नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को तीन कुख्यात ‘सूचीबद्ध आतंकवादियों’ और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) तथा खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों,से जुड़े छह अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. ये सभी ड्रग्स तस्कर/सप्लायर से आतंकवादी बने बीकेआई के हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा और केटीएफ के अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला, लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा के साथ विदेश में रहकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने ऑपरेटिव नेटवर्क बनाने में शामिल रहे हैं.
इन आतंकियों के पाकिस्तान और अन्य देशों में ड्रग तस्करों/खालिस्तानी गुर्गों के साथ घनिष्ठ संपर्क बताए जाते हैं. विदेशों में स्थित गुर्गों के नेटवर्क के माध्यम से वे आतंकवादी गतिविधियों, जबरन वसूली और हथियारों और दवाओं की सीमा पार तस्करी को अंजाम देने के लिए भारत में अपने सहयोगियों की भर्ती कर रहे हैं. उनके उत्तर भारत में सक्रिय प्रमुख गिरोहों से भी संबंध उजागर हुए हैं, जिनमें स्थानीय गैंगस्टर, संगठित आपराधिक सिंडिकेट और नेटवर्क शामिल हैं.
एनआईए की जांच में बीकेआई और केटीएफ के लिए धन जुटाने का भी पता चला है. इस फंड को भारत स्थित सहयोगियों को अनौपचारिक चैनलों के साथ-साथ लेयरिंग और फंड प्रावधान के साथ औपचारिक चैनलों के माध्यम से भेजा जा रहा था. एमटीएसएस या अन्य साधनों का उपयोग इस तरह से किया जा रहा था कि धन भेजने वाले या प्राप्तकर्ता की पहचान पूरी तरह से छिप जाए.
आरोपियों के लिंक की जांच कर रही एनआईए
एनआईए बीकेआई और केटीएफ से जुड़े 16 अन्य फरार और गिरफ्तार आरोपियों के लिंक की भी जांच कर रही है. एक पूर्व गैंगस्टर, हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा अब एक बहुत महत्वपूर्ण बीकेआई सदस्य और खालिस्तानी ऑपरेटिव है. वर्ष 2018/19 में वह अवैध रूप से पाकिस्तान भाग गया और वर्तमान में आईएसआई के संरक्षण में वहां रह रहा है. वह भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में शामिल है.
रिंदा पाकिस्तान से भेज रहा था हथियार
रिंदा पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में हथियारों, गोला-बारूद विस्फोटकों और दवाओं की तस्करी, बीकेआई कार्यकर्ताओं की भर्ती, हत्याएं, पंजाब और महाराष्ट्र राज्यों में जबरन वसूली के माध्यम से बीकेआई के लिए धन जुटाने जैसे विभिन्न अपराधों में शामिल है. वह मई 2022 में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस मुख्यालय पर आरपीजी हमले सहित कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है, और भारत सरकार द्वारा 2023 में उसे ‘व्यक्तिगत आतंकवादी’ घोषित किया गया था.
आरोपी अर्शदीप की क्या है हिस्ट्री?
आरोपी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला मोगा पंजाब का रहने वाला है जो देश का एक कुख्यात गैंगस्टर था. वह कनाडा चला गया था. कनाडा में डाला हरदीप सिंह निज्जर के संपर्क में आया, जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन केटीएफ का प्रमुख था और दोनों केटीएफ के लिए धन जुटाने और पंजाब में व्यापारियों और विशेष समुदायों के नेताओं की लक्षित हत्या को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती और आतंकवादी गिरोह बनाने में लगे हुए थे. डाला को भारत सरकार द्वारा 2023 में ‘व्यक्तिगत आतंकवादी’ घोषित किया गया है.
लखबीर सिंह संधू ने 2017 में कनाडा को बनाया ठिकाना
तरनतारन पंजाब का निवासी लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा आपराधिक और गैंगस्टर संबंधी गतिविधियों में शामिल था. 2017 में वह कनाडा चला गया और वहीं से अपनी गतिविधियां जारी रखीं. इस बीच वह बीकेआई आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा के संपर्क में आया और रिंदा और बीकेआई के लिए काम करना शुरू कर दिया. वह कई आतंकवादी घटनाओं में मुख्य आरोपी रहा है, जिसमें मई 2022 में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस मुख्यालय पर आरपीजी हमला और दिसंबर, 2022 में तरनतारन के सरहाली पुलिस स्टेशन पर आरपीजी हमला शामिल है. वह अगस्त, 2022 में पंजाब पुलिस एसआई दिलबाग सिंह की हत्या की साजिश का भी मास्टरमाइंड था.
विदेशों में रहकर चला रहे नेटवर्क
एनआईए द्वारा चार्जशीटिड अन्य विदेशी आधारित बीकेआई नोड्स में हरजोत सिंह, पंजाब निवासी और वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं. कश्मीर सिंह गलवाडी, निवासी पंजाब और नाभा जेलब्रेक मामले का फरार आरोपी है और संदेह है कि वह इस समय नेपाल में है. इसके साथ तरसेम सिंह, लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा के भाई वर्तमान में दुबई में हैं. वहीं, गुरजंट सिंह वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में केटीएफ के विदेश स्थित नोड्स में से एक है, जिसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है. एनआईए द्वारा आरोपपत्र में शामिल अन्य आरोपी दीपक रंगा और लकी खोखर उर्फ डेनिस हैं, जिन्हें भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विदेशी आकाओं द्वारा भर्ती किया गया था.
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पहले प्रकाशित : 23 जुलाई, 2023, शाम 5:53 बजे IST