नई दिल्‍ली. पाकिस्तान (Pakistan) के विशेष दूत आसिफ दुर्रानी गुरुवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचे जहां उन्होंने आतंकवादी संगठनों तहरीके तालिबान पाकिस्तान (Tehrik-e-Taliban Pakistan)  समेत अन्य आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने के लिए तालिबानी नेताओं और अधिकारियों से वार्ता शुरू की है. उधर आज दोपहर लगभग 12:00 बजे दो आत्मघाती आतंकवादियों ने खैबर इलाके के बारा पुलिस थाने में घुसने की कोशिश की. थाने के अंदर काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट द्वारा पकड़े गए कुछ संदिग्ध आतंकवादियों से पूछताछ की जा रही थी.

इन दोनों आत्मघाती हमलावरों की संदिग्ध गतिविधि के आधार पर पुलिस थाने के अंदर घुसने पर पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की जिसके जवाब में दोनों आत्मघाती हमलावरों ने अपनी सुसाइड जैकेट का बटन दबाकर विस्फोट कर दिया. इस विस्फोट के दौरान एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए और अब तक तीन पुलिसकर्मियों के मरने की खबर आई है.

72 घंटों के दौरान तीसरा सुसाइडल अटैक , टीटीपी ने ली जिम्‍मेदारी
पिछले 72 घंटे के दौरान यह तीसरा सुसाइड अटैक है जो पाकिस्तान के सुरक्षा कर्मियों पर किया गया है. इस सुसाइडल अटैक के 1 घंटे बाद इस घटना की जिम्मेदारी  आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली है. आतंकवादी संगठन टीटीपी प्रवक्ता ने बाकायदा इस बाबत एक नोट जारी किया जिसमें सुसाइड हमलावरों के नाम भी बताए गए हैं. किए गए दावे के मुताबिक यह आत्मघाती हमला उसके सुसाइड बांबरों शाहिद उल्ला यूसुफजई उर्फ हमजा और हंजला मोहम्‍मद नामक आतंकवादियों द्वारा किया गया था. दिलचस्प यह भी है कि इसी आतंकवादी संगठन पर लगाम कसने के लिए अफगानिस्तान में पाकिस्तान के विशेष दूत अफगानिस्तान पहुंचे हैं.

विशेष दूत आसिफ दुर्रानी अफगानिस्‍तान में
दिलचस्प है कि इन आतंकवादी संगठनों पर लगाम लगाम कसने की वार्ता को लेकर पाकिस्तान के अफगानिस्तान के लिए विशेष दूत आसिफ दुर्रानी आज काबुल पहुंचे थे और उन्होंने वहां तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान से मुलाकात की. बताया जाता है कि इस दौरान कथित तौर पर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की गई और आसिफ दुर्रानी ने विशेष तौर पर तालिबान द्वारा समर्थित आतंकवादी गुटों पर लगाम लगाने की विशेष अपील की.

अफगानिस्तान चाहता है कि पाकिस्तान में शांति कायम रहे
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय का आधिकारिक तौर पर कहना है कि इस दौरान विदेश मंत्री अमीर खान मुतक्की ने उन्हें आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी संगठन नहीं कर पाएंगे और अफगानिस्तान चाहता है कि पाकिस्तान में हर तरह से शांति कायम रहे. पाकिस्तान से गई यह विशेष टीम अभी अफगानिस्तान में ही मौजूद है जहां कथित शांति वार्ता के दौर चल रहे हैं और उधर पाकिस्तान में हुए इस बड़े हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि तालिबान का अब अपने ही बनाए गए आतंकवादी संगठन तहरीके तालिबान पाकिस्तान तथा उससे जुड़े संगठनों पर उतना कंट्रोल नहीं रह गया है जितना पाकिस्तान या अफगानिस्तान समझता है.

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