नई दिल्‍ली. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने ओटीटी अधिकारियों से कहा है कि सरकार भारतीय समाज और संस्कृति को खराब रोशनी में चित्रित करने वाली किसी भी सामग्री को बर्दाश्त नहीं करेगी. मंत्री ने OTT पर कंटेंट रेगुलेशन से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए  OTT प्लेटफार्मों के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की थी जिसका उद्देश्य रचनात्मक स्वतंत्रता और जिम्मेदार सामग्री के बीच संतुलन बनाना था.

सूत्रों के मुताबिक सूचना और प्रसारण मंत्री ने 15 दिनों के भीतर OTT अधिकारियों को दो मुख्य बिंदुओं पर समाधान लाने को कहा है. पहला यह कि क्रिएटिव फ्रीडम के नाम पर अश्लीलता नहीं डाल सकते. दूसरा यह कि OTT के माध्यम से अनावश्यक ‘वोक प्रोपेगेंडा’ के प्रचार की आवश्यकता नहीं है. मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों को रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर लापरवाह होने की अनुमति नहीं दी जाएगी. ठाकुर ने ओटीटी सामग्री में बढ़ती अश्लीलता, हिंसा,  अनावश्यक आपत्तिजनक सामग्री, वैचारिक पूर्वाग्रह और भारतीय धर्मों और परंपराओं के नकारात्मक चित्रण के बारे में भी चिंता जताई.

अनुराग ठाकुर ने जताई नाराजगी
सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान, अनुराग ठाकुर ने ओटीटी के माध्यम से भारतीय धर्मों और परंपराओं पर प्रत्यक्ष पश्चिमी प्रभाव और उनके खराब रोशनी में चित्रण किए जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म भारत की सामूहिक चेतना और इसकी विविधता के खिलाफ काम नहीं कर सकते. जरूरी नहीं है कि जो वेस्टर्न और कम्युनिस्ट पर्सपेक्टिव आप दिखा रहे हैं वही सही है.

क्षेत्रीय कंटेंट व टैलेंट को आगे लाने पर प्रशंसा
हालांकि, उन्होंने सामग्री उपभोग पर ओटीटी प्लेटफार्मों के परिवर्तनकारी प्रभाव और क्षेत्रीय कंटेंट व टैलेंट को आगे लाने पर प्रशंसा भी की. इस अलावा बैठक में सामग्री विनियमन को सुदृढ़ करने और आचार संहिता (कोड ऑफ़ एथिक्स) के कार्यान्वयन को और मजबूत बनाने हेतु विभिन्न आयु समूहों के लिए उचित कंटेंट और उस तक उनकी पहुँच के निर्धारण हेतु आयु-आधारित वर्गीकरण, माता-पिता के लिए लॉक सिस्टम और सामग्री विवरणकों (content descriptors) पर भी बात हुई.

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ओटीटी प्लेटफार्म के लिए कानून जरूरी
बैठक में मौजूदा शिकायत निवारण तंत्र को और मजबूत करने, भारत के मानचित्र के सटीक चित्रण से संबंधित चिंताओं को संबोधित करने, डिजिटल चोरी से निपटने और ओटीटी प्लेटफार्मों द्वारा उल्लंघन के लिए दंडात्मक प्रावधान स्थापित करने पर भी चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार अनुराग ठाकुर ने आगे सरकार, उद्योग और सामग्री निर्माताओं के बीच सहयोग के माध्यम से विश्व स्तर पर भारतीय विरासत, सफलता की कहानियों और राष्ट्रवादी कथाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. मंत्री ने बैठक के दौरान ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए कानूनों और विनियमों को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया. बैठक में डिजिटल चोरी (पायरेसी) और बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण के महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी चर्चा हुई.

कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के तहत मौजूदा प्रावधानों की रूपरेखा बताई
अनुराग ठाकुर ने कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के तहत मौजूदा प्रावधानों की रूपरेखा बताई, जो प्रवर्तन एजेंसियों को चोरी से निपटने के लिए सशक्त बनाते हैं. अवैध रिकॉर्डिंग और सामग्री के प्रसारण में शामिल दुष्ट वेबसाइटों के खिलाफ राज्य-स्तरीय प्रवर्तन कार्रवाई की जा रही है. इसके अतिरिक्त, सिनेमैटोग्राफ विधेयक में पायरेसी का मुकाबला करने और कॉपीराइट सामग्री के अनधिकृत प्रसार में लगी वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई करने के प्रावधान हैं.

संबंधित कानून के अनुसार परिणामी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा
कानूनों और विनियमों का उल्लंघन करने वाले ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए दंड और परिणामों के संबंध में, मंत्री ने आईटी नियमों के नियम 9(2) का उल्लेख किया. मौजूदा कानूनों का उल्लंघन करने वाले किसी भी ओटीटी प्लेटफॉर्म को संबंधित कानून के अनुसार परिणामी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. आईटी अधिनियम की धारा 45 अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों या विनियमों का उल्लंघन करने पर पच्चीस हजार रुपये से अधिक का जुर्माना या मुआवजा भी लगता है. संदेश और संकेत साफ है कि सरकार अब ओटीटी के अनावश्यक कंटेट पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है. तभी तो ओटीटी प्लेयर्स को जम कर खरी खरी सुनाई गई है.

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