रूस में समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को एक नए कानून पर हस्ताक्षर किए है. ये कानून एलजीबीटीक्यू+ (LGBTQ+) समुदाय को झटका देते हुए समलैंगिक विवाह (Same sex marriage ban) या फिर ‘लिंग बदल कर’ (Gender Change) शादी करने वालों को गैरकानूनी घोषित करता है. पुतिन का यह नया कानून ट्रांसजेंडर लोगों को पालक (Foster) या दत्तक (Adoptive) माता-पिता बनने से रोकता है.
दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पारित
इस विधेयक को दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पारित किया गया. इसमें किसी भी व्यक्ति को ‘लिंग परिवर्तन’ के लिए चिकित्सीय मदद या फिर आधिकारिक दस्तावेजों और सार्वजनिक रिकॉर्ड में किसी के लिंग को बदलने पर प्रतिबंध लगाता है. वहीं, इस नए विधयेक में जन्मजात विसंगतियों से पैदा होने वाले को चिकित्सीय मदद को अपवाद में रखा गया है, यानी यह कानून इस पर प्रतिबंध नहीं लगाता है.
ट्रांसजेंडर नहीं होने पर फॉस्टर पैरेंट
रूस का यह नया कानून ‘लिंग परिवर्तन’ कर शादी की मान्यता को रद्द करता है और ट्रांसजेंडर लोगों को पालक (Foster) या दत्तक (Adoptive) माता-पिता बनने से रोकता है. बताया जा रहा है कि यह प्रतिबंध ‘पारंपरिक मूल्यों’ (Traditional Values) की रक्षा के लिए क्रेमलिन के धर्मयुद्ध से उपजा है. वहीं, कानून निर्माताओं ने कहा कि पश्चिमी देशों के ‘परिवार विरोधी’ विचारधारा से रूस को बचाने के लिए शुरू किया गया है. लोगों का मानना है कि लिंग परिवर्तन एक ‘शैतानवादी प्रक्रिया’ है.
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दशकों पहले हो गई थी शुरुआत
रूस में एलजीबीटीक्यू+ (LGBTQ+) मान्यताओं को खत्म करने के लिए दशक पहले शुरुआत हुई थी. जब राष्ट्रपति पुतिन ने चर्च समर्थित ‘पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों’ की रक्षा के लिए मान्यताओं का समर्थन किया था. 2013 में क्रेमलिन ने नाबालिगों में ‘गैर-पारंपरिक यौन संबंधों’ पर प्रतिबंध लगाया था. वहीं, 2020 में पुतिन ने समलैंगिक विवाह को गैरकानूनी घोषित किया था और इसके प्रचार पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.
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पहले प्रकाशित : 25 जुलाई, 2023, 4:40 अपराह्न IST