हाइलाइट्स

सही मैट्रस न तो बहुत ज्यादा सॉफ्ट होना चाहिए और न ही बहुत ज्यादा हार्ड.
मैट्रस को 7 से 10 साल में मैट्रस को जरूर बदल दें.

Bad Mattress ke nuksan: आधुनिक जीवनशैली में हर कोई लक्जिरियल लाइफ जीना जाता है. चाहे वह सोने का बिस्तर ही क्यों न हो, आधुनिक रूप से बने ये मैट्रस सॉफ्ट और मोटा होना चाहिए. लेकिन क्या आपको मालूम है कि यदि आपका मैट्रस खराब क्विलिटी की है तो इससे पीठ, कमर से संबंधित कई परेशानियां सामने आ सकती है. मैट्रस बेशक महंगा है या मखमली हो लेकिन अगर मैट्रस खराब क्वालिटी का है और इसे आप समय-समय पर साफ नहीं करते तो इसमें तरह-तरह के बैक्टीरिया, कीड़े-मकौड़े, धूल, डेड स्किन सेल्स, फंगस जैसे हजारों तरह के माइक्रोब्स का बसेरा हो जाता है. ये सब बीमारियों को सीधे बुलावा है. इससे एलर्जी और इरीटेशन भी होगा और साथ में कमर दर्द की बड़ी समस्या हो जाएगी.

बग्स, फंगस का बसेरा होता है मैट्रस

मनीपाल अस्पताल में ऑर्थोपेडिक कंसल्टेंट डॉ. किरन चौका बताती हैं कि सार्वजनिक चीजों के लिए नियम तय होते हैं. जैसे पीने के पानी की गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए. बच्चों को वैक्सीन लगनी चाहिए या सीटबेल्ट लगाने का नियम होता है. लेकिन दुर्भाग्य से मैट्रस जैसी चीजों को बनाने के लिए किसी तरह का नियम नहीं है. इसलिए कंपनियां इस बात का ध्यान नहीं रखती कि मैट्रस में धूल, बैक्टीरिया, फंगस को आने से कैसा रोका जाए. डॉ. किरन चौका ने कहा कि खराब गद्दे कई तरह के बग्स, फंगस और बैक्टीरिया के ब्रीडिंग के लिए सबसे अच्छी जगह होती है. मैट्रस जब सही से पैक नहीं होगा तो उसमें डस्ट घुसेगी जिसके बाद कई तरह के सूक्ष्म जीवों का प्रवेश होगा. इससे डायरिया, इचिंग, दाद, खुजली, कॉलरा जैसी कई तरह की बीमारियां लगनी लाजिमी है. वहीं खराब मैट्रस क्रोनिक लो बैक पेन की समस्या होती है.

कैसा होना चाहिए हेल्दी मैट्रस

दरअसल, सही मैट्रस न तो बहुत ज्यादा सॉफ्ट होना चाहिए और न ही बहुत ज्यादा हार्ड. अगर मैट्रस सही हो तो पीठ को अच्छी स्थिति में सहारा देने के लिए पर्याप्त होता है. वहीं अगर आप चाहते हैं कि आपका गद्दा या मैट्रस लंबे समय तक स्वास्थ्य जटिलताओं को रोकने में कामयाब हो, तो बढ़िया गद्दा खरीदना जरूरी है. डॉ. किरण कहती हैं, “आपका मैट्रस आपके फर्निचर की सबसे महत्वपूर्ण चीज होनी चाहिए. अगर मैट्रस सही रहेगा तो यह आपके ऑवरऑल हेल्थ के लिए बेहतर होगा. इसलिए बेहतर क्वालिटी का मैट्रस खरीदे और उसे नियमित रूप से साफ करते रहे. मैट्रस को इस तरह से पैक करें कि उसके अंदर कोई भी सक्ष्म जीव का प्रवेश न हो. वहीं 7 से 10 साल में मैट्रस को जरूर बदल दें. ” उन्होंने कहा कि ऐसा मैट्रस खरीदें जो एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-डस्ट माइट और एंटी-एलर्जिक हो. इस तरह के मैट्रस रिमूलव होते हैं और इसे ड्राई क्लीन किया जा सकता है. वहीं यह जिप के साथ होता है जिसके लीनेन को खोलकर आप इसे नियमित रूप से साफ कर सकते हैं.

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