नई दिल्ली. सीमा हैदर की तर्ज पर भारत नेपाल सीमा से फर्जी दस्तावेजों के सहारे एक चीनी नागरिक ने भी भारत में घुसने की कोशिश की. सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के चलते इसे गिरफ्तार कर लिया गया है. भारत नेपाल सीमा दार्जीलिंग की सशस्त्र सीमा बल पानी टंकी आउटपोस्ट के पास गिरफ्तार किए गए चीनी नागरिक का नाम पेन है और वो नेपाल में पहचान बदल कर फर्जी नाम उमेश की पहचान के साथ रह रहा था. इसी नाम से उसने पासपोर्ट भी नेपाल का बनवा रखा था.

न्यूज़ 18 इंडिया के पास चीनी नागरिक के फर्जी पासपोर्ट की कॉपी और चीन का आई कार्ड है. इसी फर्जी पासपोर्ट के आधार पर चीनी नागरिक नेपाली नागरिक बनकर भारत की सीमा में दाखिल हो रहा था. सुरक्षा एजेंसी सूत्रों के मुताबिक नेपाल में जब चीन के नागरिक का पासपोर्ट बना तो वहां उसे पासपोर्ट बनवाने में स्थानीय लोगों से पूरी मदद मिली. अब सुरक्षा एजेंसियों पकड़े गए चीनी नागरिक से पूछताछ कर रही हैं. उसके भारत में घुसपैठ करने के असल मकसद का पता लगाया जा रहा है.

डोकलाम इलाके में भी चीनी घुसपैठिए की लोकेशन
न्यूज़ 18 इंडिया के पास इस पूरे मामले में FIR कॉपी भी है जो इस चीनी नागरिक के भारत में दाखिल होने की मंशा को बयां करती है. सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां इस इस गिरफ्तारी के जरिए कई जानकारियां जुटाना चाहती हैं. चीनी घुसपैठिए की लोकेशन डोकलाम चिकन नेक इलाके के पास की है. इतनी संवेदनशील जगह पर आखिरकार ये चीनी नागरिक क्या कर रहा था.

यहां पाकिस्तानी और बांग्लादेशी भी हो चुके गिरफ्तार
भारत नेपाल सीमा 1850 किलोमीटर की है, लेकिन उसने दार्जिलिंग का यह इलाका क्यों चुना? उसने डोकलाम रीजन के पास का इलाका चुना, ये भी बहुत बड़ा सवाल है जहां भारत चीन का विवाद था. इससे पहले इस इलाके से नियमित अंतराल पर बांग्लादेशी गिरफ्तार होते रहे हैं. यहां तक कि पाकिस्तानी नागरिक को भी 6 माह पूर्व गिरफ्तार किया गया था. चीनी नागरिक यहां पहली बार गिरफ्तार हुआ है.

सीमा हैदर प्रकरण से जोड़कर देख रहीं सुरक्षा एजेंसियां
दरअसल, सीमा हैदर प्रकरण के बाद खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है. चीनी शख्स भी उसी तरीके से फर्जी कागजात के आधार पर भारत में दाखिल हो रहा था, जैसे सीमा भारत में दाखिल हुई थी. इस बार सतर्क निगाहों ने भारत-नेपाल सीमा पर संदिग्ध थर्ड नेशन सिटीजन को गिरफ्तार कर लिया.

7 साल से पहचान छुपाकर नेपाल में रह रहा था चीनी
अब इस बात की पड़ताल की जा रही है कि क्यों 7 साल तक अपनी पहचान बदलकर यह शख्स नेपाल में रह रहा था. नेपाल में किन-किन लोगों ने इसकी फर्जी पासपोर्ट बनवाने में मदद की इसका पता सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां लगा रही हैं. जिस तरीके से सीमा हैदर से नेपाल में कागजातों के वेरिफिकेशन के लिए पूछताछ नहीं की गई, उसी तरह क्या इस से भी पूछताछ नहीं की गई इस बात का भी पता लगाया जा रहा है.

अभी तक खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ में क्या मिला?
सूत्रों के मुताबिक यह शख्स फिलहाल नपी तुली बातें ही जांच एजेंसियों को बता रहा है. उसका कहना है कि वह नेपाली है और 7 साल से नेपाल में रह रहा है. चीन से आने के बाद और वह चीन वापस नहीं जाना चाहता. पासपोर्ट के अलावा उसके पास से जो और फर्जी कागजात मिले हैं उनकी जांच की जा रही है. इस शख्स के पास भारतीय करंसी भी मिली है, जिसकी जांच की जा रही है.

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