हाइलाइट्स

बारिश में स्पाइसी फूड से पेट की दिक्कतें बढ़ सकती है. स्पाइसी फूड चुपके से हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को डैमेज करने लगते हैं.
अधिकांश लोगों की पाचन शक्ति दूध को बर्दाश्त करने में असमर्थ है.

खाद्य पदार्थ जो गैस और अपच का कारण बनते हैं: हम जो खाते हैं, वह पेट में जाकर पचता है. लेकिन कभी-कभी पेट में अपच हो जाता है. दरअसल, हमारे पेट में गुड बैक्टीरिया और एंजाइम भोजन को तोड़ते हैं और उससे पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है. कुछ फूड बैक्टीरिया को ज्यादा अच्छा लगता है जिसे वह फर्मेंट कर देता है. इससे कार्बनडायऑक्साइड, मीथेन, मोनोऑक्साइड आदि गैस बनती है. जो फूड अच्छी नहीं लगती है, वह जल्दी टूटता नहीं है, इस कारण अपच जैसी समस्याएं होने लगती है. बारिश के मौसम में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें हम यह सोचकर खाते हैं कि इससे फायदा होगा लेकिन वास्तव में कुछ चीजें कुछ परिस्थितियों में हमें अपच और गैस की समस्या दे देती है.

ये चीजें बारिश के मौसम में बढ़ा सकती है परेशानी

1.ऑरेंज जूस-टीओआई की खबर के मुताबिक संतरा, मौसमी, कीवी आदि साइट्रस फ्रूट का जूस इम्यूनिटी को बढ़ाता है और इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है लेकिन यदि आपको पहले से गैस और एसिडिटी की समस्या हैं तो इन फ्रूट के जूस का सेवन बारिश के मौसम में न करें. ये जूस पेट में इनडाइजेशन को बढ़ाएगा. इससे एसिड रिफलेक्स की समस्या बढ़ जाएगी. जिसे पहले से कोई दिक्कत नहीं है, उसे भी साइट्रस फ्रूट के जूस का ज्यादा सेवन करने से हार्टबर्न की समस्या हो सकती है.

2. स्पाइसी फूड-कुछ लोगों को स्पाइसी फूड बेहद पसंद होते हैं लेकिन बारिश में स्पाइसी फूड से पेट की दिक्कतें बढ़ सकती है. स्पाइसी फूड चुपके से हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को डैमेज करने लगते हैं. इससे हार्टबर्न होने लगता है. लाल मिर्च में केपसाइसिन कंपाउंड होता है जो हार्टबर्न को बढ़ाता है.

3. गुड़-गुड़ खाने में बहुत अच्छा लगता है. लोग बारिश के मौसम से ही गुड़ खाने लगते हैं. लेकिन ज्यादा गुड़ का सेवन पेट से संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकता है. कुछ लोग चीनी की जगह गुड़ का सेवन करते हैं, यह सोचकर यह कुदरती चीज हैं लेकिन जिसे पहले से पेट से संबंधित समस्या है, उसे यह नुकसान पहुंचा सकता है.

4.ग्लूटेन रिच ब्रेड-वैसे तो जिस अनाज में ग्लूटेन की मात्रा ज्यादा होती है, उससे कई तरह के नुकसान होते ही हैं लेकिन ग्लूटेन वाला ब्रेड पेट को काफी नुकसान पहुंचाता है. कई लोगों को ग्लूटेन पचता नहीं है, ऐसे लोगों को बाजार में मिलने वाले ब्रेड का सेवन नहीं करना चाहिए. ज्यादा ब्रेड खाने से डायरिया होता है जिससे सिलिएक बीमारी होती है.

5. दूध-दूध संपूर्ण पोषक तत्व से भरे होते हैं लेकिन भारत में 70 प्रतिशत लोगों को मिल्क इंटॉलरेंस है. यानी अधिकांश लोगों की पाचन शक्ति दूध को बर्दाश्त करने में असमर्थ है. दूध डाइजेशन में बहुत अधिक बाधा पहुंचाता है. इससे पेट फूल जाता है. दूध से पेट भारी लगता है. हालांकि जिसे मिल्क इंटॉलरेंस की दिक्कत है वह ठंडा दूध पी सकता है.

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