दुनिया के 100 देशों में लॉन्चिंग के बाद Meta कम्पनी के नए ऐप Threads के 10 दिन में ही 15 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड होने के साथ साप्ताहिक 10 करोड़ एक्टिव यूजर्स हो गए हैं. सख्त प्राइवेसी नियमों के कारण यूरोपियन यूनियन (EU) के 27 देशों में थ्रेडस ऐप पर रोक लगी है. दिलचस्प बात यह है कि मेटा के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने थ्रेड्स के बारे में जानकारी देने के लिए 11 साल बाद प्रतिद्वंदी ट्विटर के प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया.
1. कम्पटीशन और चीटिंग- Facebook के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने Whatsapp और Instagram का अधिग्रहण करके ग्रुप कंपनी मेटा को दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफार्म बना दिया है. 15 साल पहले जुकरबर्ग ने जैक डोर्सी से बात करके ट्विटर को 50 करोड़ डॉलर में खरीदने की कोशिश की थी. विफल होने के बाद जुकरबर्ग ने ट्विटर जैसा ही प्रोडेक्ट बनाने की धमकी दी थी. 5 जुलाई को थ्रेड्स ऐप की लॉन्चिंग के बाद ट्विटर ने मेटा कम्पनी को लीगल नोटिस जारी किया है. नोटिस के अनुसार ट्विटर के पूर्व कर्मचारियों, बिजनेस सिक्रेट्स और बौद्धिक सम्पदा के गैर-कानूनी तरीके से इस्तेमाल से ट्विटर का CopyCat ऐप बनाकर मेटा ने अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन किया है. एलन मस्क के अनुसार व्यापार में कम्टीशन अच्छा है, लेकिन चीटिंग गलत है. इसके जवाब में मेटा का दावा है कि थ्रेड्स को बनाने के लिए ट्विटर के पूर्व कर्मचारियों और इंजीनियरों की मदद नहीं ली गई.
2. थ्रेड्स को इंस्टा का फायदा- थ्रेड्स को सीधे प्ले-स्टोर या फिर इंस्टाग्राम के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं. यूजर्स अपने इंस्टाग्राम के यूजर्स नेम और फॉलोअर्स के साथ थ्रेड्स में लॉग-इन कर सकते हैं. इसके जरिये यूजर्स करेंट और ट्रेन्डिंग टॉपिक्स पर चर्चा करने के साथ पसंदीदा क्रिएटर्स के साथ जुड़ सकते हैं. रिप्लाई में खास शब्दों को ब्लॉक करने के लिए थ्रेर्ड्स के यूजर्स फिल्टर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ट्विटर की तुलना में थ्रेड्स में ऐड नहीं होने की वजह से यह ग्राहकों को ज्यादा लुभा सकता है.
3. ट्विटर और थ्रेड्स में फर्क- ट्विटर में बिना वेरिकेशन वाले खातों में 280 शब्दों की लिमिट है, जबकि थ्रेड्स में अधिकतम 500 शब्दों का पोस्ट किया जा सकता है. ट्विटर में बगैर वेरिफिकेशन वाले खातों में 2 मिनट 20 सेकेंड का, जबकि थ्रेड्स में 5 मिनट का वीडियो पोस्ट हो सकता है. शुरुआती स्टेज में थ्रेड्स में अभी बहुत सारी कमियां और खामियां हैं. थ्रेड्स में डायरेक्ट मैसेजिंग के साथ डेस्कटॉप वर्जन का विकल्प नहीं है. थ्रेड्स में ट्विटर की तरह ट्रेन्डिंग टॉपिक्स, हैशटैग और की-वर्ड सर्च का विकल्प नहीं दिया गया है. ट्विटर में ब्लू-टिक वाले ग्राहकों को एडिटिंग की सुविधा है, जो फिलहाल थ्रेड्स में उपलब्ध नहीं है. ट्विटर को थ्रेड्स के अलावा कई अन्य प्लेटफार्म से भारी चुनौती मिल रही है. ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने BlueSky नाम का ऐप लांच किया है. इसके अलावा ट्विटर छोड़ने वालों के लिए Mastodon भी बड़ा ठिकाना बन रहा है.
4. भारत में ट्विटर और थ्रेड्स- कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्विटर पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत के कानूनों को मानने की बात कही है. भारत में ट्विटर के लगभग 2.4 करोड़ यूजर्स हैं. जबकि मेटा कम्पनी के फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम के लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है. कुछ साल पहले सरकार के साथ विवाद के बाद ट्विटर के प्रतिद्वंदी के तौर पर Koo ऐप काफी चर्चा में आया जिसके भारत में लगभग 70 लाख मासिक एक्टिव यूजर्स हैं. आमदनी बढ़ाने के लिए मस्क ट्विटर में कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं. उसके अनुसार वेरिफाइड यूजर्स रोजाना सिर्फ 10 हजार पोस्ट और बगैर वेरिफिकेशन वाले यूजर्स सिर्फ 1000 पोस्ट पढ़ सकते हैं. नए यूजर्स के लिए यह लिमिट 500 पोस्ट की है. यूजर्स के वेरिफिकेशन यानी BlueTick के लिए ट्विटर ने मासिक शुल्क का जो प्लान शुरू किया है, उसकी भारत में आलोचना हो रही है. दूसरी तरफ थ्रेड्स को इंस्टाग्राम प्लेटफार्म से जुड़े रहने का फायदा मिलेगा, जिसके भारत में 40 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं.
5. डेटा सुरक्षा का सवाल- मेटा कंपनी के फेसबुक और व्हाट्सएप की डेटा सुरक्षा नीति पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. थ्रेड्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उनका ऐप यूजर्स की हेल्थ, फिटनेस, फाइनेंस, कॉन्टैक्ट, सर्च हिस्ट्री, लोकेशन और अन्य संवेदनशील जानकारियों को डिजिटल एक्टिविटी के माध्यम से जुटा सकता है. थ्रेड्स ऐप अपने यूजर्स के लैंगिंक झुकाव, धार्मिक और राजनीतिक विश्वासों, नस्ल, जाति और रोजगार की स्थिति जैसे डेटा को भी अन्य पार्टियों को फॉरवर्ड कर सकता है. भारत में व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा बिल को मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद मानसून सत्र में संसद में पेश किया जाएगा. डेटा सुरक्षा कानून जब तक पारित नहीं होता तब तक थ्रेड्स जैसे ऐप को भारत में सिर्फ आईटी Intermediary नियमों के अनुपालन की जरुरत है.
6. EU देशों में थ्रेड्स पर रोक- यूरोपियन यूनियन (EU) के देशों में डेटा सुरक्षा के लिए GDPR के तहत सख्त कानून बने हैं. अभी हाल के दो फैसलों में ईयू में मेटा को लेकर डेटा और प्राइवेसी की चिंताओं का जिक्र किया गया है. यूरोपियन यूनियन कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कहा कि रेगुलेशन एजेंसी की मंजूरी के बगैर मेटा द्वारा एडवरटाइजरों के लिए यूजर्स के पर्सनल डेटा के इस्तेमाल के बारे में जांच की जा सकती है. मई में आयरलैंड डीपीसी ने फेसबुक को ईयू का डेटा अमेरिका ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी थी. ईयू के Digital Markets Act में यूजर के डेटा को कई प्लेटफॉर्मों पर शेयर करने पर अनेक प्रतिबंध हैं. थ्रेड्स की डेटा नीति के अनुसार पर्सनल डेटा के उपयोग के बारे में कई प्रावधान ईयू देशों की नीति का उल्लंघन करते हैं जिसकी वजह से इसकी वहां पर लॉन्चिंग नहीं हो पाई है.
आयरलैंड के इंडिपेंडेंट अखबार के अनुसार आयरलैंड डेटा प्रोटेक्शन कमीशन (DPC) थ्रेड्स की लॉन्चिंग के बारे में मेटा कम्पनी के सम्पर्क में है. इसलिए थ्रेड्स को लॉन्च करने के लिए मेटा को यूरोपियन कमीशन की मंजूरी का इंतजार करना होगा. सिर्फ 46.3 करोड़ यूजर्स के बावजूद ट्विटर दुनिया की डिप्लोमेसी और राजनीति में बहुत पॉपुलर है. यूरोप में आबादी भले ही कम हो, लेकिन उसका दुनिया की राजनीति में बड़ा महत्व है. इसलिए यूरोपियन यूनियन में लॉन्चिंग के बगैर थ्रेड्स का पूरी दुनिया में सफल होना मुश्किल होगा. इसके लिए मेटा कंपनी को यूरोपियन यूनियन के सख्त कानूनों के पालन करने के साथ अरबों यूजर्स की प्राइवेसी को सेफ रखने की पहल करनी चाहिए.
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पहले प्रकाशित : 16 जुलाई, 2023, 08:35 पूर्वाह्न IST