हाइलाइट्स

शुक्रवार को ISRO द्वारा चंद्रयान -3 की सफल लॉन्चिंग की गई.
यह मिशन चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है.
रोवर का पिछला पहिया, जिसका नाम प्रज्ञान है अपने पीछे इसरो और राष्ट्रीय प्रतीक के निशान छोड़ेगा.

नई दिल्ली: चंद्रयान -3 (Chandrayaan-3 Moon Mission) भारत का तीसरा चंद्र अन्वेषण मिशन है. इसे चंद्रमा की सतह पर एक रोवर उतारने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा शुक्रवार दोपहर को लॉन्च किया गया. बता दें कि यह उपलब्धि अब तक केवल तीन देशों द्वारा हासिल की गई है. यह मिशन चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है, जो लगभग चार साल पहले सितंबर 2019 में चंद्र सतह पर वांछित सॉफ्ट लैंडिंग में विफल रहा था.

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार चंद्रयान-3 मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने में एंड-टू-एंड क्षमता का प्रदर्शन करना है. अंतरिक्ष यान के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र को छूने की उम्मीद है. अंतरिक्ष यान में छह पहियों वाला लैंडर और रोवर मॉड्यूल होता है, जो चंद्रमा की सतह से संबंधित डेटा प्रदान करने के लिए पेलोड के साथ कॉन्फ़िगर किया गया है.

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हालांकि चंद्रमा की सतह पर रोवर डेटा एकत्र करने के अलावा और भी बहुत कुछ करेगा. रोवर के पिछले पहिये, जिसका नाम प्रज्ञान है, इसरो और राष्ट्रीय प्रतीक के निशान छोड़ेंगे. जो इसकी उपस्थिति का प्रतीक होगा. इसरो द्वारा अपनी वेबसाइट पर साझा किया गया कर्टेन रेजर वीडियो, चंद्रयान -3 मिशन की एक झलक पेश करता है, साथ ही रोवर पर उभरे हुए निशान भी दिखाता है.

चंद्रयान -2 मिशन के दौरान, इसरो द्वारा अपने यूट्यूब चैनल पर इसका एक सांकेतिक वीडियो भी शेयर किया गया था. वीडियो में लैंडर के चंद्रमा की सतह पर पहुंचने का एक एनिमेटेड चित्रण दिखाया गया है. जैसे ही यह चलना शुरू हुआ (2:45 पर), रोवर के पिछले पहिये ने लोगो के निशान छोड़ दिए. मॉड्यूल की सफल सॉफ्ट लैंडिंग से भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन के बाद ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा.

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