हाइलाइट्स

इस्लामिक तरीकों में हर नया दिन सूर्यास्त के साथ शुरू होता है और अगले दिन सूर्यास्त तक रहता है
नया हिज़री साल मुहर्रम महीने के पहले दिन से शुरू होता है, ये कैलेंडर चंद्र आधारित होता है

मुहर्रम के पहले दिन से नया इस्लामिक हिज़री साल शुरू हो जाता है. भारत में ये 20 जुलाई से शुरू हो रहा है. हालांकि सऊदी अरब में ये आज से यानि 19 जुलाई से शुरू हो चुका है. इसे हिजरी कैलेंडर, मुस्लिम कैलेंडर और इस्लामी कैलेंडर के तौर पर भी जाना जाता है. ये चंद्र कैलेंडर है. क्या आपको मालूम है ये कौन सा नया इस्लामिक साल शुरू होगा.

वैसे हम आपको बता दें कि ग्रेगोरियन पद्धति से अगर ये 2023 साल चल रहा है तो हिंदू शक संवत के अनुसार ये विक्रम संवत 2079 और शक संवत 1944 है. इस्लामिक कैलेंडर यानि हिज़री इसकी तुलना में नया है. इसकी शुरुआत 622 ईस्वी में हुई. अब 20 जुलाई से नया हिजरी सन 1445 शुरू होगा.

हिजरी एक चंद्र कैलेंडर है जिसमें 354 या 355 दिनों का एक साल होता है. इसमें भी 12 महीने होते हैं लेकिन चूंकि इसे चंद्रमा की घटती-बढ़ती चाल के अनुसार संयोजित नहीं किया जाता, लिहाजा ये हर साल 10 दिन पीछे खिसक जाता है. इसका उपयोग इस्लामी छुट्टियों और मुख्य पर्वों और दिनों को तय करने में होता है.

कब से शुरू हुआ इस्लामी हिजरी कैलेंडर
इसे हजरत मुहम्मद के मक्का छोड़कर मदीना जाने से शुरू माना गया है. हजरत के मदीना जाने को हिजरत कहा गया. इसी से हिज्र बना और इसी दिन से हिजरी कैलेंडर की शुरुआत हुई.

सप्ताह के दिन क्या हैं
परंपरागत रूप से इस्लामी दिन सूर्यास्त से शुरू होता है. अगले सूर्यास्त पर समाप्त होता है. इस प्रकार प्रत्येक इस्लामी दिन रात के समय शुरू होता है और दिन के उजाले के अंत में समाप्त होता है.

1. अल-अहद (पहला दिन – (शनिवार की रात और रविवार का दिन)
2. अल-इथनैन (दूसरा दिन – रविवार की रात और सोमवार का दिन)
3. अथ-थुलथा ( तीसरा दिन – सोमवार की रात और मंगलवार का दिन)
4. अल-अरबीसा (चौथा दिन – मंगलवार की रात और बुधवार का दिन)
5. अल-खामीस (पांचवां दिन – बुधवार की रात और गुरुवार का दिन)
6. अल-जुमाह (छठा दिन – गुरुवार की रात और शुक्रवार का दिन)
7. यथा-सब्त् (सातवां दिन – शुक्रवार की रात और शनिवार का दिन)

कैसे नया महीना शुरू होता है
इस्लामी कैलेंडर का प्रत्येक महीना नए चंद्र चक्र के जन्म पर शुरू होता है. 12 हिजरी महीनों में 04 को पवित्र माना जाता है: रजब (7), इसके बाद तीन महीने धू अल-क़ादा (11), धू अल-हिज्जाह (12) और मुहर्रम (1) होते हैं.

ये हैं हिजरी साल के महीनों के नाम
1. अल-मुहर्रम (इसका अर्थ है निषिद्ध, ये पवित्र महीना माना जाता है, इस महीने के दौरान युद्ध और सभी प्रकार की लड़ाई निषिद्ध रहती है
2. सफ़र (अर्थ – खालीपन, ऐसा माना जाता है कि ये नाम इसलिए रखा गया, क्योंकि साल के इस समय में इस्लाम-पूर्व अरब घर खाली रहते थे, वो भोजन के लिए साथ में इकट्ठा करते थे)
3. रबी अल-अव्वल (अर्थ – पहला वसंत, ये बहुत पवित्र महीना था, जिसमें पैगंबर मुहम्मद का जन्म हुआ था)
4. रबी’ अथ-थानी या रबी’ अल-अख़िर ( अर्थ – दूसरा और आखिरी वसंत)
5. जुमादा अल-ज़ला (अर्थ – सूखी भूमि का पहला महीना, अक्सर इसे पूर्व ग्रीष्म ऋतु माना जाता है)
6. जुमादा अल-अखिराह ( अर्थ – दूसरा सूखी भूमि का महीना)
7. रज्जब (अर्थ – सम्मान, आदर – ये दूसरा पवित्र महीना है जिसमें लड़ाई करना मना है)
8. शाबान (अर्थ – छितरा हुआ)
9. रमजान ( अर्थ – जलती गर्मी – जलना उपवास से संबंधित है क्योंकि खाली पेट होने पर व्यक्ति की सांसारिक इच्छा जल जाएगी. रमज़ान हिजरी कैलेंडर का सबसे पवित्र महीना है)
10. शव्वाल (अर्थ – उठाया – इस महीने के पहले दिन, ईद-उल-फ़ितर , “उपवास तोड़ने का त्योहार” शुरू होता है, जो उपवास के अंत और रमज़ान के अंत का प्रतीक है)
11। जिल़काद या अल क़ायदा ( अर्थ – युद्धविराम – ये भी एक पवित्र महीना है जिसके दौरान युद्ध पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. हमला होने पर बचाव की अनुमति है)
12. अल-हिज्जाह या ज़िलाहिज्ज (अर्थ – तीर्थ यात्रा वाला – इस महीने के दौरान दुनियाभर से मुस्लिम तीर्थयात्री काबा के दर्शन के लिए मक्का में इकट्ठा होते हैं. इस महीने की आठवीं, नौवीं और दसवीं तारीख को हज किया जाता है. अराफा का दिन महीने की नौवीं तारीख को होता है. ईद अल-अधा , “बलिदान का त्योहार”, दसवें दिन शुरू होता है. 13वें दिन समाप्त होता है. ये चौथा पवित्र महीना है, जिस दौरान युद्ध पर प्रतिबंध है)

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