नई दिल्ली. भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह को बीते गुरुवार दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले में स्थायी जमानत दे दी. इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण सिंह पर लगे आरोप ‘गंभीर’ हैं लेकिन जमानत तय करने के लिए ‘आरोपों की गंभीरता’ ही एकमात्र कसौटी नहीं है.
दिल्ली कोर्ट ने जमानत आदेश में कहा कि इस स्तर पर उन्हें हिरासत में लेने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा. अदालत ने कहा, ‘अतिरिक्त लोक अभियोजक ने जमानत का विरोध भी नहीं किया है, उनकी सरल दलील यह है कि इसे सतेंदर कुमार अंतिल (सुप्रा) मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार तय किया जाना चाहिए.’ कोर्ट ने कहा कि देश का कानून सबके लिए बराबर है, इसे न तो पीड़ितों के पक्ष में खींचा जा सकता है और न ही आरोपी व्यक्तियों के पक्ष में झुकाया जा सकता है.
दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बृहस्पतिवार को नियमित जमानत दे दी. अदालत ने डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर की जमानत अर्जी भी मंजूर कर ली. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल सिंह ने कहा, ‘‘मैं कुछ शर्तों के साथ 25,000 रुपये के एक मुचलके पर जमानत मंजूर करता हूं.’’
अदालत ने आरेापी को अनुमति के बगैर देश से बाहर न जाने और मामले में गवाहों को कोई प्रलोभन न देने का भी निर्देश दिया. दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद के खिलाफ 15 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना), 354ए(यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक भयादोहन) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया था. अदालत ने दिन में, सिंह और तोमर की जमानत अर्जियों पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. न्यायाधीश ने आरोपियों के वकीलों, अभियोजन और शिकायतकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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पहले प्रकाशित : 21 जुलाई, 2023, 2:41 अपराह्न IST
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