Home India चीनी की जगह खाते हैं चॉकलेट तो सावधान, नॉन शुगर स्‍वीटनर्स पर...

चीनी की जगह खाते हैं चॉकलेट तो सावधान, नॉन शुगर स्‍वीटनर्स पर WHO के बाद अब डॉक्‍टरों ने दी ये सलाह

31
0
Advertisement

गैर चीनी मिठास: हाल ही में वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन की ओर से नॉन शुगर स्‍वीटनर्स को लेकर सिफारिशें जारी की गई हैं. जिनमें डब्‍ल्‍यूएचओ की ओर से गैर-चीनी मिठास (NSS) उत्‍पादों को न लेने की सलाह दी गई है. डब्‍ल्‍यूएचओ का साफ-साफ कहना है कि जो लोग चीनी या गुड़ जैसे फ्री शुगर की जगह नॉन शुगर स्‍वीटनर्स का इस्‍तेमाल यह सोचकर करते हैं कि ये फायदेमंद हैं तो वे जान लें कि एनएसएस शरीर का वजन घटाने या डायबि‍टीज जैसे रोगों को कंट्रोल करने का काम नहीं करते हैं, उल्‍टा इनके ज्‍यादा इस्‍तेमाल से नॉन कम्‍यूनिकेबल डिजीज जैसे टाइप टू डायबिटीज, कार्डियोवैस्‍कुलर डिजीज और युवाओं में मृत्‍यु दर बढ़ने की संभावना पैदा हो जाती है.

डब्‍ल्‍यूएचओ की इन सिफारिशों को लेकर News18hindi ने ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी में सीनियर रेजिडेंट डॉ. मनाली अग्रवाल से बात की है.

डॉ. मनाली अग्रवाल कहती हैं कि आर्टिफिशियल मिठास या नॉन शुगर स्‍वीटनर्स वाली सिफारिशें पहले से टाइप टू या टाइप वन डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के अलावा सभी पर लागू होती हैं. इन सिफारिशों में किसी भी प्रकार के निर्मित खाद्य और पेय पदार्थों में पाए जाने वाले या उपभोक्ताओं द्वारा खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में जोड़ने के लिए बेचे जाने वाले सभी सिंथेटिक, प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले और मोडिफाइड गैर-पोषक स्‍वीटनर्स को न लेने के दिशानिर्देश दिए गए हैं.

इसे आसान भाषा में ऐसे समझा जा सकता है कि आजकल कई प्रकार के आर्टिफिशियल स्‍वीटनर्स रोजाना के आम जीवन में लोगों द्वारा इस्‍तेमाल किए जा रहे हैं. जैसे कि चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक, बाजार में मिलने वाले चॉकलेट या सोया शेक, पैक्‍ड जूस, केक आदि. ये दिशानिर्देश विशेष रूप से इस प्रकार के कृत्रिम रूप से मीठे उत्पादों की तेजी से बढ़ रही खपत को रोकने के लिए जारी किए गए हैं.

Advertisement

डॉ. मनाली कहती हैं कि आजकल देखा जा रहा है कि लोग चीनी या चीनी से बनी चीजों को तो छोड़ रहे हैं लेकिन इन नॉन शुगर स्‍वीटनर्स या इनसे बनी चीजों का सेवन इस धारणा के साथ ज्‍यादा कर रहे हैं कि ये चीनी उत्पादों से बेहतर हो सकते हैं. लोगों को लगता है कि इनसे डायबिटीज का खतरा कम होता है या फिर यह मोटापा घटाने में कारगर हैं.

चीनी नहीं कोई भी मीठा करना है कम
डॉ. मनाली कहती हैं कि लोगों को यहां समझने की जरूरी है कि डब्‍ल्‍यूएचओ की सिफारिश यह है कि चीनी हो या बिना चीनी वाले मीठे कोई भी पेय पदार्थ या खाने की चीजें हों उन्‍हें पूरी तरह से कम कर दिया जाए, न कि उन्हें एक-दूसरे से बदला जाए. यह मार्गदर्शन डॉक्टरों के लिए भी उपयोगी है कि वे अपने मरीजों को खाद्य पदार्थों के रूप में आर्टिफिशियल मीठे से बने पेय पदार्थों की खपत को कम करने और कम से कम उपयोग करने की सलाह दें.

कोल्‍ड ड्रिंक या चॉकलेट नहीं घटाती वजन
यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि केवल उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों को कम कैलोरी वाले विकल्पों से बदलकर वजन कम नहीं किया जा सकता है. यह समय के साथ हमारी आदतों और व्यवहारों का मिला जुला प्रभाव है जो सम्‍पूर्ण स्वास्थ्य में योगदान देता है. ध्‍यान रहे कि चीनी या चीनी से बनी चीजों को छोड़कर अगर आप कोई भी बाजार की कम मीठी या मीठे स्‍वाद वाली चीज इस्‍तेमाल कर रहे हैं तो वह फायदे का सौदा नहीं है.

ये है डॉक्‍टरों की सलाह
. प्राकृतिक, संपूर्ण खाद्य पदार्थ खाने पर ध्यान दें, पहले लीन प्रोटीन, साबुत अनाज, फल और सब्जियों पर जोर दें.
. अगर मीठा खाने का मन है तो प्राकृतिक रूप से मीठे खाद्य पदार्थ जैसे फल, दही, दूध, शकरकंद और सूखे मेवे चुनने पर विचार करें.
. जब आप कोई ऐसी चीज चुनते हैं जिसमें चीनी होती है, तो भोजन को प्रोटीन, स्वस्थ वसा और उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों से संतुलित करें.
. चीनी या किसी भी प्रकार के मीठे पेय पदार्थ कम करें.

टैग: स्वास्थ्य समाचार, चीनी, ट्रेंडिंग न्यूज़, ट्रेंडिंग न्यूज़ हिंदी में, WHO, डब्ल्यूएचओ दिशानिर्देश

Source link

Previous articleChandrayaan 3: चंद्रयान-3 के सफल लॉन्च पर पीएम मोदी ने दी बधाई, जानें किसने क्या कहा?
Next article‘तुम्हें खेलना नहीं आता क्या’? जब PAK गेंदबाज ने बीच मैदान में किया वीरेंद्र सहवाग को स्लेज, फिर वीरू ने..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here