हाइलाइट्स

जिम में जाकर शुरुआत में भारी वजन वाले बारबेल नहीं उठाने चाहिए.
बारबेल उठाते वक्त आपके पास फिटनेस ट्रेनर जरूर होना चाहिए.

जिम के लिए वजन प्रशिक्षण युक्तियाँ: जिम करने का ट्रेंड देश में तेजी से बढ़ रहा है. युवाओं के मन में जिम को लेकर क्रेज देखा जा सकता है. जिम करते वक्त अधिकतर लोग वेट लिफ्ट करने की कोशिश करते हैं. उन्हें लगता है कि जितना ज्यादा वजन उठाएंगे, उतना ज्यादा मजबूत बन जाएंगे. हालांकि जिम में जाकर अत्यधिक वजन उठाना खतरनाक हो सकता है. हाल ही में इंडोनेशिया से खौफनाक मामला सामने आया है. 33 साल के इंडोनिशाई फिटनेस इन्फ्लुएंसर जस्टिन विक्की की जिम में 210 किलो का बारबेल उठाते वक्त मौत हो गई. वह बारबेल उठाने की कोशिश कर रहे थे, तभी बारबेल गर्दन पर गिर गया और उनकी मौत हो गई. अब तक दुनियाभर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां अत्यधिक भारी बारबेल उठाने के चक्कर में लोगों की जान चली गई या वे गंभीर रूप से घायल हो गए. आज फिटनेस एक्सपर्ट से जानेंगे कि लोगों को जिम में किस तरह वेट उठाना चाहिए, ताकि उन्हें नुकसान न हो.

नोएडा के फोर्टियर फिटनेस एकेडमी के ट्रेनर देव सिंह के मुताबिक बॉडी बिल्डिंग के लिए खुद को तैयार करने के लिए लंबे समय तक प्रैक्टिस की जरूरत होती है. इसमें कई सालों का वक्त लगता है. आजकल यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो देखकर युवा 3 से 6 महीने में बेहतरीन बॉडी बनाने की कोशिश करते हैं, जो उनके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है. अधिकतर लोगों को लगता है कि इंटेंस एक्सरसाइज और अत्यधिक वजन उठाकर कम समय में आकर्षक बॉडी बनाई जा सकती है, लेकिन ऐसा करने से शरीर को भारी नुकसान होता है. हर किसी को जिम में अपनी बॉडी की क्षमता के अनुसार ही सभी एक्सरसाइज करनी चाहिए. कई लोग जोश में अपनी क्षमता से ज्यादा बारबेल उठाने की कोशिश करते हैं, जो खतरनाक है. जिम में हर चीज की एक प्रोसेस होती है, जिसे फॉलो करना बहुत जरूरी है. अचानक इंटेंस एक्सरसाइज करने से नुकसान हो सकता है.

कम वजन के साथ करें शुरुआत

फिटनेस ट्रेनर देव सिंह कहते हैं कि बारबेल उठाना भी एक एक्सरसाइज है. बारबेल से जो एक्सरसाइज होती है, उसे चेस्ट प्रेस कहा जाता है. एक्सरसाइज कोई भी हो, उसकी शुरुआत हल्के से करनी चाहिए. बारबेल को उठाने की शुरुआत कम वजन के साथ करनी चाहिए. आपके फिटनेस ट्रेनर आपकी स्ट्रेंथ को एनालाइज करके सही वजन के बारे में बता सकते हैं. बॉडी की कैपेसिटी, फ्लेक्सिबिलिटी, स्ट्रेंथ और टाइम के साथ धीरे-धीरे वेट बढ़ा सकते हैं. यह नियम सभी एक्सरसाइज पर लागू होता है. बारबेल उठाने के लिए सबसे पहले पोश्चर करेक्शन बहुत जरूरी है. पोश्चर करेक्शन अगर सही नहीं है, उसके बावजूद ज्यादा वेट उठाएंगे, तो इंजरी का शिकार हो जाएंगे. बॉडी की लिमिट के अनुसार ही वेट लिफ्टिंग करनी चाहिए. इसके लिए सही गाइडेंस भी जरूरी है. जिम हमेशा क्वालिफाइड फिजिकिल ट्रेनर के निर्देशों के अनुसार करनी चाहिए. 3 या 6 महीने बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन के लिए सही नहीं है. इसमें काफी वक्त लगता है.

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बारबेल उठाते वक्त बरतें ये 5 सावधानियां

– फिटनेस ट्रेनर के इंस्ट्रक्शन के अनुसार कम वजन वाले बारबेल से शुरुआत करें. बॉडी की स्ट्रेंथ, लिमिट और कैपेसिटी के आधार पर ही वजन उठाएं.

– जब भी आप बारबेल उठाएं, तब आपके आसपास इंस्ट्र्क्टर होने चाहिए. अगर वेट बहुत ज्यादा है, तो 2-3 लोग आपके पास जरूर होने चाहिए.

– अपनी क्षमता से ज्यादा वेट उठाने की कोशिश न करें. इससे आपके शरीर को गंभीर इंजरी होने का खतरा होता है. इसमें लापरवाही बिल्कुल न करें.

– बारबेल उठाते वक्त पूरा ध्यान उस पर लगाएं और किसी भी तरह की गलती न करें. बारबेल गिरने की नौबत हो, तो तुरंत ट्रेनर को बता दें.

– अगर आप जिम के बजाय घर पर बारबेल उठाते हैं, तो आप अपने लिए पर्सनल ट्रेनर हायर कर सकते हैं या उनसे सही सलाह ले सकते हैं.

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