हाइलाइट्स
2011 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम आबादी का अनुपात 14.2%
31 मार्च, 2014 के बाद पहली बार 50.2% मुस्लिमों ने खरीदा नया घर या फ्लैट
पीने के पानी के बेहतर स्रोत वाले मुसलमानों का प्रतिशत 94.9% रिकॉर्ड हुआ
नई दिल्ली. भारत की आबादी तेजी के साथ बढ़ रही है. पिछले दिनों जनसंख्या (Population) को लेकर आए दुनियाभर के देशों के आंकड़ों में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया था और सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया था. ऐसे में अब भारत सरकार (Government of India) की ओर से अकेले मुस्लिम आबादी (Muslim Population) को लेकर भी आंकड़े पेश किए गए हैं. मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस की माला रॉय के सवालों का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने अनुमान जताया है कि मुसलमानों की आबादी 2011 (Census 2011) में 17.2 करोड़ के मुकाबले 2023 में 19.7 करोड़ हो जाएगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में स्मृति ईरानी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार मुसलमानों की कुल आबादी 14.2% थी और 2023 में उनकी आबादी का हिस्सा उसी अनुपात में रहने का अनुमान है. लेकिन सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि 2023 में मुसलमानों की आबादी 19.7 करोड़ होने का अनुमान है.
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अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार, मुस्लिम आबादी 17.2 करोड़ थी. वहीं, जुलाई 2020 में जनसंख्या अनुमान पर सौंपी गई टेक्नीकल ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में देश की अनुमानित जनसंख्या 138.8 करोड़ थी. उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम आबादी का अनुपात 14.2% था. इस समान अनुपात को लागू करने पर 2023 में मुसलमानों की अनुमानित आबादी 19.7 करोड़ होने का अनुमान है.
मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में जवाब देते हुए मंत्री ईरानी ने साक्षरता दर, श्रम बल की भागीदारी और पानी, शौचालय और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच के बारे में भी सदन को जानकारी दी. हालांकि, पसमांदा मुसलमानों से संबंधित जनसंख्या डेटा पर सवालों का जवाब नहीं दिया गया.
रॉय ने तीन सवाल पूछे थे – क्या 30 मई तक मुस्लिम आबादी पर कोई देशव्यापी डेटा था, क्या सरकार के पास पसमांदा मुस्लिम पर कोई जनसंख्या डेटा था, और देश में पसमांदा मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का विवरण क्या है.
ईरानी ने आगे कहा कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा आयोजित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) 2021-22 के अनुसार, 7 साल और उससे अधिक आयु के मुसलमानों की साक्षरता दर 77.7% थी और सभी उम्र के लिए श्रम बल भागीदारी दर 35.1% थी.
मंत्री ने संसद को इससे भी अवगत कराया कि चुनिंदा सतत विकास लक्ष्य संकेतकों पर डेटा एकत्र करने के लिए MoSPI द्वारा किए गए एकाधिक संकेतक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, पीने के पानी के बेहतर स्रोत वाले मुसलमानों का प्रतिशत 94.9% था. वहीं इन सभी आबादी को बेहतर शौचालय सुविधा मुहैया कराई गई. इसका कुल प्रतिशत 97.2% रहा. और जिन मुस्लिम परिवारों ने 31 मार्च, 2014 के बाद पहली बार नया घर या फ्लैट खरीदा था, उनका प्रतिशत 50.2% रिकॉर्ड हुआ है.
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पहले प्रकाशित : 21 जुलाई, 2023, 08:11 पूर्वाह्न IST