नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो दिवसीय फ्रांस की यात्रा के लिए रवाना हो चुके हैं. इससे ठीक पहले पीएम मोदी ने फ्रांस के बड़े अखबार लेस इकोस को इंटरव्यू दिया. पीएम मोदी ने कई प्रमुख मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान जब पीएम मोदी से सवाल किया गया कि चीन अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में धन बहा रहा है तो क्या इससे क्षेत्र में सुरक्षा को खतरा है?

इस सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे हित व्यापक हैं और हमारा जुड़ाव गहरा है. मैंने इस क्षेत्र के लिए अपने दृष्टिकोण को एक शब्द में वर्णित किया है- सागर, जिसका अर्थ है क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास. हालांकि हम जिस भविष्य का निर्माण करना चाहते हैं उसके लिए शांति आवश्यक है, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं है.’

इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत हमेशा बातचीत और कूटनीति के माध्यम से मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानून और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान करने के लिए खड़ा रहा है. आपसी विश्वास और भरोसा बनाए रखने के लिए यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. हमारा मानना ​​है कि इसके माध्यम से स्थायी क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में सकारात्मक योगदान दिया जा सकता है.’

वहीं रूस-यूक्रेन संघर्ष पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से कई बार बात की है और इस संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने वाले सभी वास्तविक प्रयासों का समर्थन करने की भारत की इच्छा को रेखांकित किया है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत का रुख स्पष्ट, पारदर्शी और सुसंगत रहा है. मैंने कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है. हमने दोनों पक्षों से बातचीत और कूटनीति के माध्यम से मुद्दों को हल करने का आग्रह किया है.’’

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