भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर आए मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा ने एक बयान में कहा है कि सच्चा मुसलमान वह होता है जिसके मन में सभी के लिये प्यार और संवेदना होती है और जो किसी भी तरह की हिंसा और चरमपंथ को बढ़ावा नहीं देता है. अल-इस्सा ने नई दिल्ली की जामा मस्जिद में एक उपदेश के दौरान यह बात कही.

जो नहीं जानते इस्लाम को वही इसे करते हैं बदनाम
अपने उपदेश में अल- इस्सा ने कहा कि “एक सच्चे मुसलमान के आचरण में उच्च नैतिकता झलकती है,  यह मूल्य इस्लाम की भव्यता और सुंदरता दर्शाते है. इन मूल्यों को अपनाने से इस्लाम की प्रतिष्ठा बढ़ती है. इसके अलावा, इन मूल्यों का पालन करना एक मुसलमान के व्यवहार का एक अनिवार्य पहलू ही नहीं है बल्कि यह सभी परिस्थितियों में ज़रूरी भी है.

आगे उन्होंनें कहा कि जो लोग इस्लाम की वास्तिविक सार से परीचित नहीं है,वही  अक्सर हमारे धर्म पर विपरीत व्यवहार का आरोप मढ़ते हैं जो काफी दुखदायी है. यह गलतबयानी उन लोगों के कामों की वजह से होती है, जो इस्लाम को समझे बगैर उसके साथ अपने नाते का झूठा दावा करते हैं. ऐसा नकारात्मक बर्ताव अल्लाह की राह से भटकाव होता है.

देश के संविधान का सम्मान हर मुसलमान के लिए ज़रूरी
सच्चे धार्मिक लोग वह हैं जो अपने मूल्यों और कामों के जरिए अपने धर्म का असली मतलब लोगों तक पहुंचाए. वे इस्लाम के संयम और संतुलन का प्रतीक बनें और उग्रवाद, हिंसा को पूरी तरह से नकारें. इसलिए एक मुसलमान सभी लोगों के साथ प्रेम और इमानदारी के साथ रहता है. वह देश के उस ढांचे को मानता है जिसमें सभी को शामिल करने की बात कही जाती है. जिसे हम देश का संविधान भी कहते हैं. दुनिया में शांति, सद्भाव और समृद्धि बनाए रखने के लिए किसी के भी पास इस ढांचे का सम्मान करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होता है. क्योंकि इसी के जरिए किसी देश के सभी नागरिक एकजुट होकर रह सकते हैं. एक मुसलमान को हर हाल में अपने देश के संविधान और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए. हमेशा एकजुटता की बात ध्यान में रखना चाहिए और विभाजन जैसी बातों से बचना चाहिए

जो चीज़ या नियम एक देश के लिए उपयुक्त हो सकते है, जरूरी नहीं कि वह दूसरे देश पर भी लागू हो. इसलिए, इस्लामी न्यायविदों ने साफ किया है कि फतवा और शारजाह-आधारित फैसले प्रत्येक देश की विशिष्ट परिस्थितियों और संदर्भों के हिसाब से अलग हो सकते हैं.

अल-इस्सा ने की मोदी की तारीफ
अपने पांच दिन के दौरे में इस्सा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकाती की. उन्होंनें मोदी के विकास और प्रगति को लेकर जोशीले रवैये की तारीफ करते हुए कहा कि वे हर प्रकार के चरमपंथ और नफरत का सामना करने के लिए साथ में काम करने पर सहमत हुए हैं.

मुस्लिम वर्ल्ड  लीग क्या है
मुस्लिम वर्ल्ड लीग एक अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संस्था है जिसका मुख्यालय मक्का में मौजूद है. सभी मुस्लिम देश और संप्रदाय के लोग इसके सदस्य हैं. इसका मकसद इस्लाम और उसके सहिष्णु सिद्धांतों को बताना, मानवीय सहायता प्रदान करना, सभी के साथ संवाद और सहयोग को विस्तार देना, सभी संस्कृतियों और सभ्यताओं के लिए सकारात्मक खुलेपन में शामिल होना, और उग्रवाद, हिंसा की बात करने वाले आंदोलनों को रोकना और बहिष्कार करना है.

(टैग्सटूट्रांसलेट)मुस्लिम वर्ल्ड लीग(टी)अल-इसा(टी)जामा मस्जिद(टी)मुस्लिम(टी)हिंसा(टी)उग्रवाद

Source link

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *