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‘देश के संघीय ढांचे पर हमला…’ : कांग्रेस ने दिया संकेत, केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ देगी AAP का साथ

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नई दिल्ली. कांग्रेस ने यह संकेत देते हुए कि वह दिल्ली के नौकरशाहों पर नियंत्रण को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में आम आदमी पार्टी (आप) का समर्थन करेगी, पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि देश के संघीय ढांचे पर हमला हो रहा है और ‘हम संसद के आगामी सत्र में इस पर बहस की मांग करेंगे.’ 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के आगामी मानसून सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा के लिए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई कांग्रेस के संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक के बाद जयराम रमेश ने यह बयान दिया.

कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र में ‘संघीय ढांचे पर आक्रमण’ और महंगाई समेत कई मुद्दों को उठाने का फैसला करते हुए कहा कि वह ‘चुनी हुई सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर केंद्र सरकार के आक्रमण’ का हमेशा विरोध करती रही है और आगे भी करेगी. ‘संघीय ढांचे पर आक्रमण’ के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के कांग्रेस की इस घोषणा को इस मायने में अहम माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस से उसका रुख स्पष्ट करने की मांग कर रही है. रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस इस सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मणिपुर के मामले पर स्पष्टीकरण की मांग करेगी.

सोनिया गांधी के आवास 10-जनपथ पर शनिवार शाम को हुई इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘करीब डेढ़ घंटे की इस बैठक में मानसून सत्र में सरकार की ओर से पेश होने वाले विधेयकों और हमारी ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा हुई है.’ उनका कहना था, ‘मणिपुर के मामले पर हम अडिग हैं कि संसद में इस पर चर्चा होना जरूरी है. सत्र के शुरुआत में ही इस पर चर्चा होनी चाहिए.’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘बालासोर में जो रेल हादसा हुआ उस पर और रेल सुरक्षा पर चर्चा चाहेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘संघीय ढांचे पर जो आक्रमण हो रहा है, केंद्र सरकार यह आक्रमण कुछ जगहों पर खुद कर रही है और कुछ जगहों पर उनके द्वारा नियुक्त राज्यपाल आक्रमण कर रहे हैं. चुनी हुई सरकारों पर आक्रमण हो रहा है. कांग्रेस पार्टी हमेशा इसके खिलाफ लड़ती रही है और लड़ती रहेगी.’ उन्होंने आरोप लगाया कि संघीय ढांचे पर केंद्र सरकार द्वारा रोजाना आक्रमण किए जा रहे हैं और संवैधानिक संस्थाओं को खत्म किया जा रहा है.

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रमेश का कहना था, ‘इस पर हम जरूर चर्चा की मांग करेंगे.’ दिल्ली से संबंधित अध्यादेश से जुड़े सवाल पर रमेश ने कहा, ‘चुनी हुई राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर जो आक्रमण हो रहा है, उसके खिलाफ कांग्रेस हमेशा रही है और हमेशा रहेगी. हम इसका संसद के भीतर और बाहर विरोध करेंगे.’ कांग्रेस महासचिव ने दिल्ली के अध्यादेश का सीधे तौर पर उल्लेख नहीं किया.

उन्होंने बताया कि जीएसटी नेटवर्क से संबंधित पीएमएलए में संशोधन, महंगाई, अडाणी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग, महिला पहलवानों के साथ सरकार के रवैये और राज्य से संबंधित कई विषय संसद में उठाए जाएंगे. एक सवाल के जवाब में रमेश ने कहा कि कांग्रेस बालासोर हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगेगी. संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से आरंभ हो रहा है, जो 11 अगस्त तक चलेगा.

टैग: AAP, बी जे पी, कांग्रेस, मानसून सत्र

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