हाइलाइट्स
अर्जेंटीना के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर हैं.
अर्जेंटीना ने तेजस फाइटर जेट और ब्रह्मोस मिसाइल में अपनी दिलचस्पी दिखाई है.
तायाना मंगलवार को नई दिल्ली में ब्रह्मोस एयरोस्पेस मुख्यालय गए.
नई दिल्ली: भारत और अर्जेंटीना ने मंगलवार को अपने द्विपक्षीय रक्षा-औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने का फैसला किया है. साथ ही दक्षिण अमेरिकी देश को तेजस लड़ाकू जेट, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और अन्य सैन्य हार्डवेयर निर्यात करने की संभावना पर भी चर्चा हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने रक्षा-औद्योगिक साझेदारी को बढ़ाने के उपायों सहित चल रही रक्षा सहयोग पहलों पर चर्चा करने के लिए अपने दौरे पर आए अर्जेंटीना के समकक्ष जॉर्ज एनरिक तायाना (Jorge Enrique Taiana) के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की.
TOI के अनुसार रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ‘भारत और अर्जेंटीना रक्षा संबंधों को अपनी रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण पहलू बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, जिसे 2019 में उस स्तर तक बढ़ाया गया था.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन भी 2019 से लागू है, जबकि दोनों पक्ष जुड़ाव को गहरा करने के लिए और अधिक उपकरणों के आदान-प्रदान में लगे हुए हैं.’
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तायाना मंगलवार को नई दिल्ली में ब्रह्मोस एयरोस्पेस मुख्यालय गए, और बुधवार को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का दौरा करने वाले हैं, जो तेजस जेट और ध्रुव उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर बनाती है. रिपोर्ट के अनुसार अर्जेंटीना अब चाहता है कि भारत 16 तेजस लड़ाकू विमानों के प्रस्तावित अधिग्रहण के लिए एक औपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत करे. लेकिन ब्रिटेन के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद को देखते हुए देश ने इस बात पर भी जोर दिया है कि तेजस जेट में ब्रिटिश मूल के पार्ट्स नहीं होने चाहिए.
अर्जेंटीना तेजस का कर चुका है मूल्यांकन
तेजस का मूल्यांकन करने के लिए अर्जेंटीना की एक तकनीकी टीम ने पहले भारत का दौरा किया था. अर्जेंटीना में भारतीय राजदूत दिनेश भाटिया ने एचएएल प्रतिनिधिमंडल के साथ पिछले महीने ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा उत्पादन क्षमताओं, विशेष रूप से तेजस और ध्रुव हेलिकॉप्टरों का प्रदर्शन करने के लिए तायाना के साथ-साथ अर्जेंटीना वायु सेना प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल जेवियर इसाक से भी मुलाकात की थी.
भारत इन हथियारों को निर्यात करने के लिए तैयार
भारत प्रमुख हथियार प्रणालियों में से तेजस लड़ाकू विमानों, ध्रुव हेलिकॉप्टरों, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों और सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल प्रणालियों को मित्र देशों को निर्यात करने का इच्छुक है. जबकि 290 किलोमीटर की दूरी वाली ब्रह्मोस मिसाइलों की तीन एंटी-शिप तटीय बैटरियों के लिए 375 मिलियन डॉलर का अनुबंध जनवरी 2022 में फिलीपींस के साथ किया गया था. वहीं इस साल की शुरुआत में मलेशिया ने लंबी प्रक्रिया के बाद 18 हल्के हमले वाले विमानों के आयात के लिए 920 मिलियन डॉलर के सौदे के लिए तेजस के स्थान पर दक्षिण कोरियाई एफए -50 लड़ाकू विमान का चयन किया था.
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पहले प्रकाशित : 19 जुलाई, 2023, 07:34 पूर्वाह्न IST