॉयफ्रेंड और पतियों ने उनके अश्लील और नग्न फोटो पोस्ट किये थे. एक समाज के दिमागी दिवालियेपन का ये सबूत है. नफरत का ये दौर किसी भी हद तक जा चुका है क्योंकि इस वेबसाइट ने साबित कर दिया था कि बदला लेने की प्रवृत्ति कितनी खतरनाक हो चुकी है. हंटर ने तो एवंस की मदद से लड़कियों के ईमेल अकाउंट भी हैक कर लिए थे जहां से उसने उनकी अश्लील तस्वीरें चुरा ली थी.

वेबसाइट की प्रसिद्धि कुछ इस क़दर थी कि हर महीने करीब तीन करोड़ लोग इस वेब साइट को देखते थे और वेब साइट करीब 13000 डॉलर प्रतिमाह कमा रही थी. हंटर के साथ कुछ और लोग बभी जुड़े थे जो लगातार पोस्ट करते रहते थे या फिर कमेंट करते थे ताकि वेबसाइट पर ट्रैफिक बना रहे. एक शख्स का काम तो सिर्फ ये देखना था कि जिन लोगों की तस्वीरें या वीडियो पोस्ट किये जा रहे हैं वे सभी बालिग़ हैं. 2011 में एक म्यूजिक फेस्टिवल में फ्लोरिडा के बैंड “अ डे टू रेमेम्बर” ने परफॉर्म नहीं किया क्योंकि हंटर मूर इस फेस्टिवल में उनका परफॉरमेंस देखने आया था. कुछ समय पहले ही इज़ एनीवन अप पर बैंड के बास प्लेयर जोशुआ की अश्लील तस्वीरें पोस्ट की गयी थी. हंटर को कई धमकियां मिलीं, नोटिस भी मिले लेकिन हंटर ने किसी पर ध्यान नहीं दिया. हंटर पर वेबसाइट चलाने के लिए नहीं, ईमेल हैक कर के लड़कियों के फोटो चुराने का आरोप लगा कर सजा दी गयी. ये दिखाता है कि कानून कितना लचर है और उसमें सतत सुधार की गुंजाईश बनी रहेगी.

डॉक्यूमेंट्री में इज़ एनीवन अप दिखाने के लिए एक नकली वेबसाइट की डिज़ाइन तैयार की गयी थी ताकि कोई कानूनी अड़चन न आये. इस डॉक्यूमेंट्री में लगभग सभी पात्र असली व्यक्ति हैं जैसे शार्लोट, उसकी बेटी कायला, शार्लोट के पति चार्ल्स, हंटर की पुरानी गर्लफ्रेंड किरा ह्यूज्स, एफबीआय एजेंट जेफ़ कर्कपैट्रिक, यूएस अटोर्नी वेंडी वू, द विलेज वॉइस की जर्नलिस्ट कैमिल डोडेरो और हंटर के पूर्व वकील रिज़ा सीना भी. जब इस डॉक्यूमेंट्री की तयारी चल रही थी, हंटर भी अपना पक्ष रखने के लिए इस डॉक्यूमेंट्री में आने वाला था लेकिन आखिरी मौके पर उसने ये विचार छोड़ दिया. इस वजह से हंटर ने ये वेब साइट क्यों बनायीं, इसमें रिवेंज पॉर्न को जगह क्यों दी और जब वो जेल से छूट गया तो उसने क्या किया, ये सब बातें डॉक्यूमेंट्री में नहीं आ पायी हैं. रिवेंज पॉर्न की कई वेब साइट अभी भी चल रही हैं, रोज़ाना नयी वेब साइट आ रही हैं. ये किस्सा ख़त्म नहीं हुआ है. एक हंटर के चले जाने से हज़ारों हंटर के जैसे लोगों ने अपनी वेब साइट बंद नहीं की है. ये डॉक्यूमेंट्री ऑंखें खोलने के लिए काफी है. कायला ने तो अपनी न्यूड फोटोज अपने आप को ही ईमेल की थीं, किसी को नहीं भेजी थी फिर भी वो इंटरनेट पर आ गयी थी. ये सिलसिला रुकना चाहिए.

इस बात की वकालत हो सकती है कि लड़कियों को अधिकार है कि वो अपनी कैसी भी तस्वीरें खींच सकती हैं या अपने प्रेमी/ पति को भेज सकती हैं. ये बात सही भी है लेकिन यहां एक समानांतर लॉजिक भी है. घर से जब भी बाहर जाते हैं तो ताला लगा कर क्यों जाते हैं क्योंकि आप किसी और के ईमान पर विश्वास नहीं कर सकते और ठीक इसी तरह जब आप अपने न्यूड या अंतांग फोटो लेते हैं और किसी को भेजते हैं तो आप उम्मीद करते हैं कि आपका भरोसा नहीं तोडा जाएगा लेकिन वो तोड़ा जाता ही है. ये भी बात सही है कि लड़कों को सीखना चाहिए कि भरोसा नहीं तोड़ें, लेकिन सदियों से चली आ रही पितृसत्तात्मक परम्पराओं को सिर्फ विद्रोह कर के नहीं ख़त्म किया जा सकता. किसी भी व्यवस्था को ध्वस्त होने के लिए उसे जड़ों से ख़त्म करना होता है. एक दिन में पुरुषों की सोच नहीं बदल जाएगी.

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