नई दिल्ली. कश्मीरी आतंकी यासीन मलिक को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश किए जाने पर जज ने नाराजगी जाहिर की. जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि हमने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था, जिसमें कहा गया हो कि उसे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना है. यासीन की पेशी पर अब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि प्रतिबंध के बावजूद यासीन मलिक को सुप्रीम कोर्ट लाना सुरक्षा में भारी चूक है. तिहाड़ डीजी ने इस मामले में जांच के लिए टीम गठित की है. तीन-चार दिन में इस मामले में ये टीम अपनी रिपोर्ट सौपेंगी कि आखिर लापरवाही किसकी थी?

गौरतलब है कि टेरर फंडिंग केस में दोषी ठहराए जाने के बाद से यासीन मलिक तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है. यासीन को जम्मू अदालत के आदेश के खिलाफ CBI की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था. अलगाववादी नेता यासीन मलिक को सुप्रीम कोर्ट में लाए जाने पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को चिट्ठी लिखते हुए कहा कि यासीन को इस तरह सुप्रीम कोर्ट लाना सुरक्षा में चूक जैसा है. इस तरह से कोई बड़ी घटना भी हो सकती है. इस मामले में फौरन कार्रवाई की जानी चाहिए.

आतंकी फंडिंग मामले में दोषी है यासीन मलिक
तुषार मेहता ने केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा कि यासीन मलिक जैसे आतंकवादी और अलगाववादी पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति, जो न केवल आतंकी फंडिंग मामले में दोषी है, बल्कि जिसके पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध हैं. वह भाग सकता था, जबरन ले जाया जा सकता था या मारा जा सकता था.

सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि अगर अप्रिय घटना घटी होती.
अगर कोई अप्रिय घटना घटती तो सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती थी. मामले को देखते हुए जब तक सीआरपीसी की धारा 268 के तहत आदेश लागू है, जेल अधिकारियों के पास उसे जेल परिसर से बाहर लाने की कोई शक्ति नहीं है. पत्र में उन्होंने जेल से बाहर यासीन को सुप्रीम कोर्ट ले जाए जाने पर कार्रवाई की मांग की है.

(भाषा इनपुट से)

टैग: नई दिल्ली खबर, सुप्रीम कोर्ट, यासीन मलिक

Source link

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *