हाइलाइट्स

अध्ययन में बताया गया कि प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल का इस्तेमाल गर्भ में पल रहे बच्चों में तंत्रिका संबंधी विकार पैदा कर सकता है.
अध्ययन के मुताबिक पैदा लेने वाले बच्चे में अटेंसन डेफीसिट हाइपरएक्टिविटी डिर्सोडर हो सकता है.

गर्भावस्था में पेरासिटामोल का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है: जब भी हमें बुखार लगता है या शरीर में दर्द करता है हम क्रोसिन, कालपोल, डोलो जैसी पैरासिटामोल की दवाइयां खा लेते हैं. प्रेग्नेंसी के दौरान भी पैरासिटामोल का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जाता है. भारत में खासतौर से पैरासिटामोल का इस्तेमाल बिना सोचे-समझें प्रेग्नेंसी में महिलाएं करती हैं. लेकिन रिसर्च की मानें तो पैरासिटामोल प्रेग्नेंट महिला और उसके पेट में पल रहे बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है.

रिसर्च में कहा गया है कि एक बार जब पैरासिटामोल में मौजूद तत्व प्लेसेंटा के बैरियर को पार कर लेता है तो यह भ्रूण को काफी नुकसान पहुंचाता है और इससे वच्चे के विकास पर असर पड़ता है और लिवर में खराबी आने लगती है. रिसर्च के मुताबिक प्रेग्नेंसी में बिना सोचे समझें पैरासिटामोल का इस्तेमाल बच्चों में रिप्रोडक्टिव और यूरोजेनाइटल डिसॉर्डर के जोखिम को बढ़ा देता है. इस बीमारी में बच्चे का यूरेथ्रा (मूत्र छिद्र) जनन अंग के टिप पर नहीं खुलता.

बच्चे में आईक्यू के कम होने जैसी समस्या
एनसीबीआई के जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान पैरासिटामोल का भ्रूण पर होने वाले असर को लेकर एक स्टडी की गई. इसमें 760 प्रेग्नेंट महिलाएं के डेटा का विश्लेषण किया गया. हालांकि इस अध्ययन में यह नहीं पाया गया कि पैरासिटामोल का इस्तेमाल करने वाली प्रेग्नेंट महिलाओं में प्रसव समय से पहले हो जाता है लेकिन कुछ अन्य जटिलताएं पाई गई. वहीं प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल के इस्तेमाल को लेकर अब तक कई रिसर्च हो चुकी है. डेली मेल की खबर में स्वीडन के शोधकर्ताओं के हवाले से बताया गया है कि प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल का ज्यादा इस्तेमाल से भ्रूण में कई तरह के विकार आ सकते हैं. अध्ययन के मुताबिक पैदा लेने वाले बच्चे में अटेंसन डेफीसिट हाइपरएक्टिविटी डिर्सोडर, ऑटिज्म, लड़कियों में भाषा की दिक्कत और आईक्यू में कमी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती है.

वैज्ञानिकों ने भी किया अगाह
यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगेन के डॉ केविन क्रिस्टेनसन के नेतृत्व में पैरासिटामोल का इंसान और जानवरों पर असर को लेकर यह अध्ययन किया गया था. अध्ययन के आधार पर डॉक्टरों ने सलाह दी है कि गर्भवती महिलाओं को बिना डॉक्टरों की सलाह से पैरासिटामोल का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए. अध्ययन में बताया गया कि प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल का इस्तेमाल गर्भ में पल रहे बच्चों में तंत्रिका संबंधी विकार पैदा कर सकता है. इससे बच्चों की मानसिक क्षमता पर असर पड़ता है और उसकी सीखने की क्षमता प्रभावित होती है. कुछ समय पहले दुनिया के 91 वैज्ञानिकों ने भी लोगों की सलाह दी थी कि प्रेग्नेंसी के दौरान पैरासिटामोल दवा का इस्तेमाल नहीं करें. नेचर रिव्यू एंडोक्राइनोलॉजी जर्नल की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने ऐसी सलाह दी है.

इसे भी पढ़ें-क्या आप जानते हैं हाई बीपी कितने तरह के होते हैं? जानें किसमें कितना है खतरा और कैसे करें इससे बचाव

इसे भी पढ़ें-पेट की गंदगी को क्लीन स्वीप कर देंगी ये 3 हर्बल टी, रात में सोने से पहले कर लें सेवन, सुबह बोझ हो जाएगा हल्का

टैग: स्वास्थ्य, जीवन शैली, प्रेग्नेंसी और पैरेंटिग

(टैग्सटूट्रांसलेट)गर्भावस्था में पेरासिटामोल का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है(टी)गर्भावस्था में पेरासिटामोल का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है(टी)गर्भावस्था के दौरान पेरासिटामोल के दुष्प्रभाव क्या हैं(टी)क्या गर्भावस्था के दौरान डोलो 650 सुरक्षित है(टी)इसका ख्याल रखें गर्भवती होने पर पैरासिटामोल(टी) गर्भावस्था में पैरासिटामोल का अत्यधिक उपयोग(टी)गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल का उपयोग(टी)गर्भावस्था में पैरासिटामोल का उपयोग खतरनाक(टी)पैरासिटामोल के दुष्प्रभाव(टी)गर्भावस्था में तरल पैरासिटामोल(टी)गर्भावस्था में पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम(टी)कैलपोल गर्भावस्था में उपयोग (टी) गर्भावस्था में क्रोसिन 500 का उपयोग (टी) गर्भावस्था में डोलो 650 का उपयोग (टी) गर्भावस्था में सूमो एल का उपयोग

Source link

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *