प्रेग्नेंसी में तनाव से हो सकती हैं 4 बड़ी परेशानियां, खुद को रखें कूल वरना भ्रूण की सेहत पर पड़ सकता गलत असर

हाइलाइट्स

प्रेग्नेंसी के दौरान आपका खुश रहना आपके पेट में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा.
आपके अत्यधिक तनाव से बच्चे में कई परेशानियां हो सकती हैं, जरूरी है कि खुद को कूल रखें.

गर्भावस्था में तनाव के नुकसान: प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए सुखद अहसास होता है. क्योंकि यह अवस्था पूरी होते ही आपको माता-पिता बनने का सुख प्राप्त होता है. लेकिन इस दौर में खुद को महफूज रखना बेहद जरूरी होता है. क्योंकि यह समय जितना सुखद होता है, उतना कठिन भी. इस दौरान सही खान-पान और देखभाल बहुत जरूरी होती है. प्रेग्नेंसी के दौरान आपका खुश रहना आपके पेट में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा. क्योंकि आपका अत्यधिक तनाव बच्चे में कई तरह की परेशानियां पैदा कर सकता है. यदि कोई प्रग्नेंट महिला तनाव आदि की स्थिति से गुजर रही है तो उसके बच्चे पर भी गलत प्रभाव पड़ने का खतरा रहता है. इसके लिए जरूरी है कि खुद को कूल रखें. आइए गायनोलॉजिस्ट डॉ. ज्योति यादव से जानते हैं तनाव लेने से होने वाली परेशानियां और कैसे पाएं तनाव से छुटकारा –

प्रेग्नेंसी को तनाव कैसे करता है प्रभावित?

हार्ट की परेशानी: गर्भावस्था के दौरान अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा, सबसे जरूरी है खुद को तनाव से दूर रखना. एक्सपर्ट के मुताबित, प्रेग्नेंट महिला को अधिक तनाव लेना हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) और ह्रदय रोगों का कारण बन सकता है. इसके लिए जरूरी है कि आप हर परिस्थिति से लड़ने के लिए एक सकारात्मक सोच रखें. क्योंकि समस्याएं तो हर इंसान के सामने आती ही रहती हैं. इसलिए इस कठिन समय में जरूरी है कि आप खुद को कूल रखें.

बिफोर डिलीवरी: प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव कई परेशानियों को खड़ा कर सकता है. इसलिए इस कठिन समय को आसान बनाने का प्रयास करना चाहिए. इस दौरान आप अपना बेहतर ख्याल रखें, क्योंकि जब आप स्वस्थ रहेंगी तभी आपका बच्चा स्वस्थ रहेगा. क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव लेने के कारण समय से पहले बच्चा के होने की समस्या बढ़ जाती है.

सामान्य से कम वजन: गर्भ में पल रहे शिशु का विकास और पोषण जिस तरह मां के आहार पर निर्भर होता है. ठीक उसी तरह गर्भवती महिलाओं की आदतों का भी सीधा असर शिशु पर पड़ता है. कई महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव अधिक ले लेती हैं, जिसके चलते गर्भ में पल रहे शिशु का वजन भी सामान्य से कम हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि खुद का ख्याल रखें, ताकि बच्चे का स्वास्थ ठीक रखा जा सके.

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एडीएचडी का खतरा: एडीएचडी (ADHD) एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है. इसको अंग्रेजी में अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिस्ऑर्डर के नाम से भी जाना जाता है. इससे ग्रसित लोगों को एक कार्य पर ध्यान केंद्रित करना या लंबे समय तक एक जगह बैठने आदि की समस्या पैदा कर सकता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, ADHD की समस्या तब होती है जब घर में या प्रेग्नेंट महिला अधिक तनाव लेती है. बता दें कि, प्रेग्नेंट महिला के अधिक तनाव लेने से पेट में पल रहा बच्चा एडीएचडी जैसी समस्याओं से पीड़ित हो सकता है. इसलिए बेहतर है कि घर की नोकझोंक को तनाव का हिस्सा ना बनने दें.

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ये टिप्स भी तनाव कर सकते हैं दूर

  • प्रेग्नेंसी के दौरान आप ऐसी गतिविधियों में शामिल हो, जिससे आपको खुशी मिले.
  • आहार में महत्वपूर्ण विटामिन और पोषक तत्वों को शामिल करें. हालांकि मीठा खाने से बचें.
  • योग व सांस लेने जैसे व्यायाम और मेडिटेशन करने से आपको तनाव मैनेज करने में मदद मिलेगी.
  • तनाव दूर करने के लिए अपनी पसंदीदा गाना सुनें, ताकि मानसिक स्वास्थ पर सकारात्मक प्रभाव पड़े.

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