हाइलाइट्स

चांद के रात और दिन के तापमान में बहुत ज्यादा अंतर होता है, रातें बहुत ज्यादा ठंडी होती हैं
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि चांद पर पृथ्वी की तरह मौसम नहीं बदलते

आप सोच रहे होंगे कि जैसे पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे का होता है, उतना ही लंबा दिन चंद्रमा पर भी होता होगा. अगर ये कहें कि नहीं ऐसा नहीं होता तो शायद आपका जवाब होगा – हो सकता है कि ये कुछ छोटा या बड़ा लेकिन पृथ्वी के दिन की लंबाई की तरह इसके दिनों की लंबाई में कोई बहुत अंतर नहीं होने वाला. तो आप गलत हैं, अंतर तो इतना ज्यादा है कि हैरान कर देने वाला है. चंद्रमा का एक दिन जितना लंबा है, वो वाकई हैरान कर देता है.

दरअसल चांद का एक दिन पृथ्वी के करीब 28 दिनों के बराबर होता है. यानि करीब 14 दिनों की रात और 14 दिनों का ही दिन. है ना हैरानीभरा. ऐसा क्यों होता है ये तो हम आपको आगे बताएंगे लेकिन ये भी बता दें कि चांद पर कुछ भी पृथ्वी जैसा नहीं है.

यहां की रात और दिन के तापमान के साथ मौसम में बहुत अंतर आता रहता है. अगर आप ये मानते हों कि पृथ्वी पर ही उत्तरी ध्रुव या उत्तरी गोलार्द्ध के कुछ देशों में बहुत ज्यादा ठंड होती है. तापमान माइनस में बहुत नीचे तक चला जाता है तो यकीन मानिए इस मामले में चांद कई कदम आगे है.

चांद के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के हालात में बहुत अंतर
कहा जाता है कि चांद के उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव के नेचर में बहुत अंतर है. लिहाजा दोनों की रात, तापमान में भी अंतर बताया गया है. चांद का एक हिस्सा ऐसा भी है, जो कभी पृथ्वी का सामना नहीं करता, यहां आमतौर पर कम रोशनी होती है.

चांद जब अपनी कक्षा में 360 डिग्री घूमते हुए पृथ्वी की एक परिक्रमा करता है, तो उसमें उसे 27.32 दिन लगते हैं. ऐसे में पहले एक हिस्सा काफी समय तक पृथ्वी की ओर होता है. फिर यही हाल चांद के दूसरे हिस्से का होता है.

चांद में दक्षिण ध्रुव में रातों में तापमान -200 डिग्री तक चला जाता है, जिसमें कोई भी चीज बचती नहीं. courtesy – nasa

रात में तापमान गिरता जाता है
पृथ्वी पर एक दिन चौबीस घंटे का होता है. उसमें 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है. वहीं चांद पर एक दिन करीब 14 दिन का होता है. रात भी इतनी लंबी होती है. लिहाजा चांद की सतह पर मौजूद वस्तुओं पर रात और दिन का बहुत असर होता है. रात में चांद का तापमान लगातार गिरता है. दिन में तापमान लगातार बढ़ता है.
फिर चांद के अलग अलग हिस्सों की स्थितियां भी अलग हैं. माना जाता है कि चांद का साउथ पोल ज्यादा ठंडा होता है. रातें तो इतनी ठंडी होती हैं कि पृथ्वी का कोई भी मनुष्य शायद वहां उन हालात में रह पाए. बस्तियां बनाने की कल्पना तो दूर की बात है.

कितने समय में करता है पृथ्वी की परिक्रमा
चंद्रमा की कक्षीय अवधि (मतलब चंद्रमा द्वारा पृथ्वी के चारों ओर एक परिक्रमा पूरी करने में लगने वाला समय) वास्तव में लगभग 27.3 पृथ्वी दिवस के बराबर हैं – या सटीक कहें तो 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट और 11.5 सेकंड.

क्या है चांद के एक दिन का सटीक समय
चंद्रमा की कक्षीय अवधि (मतलब चंद्रमा द्वारा पृथ्वी के चारों ओर एक परिक्रमा पूरी करने में लगने वाला समय) वास्तव में लगभग 27.3 पृथ्वी दिवस के बराबर हैं – या सटीक कहें तो 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट और 11.5 सेकंड.

क्यों चंद्रमा पर एक दिन इतना लंबा होता है
जब चंद्रमा अपनी धुरी पर घूमता है, तो उसके घूमने की गति बहुत धीमी है. जो पहले ही बता चुके हैं कि 27.3 पृथ्वी दिनों के बराबर है. उतना ही समय उसे पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में लगता है. इसी वजह से चांद पर एक दिन 28-29 दिनों का होता है.

इसे इस तरह भी सरलता से समझ सकते हैं कि चंद्रमा की सतह पर जब आप खड़े होंगे तो तो सूर्य को पूरे आकाश में घूमने और फिर से मूल स्थिति में लौटने में 29.5 दिन लगेंगे

रात ठंडी होने के साथ बर्फीली होती है
अगर वैज्ञानिकों की मानें तो चांद के साउथ पोल पर तापमान दिन में भी ज्यादा गर्म नहीं होता लेकिन रातें बहुत ठंडी होती हैं. समय गुजरने के साथ ये गिरता है. हर ओर बर्फ जमने लगती है. ठंडे अंधड़ चलते हैं. ये इस क्षेत्र में रहने की स्थितियों को और दुरुह बना देते हैं. इन्हीं दुश्वारियों के चलते चांद पर अब जितने भी मिशन गए हैं, वो सब उत्तरी इलाके में गए हैं.

चांद की एक रात पृथ्वी की 14 रातों के बराबर होती है. चांद का एक दिन हमारे 27-28 दिन के बराबर

तापमान माइनस 200 डिग्री के पास पहुंच जाता है
समय गुजरने के साथ तापमान माइनस 200 से नीचे चला जाता है. इस तापमान में कोई भी चीज बच नहीं पाती. लेकिन ये भी कहा जाता है कि ये वो इलाका है जहां पानी मिलने की संभावना है. यहां कुछ ऐसे गहरे क्रेटर हैं, जिसमें गहराई में पानी है. वैसे इस क्षेत्र में कुछ क्रेटर्स इतने गहरे भी हैं कि वहां शायद कभी सूर्य की रोशनी पहुंची नहीं.

उत्तरी पोल में ठंड अपेक्षाकृत कम
उत्तरी पोल में तापमान रात में अपेक्षाकृत कम ठंडा होता है. वैसे ये इलाका शुष्क और धूल वाला है. अब आइए चांद के दिन के तापमान की बात करते हैं. दिन में यहां का तापमान गर्म हो जाता है, जो 260 डिग्री फारेनहाइट यानि 127 डिग्री सेल्शियस तक हो जाता है, ये तब होता है जब चांद पर सूरज की रोशनी लगातार पड़ती है.

चांद के साउथ पोल वाले इलाके में कुछ क्रेटर्स ऐसे हैं जहां कभी सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पाती

शुक्र है कि चांद पर गए किसी भी एस्ट्रोनॉट ने चांद के इस तापमान को नहीं झेला. नासा के अपोलो मिशन ने सबसे पहले नील आर्मस्ट्रांग को चांद पर भेजा. उसके बाद 1969 से 1972 के बीच 11 अन्य लोग भी वहां पहुंचे. लेकिन ये तभी पहुंचे, जब चांद पर सुबह हो चुकी थी.

चांद पर क्यों नहीं होते मौसम?
परिक्रमा के दौरान चांद अपनी धुरी पर सिर्फ 1.54 डिग्री तक तिरछा होता है जबकि पृथ्वी 23.44 डिग्री तक. इस वजह से दो बातें होती हैं. एक यह कि चांद पर पृथ्वी की तरह मौसम नहीं बदलते और दूसरी बात ये कि चांद के ध्रुवों पर ऐसे कई इलाके हैं जहां कभी सूरज की रोशनी या किरणें पहुंच ही नहीं पातीं.

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