हाइलाइट्स

रूसी धरती छोड़ने के बाद व्लादिमीर पुतिन पर अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का गिरफ्तारी वारंट लागू होगा
साउथ अफ्रीका राष्‍ट्रपत‍ि ने रूस के साथ युद्ध में शामिल होने को संविधान के साथ असंगत बताया
पिछले माह दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन और रूस के राष्‍ट्रपत‍ि से की थी मुलाकात

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन: यूक्रेन और रूस (Russia-Ukraine War) के बीच करीब डेढ़ साल से युद्ध चल रहा है. इसको लेकर दुन‍िया के कई देश रूस के ख‍िलाफ और यूक्रेन के समर्थन में भी खुलकर आ चुके हैं. ऐसे में अब साउथ अफ्रीका (South Africa) को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है, ज‍िसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को ग‍िरफ्तार क‍िये जाने की बात कही जा रही है.

ह‍िन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स में प्रकाश‍ित एक र‍िपोर्ट में बताया गया क‍ि जोहान्सबर्ग (Johannesburg) में एक अंतरराष्ट्रीय बैठक होने जा रही है. इस बैठक में रूसी नेता पुतिन को भी आमंत्रित किया गया है. माना जा रहा है कि अगले महीने होने वाली इसी बैठक में पुतिन को गिरफ्तार किया जा सकता है. इस मीट‍िंग से पहले साउथ अफ्रीका ने यह चेतावनी दी है. लेक‍िन इस तरह के कदम को अगर उठाया जाता है तो उसको रूस ने सीधे मॉस्को (Moscow) के खिलाफ युद्ध (Invasion) की घोषणा होना करार द‍िया है.

दरअसल, यह मामला साल 2015 से जुड़ा है, जब रूस ने सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को सुरक्षित मार्ग मुहैया कराया था जो क‍ि युद्ध अपराधों के लिए वांछित थे. अब यह मामला अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) में है. बताया जा रहा है क‍ि अगस्‍त माह में साउथ अफ्रीका में ब्र‍िक्‍स देशों का श‍िखर सम्‍मेलन (BRICS Summit) होने जा रहा है. इस सम्‍मेलन में रूस के राष्‍ट्रपत‍ि व्लादिमीर पुतिन को भी आमंत्रित किया गया है. इस वजह से दक्षिण अफ्रीका की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक एलायंस (Democratic Alliance) आईसीसी पर दवाब डाल रही है क‍ि वो देश में रूस के राष्‍ट्रपत‍ि व्लादिमीर पुतिन के आने पर उनको गिरफ्तार कराए.

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बताया जाता है क‍ि जैसे ही व्लादिमीर पुतिन रूसी धरती छोड़ेंगे, उनको गि‍रफ्तार किया जा सकता है क्योंकि उन पर अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) का गिरफ्तारी वारंट लागू होगा. दक्षिण अफ्रीका आईसीसी का एक हस्ताक्षरकर्ता है लेकिन उसने पहले ही अपने इस कर्तव्‍य को पूरा करने से इनकार कर दिया है.

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कोर्ट से कहा कि इस तरह के कदम का मतलब राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना है. उन्होंने कोर्ट में हलफनामा दायर कर यह भी कहा है क‍ि राष्ट्रपति व्‍लाद‍िमीर पुतिन को गिरफ्तार करने और आत्मसमर्पण करने के आग्रह को क्र‍ियान्‍वित कराने में दक्षिण अफ्रीका को स्पष्ट समस्याएं हैं. उधर, रूस ने भी साफ कर द‍िया है क‍ि अगर मौजूदा राष्ट्रपति की ग‍िरफ्तारी की जाती है तो यह सीधा मॉस्‍को के ख‍िलाफ युद्ध की घोषणा होगी. इसल‍िए रूस के साथ युद्ध में शामिल होने का जोखिम उठाना हमारे संविधान के साथ असंगत होगा.

उन्होंने कहा क‍ि दक्षिण अफ़्रीका उन कई अफ़्रीकी देशों में से एक है जोक‍ि युद्ध को पूरी तरह से समाप्त करने के उद्देश्य से रूस और यूक्रेन के साथ बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि व्लादिमीर पुतिन को गिरफ़्तार करना प्रत‍िकूल होगा. राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने हलफनामा द‍िया है और यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर हर ब्रिक्स देश के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं.

इस बीच देखा जाए तो पिछले माह दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने कई अफ्रीकी नेताओं के साथ यूक्रेन और रूस के राष्‍ट्रपत‍ि से मुलाकात की थी. कीव में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और इसके बाद सेंट पीटर्सबर्ग, रूस में व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की, ताकि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को समाप्त करने के रास्ते पर चर्चा की जा सके.

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