आयुष तिवारी/कानपुर. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में डिजिटल पैथोलॉजी की शुरुआत होने जा रही है. इस पैथोलॉजी के जरिए अगर रोगी के सैंपल की जांच में कुछ समझने में दिक्कत होगी तो विशेषज्ञ दूर देश बैठे अपने सीनियर से मशवरा ले सकेंगे. कुछ लक्षणों के बारे में जानकारी लेने की जरूरत होगी तो सीधे रोगी को भी कनेक्ट करके उससे पूछा जा सकेगा. रोगी को जांच के लिए पैथोलॉजी तक नहीं लाना पड़ेगा. नेट के जरिए सब एक दूसरे से कनेक्ट हो जाएंगे.

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने बताया कि यह सब कुछ होना डिजिटल पैथोलॉजी से ही संभव है. जीएसवीएम में डिजिटल पैथोलॉजी की शुरुआत हो गई है. इसे अब इसे हॉस्पिटल सिस्टम से जोड़ा जाएगा. डिजिटल पैथोलॉजी के आधुनिक उपकरणों को मंगाया जा रहा है. उनका कहना है डिजिटल पैथोलॉजी से जांच करना आसान हो जाएगा.

मरीजों को झेलनी पड़ती है दिक्कत
वह बताते हैं कि कभी-कभी दो विशेषज्ञों की जांचों में फर्क आ जाता है. इससे रोगी को परेशानी झेलनी पड़ती है और क्लीनीसियन को डायग्नोसिस तैयार करने में दिक्कत होती है. रोग स्पष्ट नहीं हो पाते रोगी दूसरे स्थान पर जांच कराकर विशेषज्ञ की राय लेता है. डिजिटल पैथोलॉजी में यह दिक्कतें नहीं रहेगी. अगर भ्रम की स्थिति होगी तो तुरंत दूसरे विशेषज्ञ से राय लेकर फाइनल डायग्नोसिस तैयार कर ली जाएगी.

ऑनलाइन मिलेगी रिपोर्ट
उन्होंने बताया कि पैथोलॉजी में कई अत्याधुनिक उपकरण आ गए हैं. इसके अलावा अन्य उपकरण मंगाए जा रहे हैं. इससे रोगियों को जांच कराने के लिए दिल्ली मुंबई और लखनऊ नहीं जाना पड़ेगा. हॉस्पिटल से जुड़ने के बाद रोगी को ऑनलाइन रिपोर्ट मिलेगी.

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पहले प्रकाशित : 16 जुलाई, 2023, 11:03 पूर्वाह्न IST

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