नई दिल्ली. टीम इंडिया के बॉलिंग कोच पारस म्हाम्ब्रे ने दूसरे टेस्ट की पिच को बल्लेबाजी के लिए बेहद धीमी करार देते हुए शॉट खेलने का प्रयास तक नहीं करने के लिए वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यहां 20 विकेट लेना मुश्किल है. मेजबान वेस्टइंडीज की टीम 2 मैचों की सीरीज में अभी 0-1 से पीछे है. उसने दूसरे टेस्ट में भारत के 438 रन के जवाब में तीसरे दिन रन तेज बल्लेबाजी की कोशिश नहीं की. कैरेबियाई टीम ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने पर 5 विकेट पर 229 रन बनाए थे और वह भारत से अभी भी 209 रन पीछे है. विंडीज के बल्लेबाजों ने अब तक 108 ओवर बल्लेबाजी की है और 2.12 के रनरेट से रन जोड़े हैं.

पारस म्हाम्ब्रे ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि पोर्ट ऑफ स्पिन की पिच बेहद धीमी है. इस कारण यहां बल्लेबाजी आसान दिख रही है. दिन का खेल समाप्त होने तक यह थोड़ा टर्न लेने लग गई थी. वेस्टइंडीज ने बल्लेबाजी में बेहद रक्षात्मक रवैया अपनाया. जब बल्लेबाज शॉट खेलने का प्रयास करता है, तो विकेट लेने का भी मौका होता है, लेकिन उन्होंने ऐसी कोशिश ही नहीं की.

गेंदबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा
पारस म्हाम्ब्रे ने कहा कि हमारे गेंदबाजों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया. उन्हें जो भी मौके मिले, उन्होंने उसका फायदा उठाया. मुंबई के इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि पिच जीवंत होनी चाहिए. बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच संतुलन होना चाहिए. डोमिनिका की पिच में टर्न था, लेकिन हमने परिस्थितियों का बेहतर इस्तेमाल किया. इस पिच पर हालांकि 20 विकेट लेना मुश्किल होगा.

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भारतीय गेंदबाजी कोच ने अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे तेज गेंदबाज मुकेश कुमार के प्रदर्शन पर संतोष जताया, जिन्होंने किर्क मैकेंजी के रूप में अपना पहला विकेट लिया. म्हाम्ब्रे ने कहा कि पहले सत्र में पहली गेंद करने के बाद उसने जो गेंदबाजी दिखाई, उससे मैं काफी खुश हूं. दूसरे सत्र में उसने गेंद को मूव कराने क प्रयास किया. यह वास्तव में अच्छा था.

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