नई दिल्ली. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दो जालसाजों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया है, जिन्होंने एक फर्जी भ्रष्टाचार विरोधी संस्था की सदस्यता शुल्क के रूप में लोगों से 25 लाख रुपये कथित रूप से एकत्र किए थे. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन जालसाजों पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति और एक केंद्रीय मंत्री के जाली दस्तावेजों और पत्रों का इस्तेमाल करके यह भ्रष्टाचार विरोधी संस्था बनाई थी.

यहां की एक विशेष अदालत में दायर आरोप पत्र में, जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि चेन्नई की रेनिंगस्टन सेल्स और विंसेंट राजू ने चेन्नई में भारत के भ्रष्टाचार रोधी और अपराध रोधी (एसीएसी) इकाई का एक क्षेत्रीय कार्यालय खोला था और इसने अपना मुख्यालय का पता लोकायुक्त भवन, पहाड़गंज, नई दिल्ली दर्शाया था. अधिकारियों ने बताया कि दोनों ने 11 मई, 2018 को एक जाली पत्र में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश आर एम लोढ़ा को उनके (दोनों आरोपियों) द्वारा स्थापित संगठन का अध्यक्ष बनने के लिए कथित तौर पर बधाई देते हुए दिखाया था.

फर्जी संस्‍था पर केंद्रीय मंत्री के नाम से फर्जी पत्र तैयार करने का भी आरोप
सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने ऐसा इसलिए किया था कि स्थापित फर्जी संस्था वैध लग सके. एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में कहा कि आरोपियों ने केंद्रीय कार्मिक और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के नाम पर कथित रूप से एक फर्जी पत्र भी तैयार किया था, जिसमें भारत की एसीएसी इकाई के अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति लोढ़ा (सेवानिवृत्त) की नियुक्ति के बारे में राज्यों के सभी मुख्य सचिवों को कथित तौर पर सूचित किया गया था.

चेन्‍नई में खुलवाया बैंक खाता, सदस्यता शुल्क के नाम पर लोगों को ठगा
इसमें आरोप लगाया गया कि इसके बाद आरोपियों ने लोगों को अपनी फर्जी संस्था के सदस्यों और पदाधिकारियों के रूप में भर्ती करके सदस्यता शुल्क के रूप में एक बैंक खाते में 25 लाख रुपये एकत्र किए. आरोप-पत्र में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने इंडियन बैंक, चेन्नई में बनाये गये खाते से 10 लाख रुपये से अधिक की राशि कथित तौर पर निकाली की थी, जिससे साबित होता है कि उन्होंने ‘अपराध की आय का इस्तेमाल किया था.’

तलाशी के दौरान सीबीआई को मिले विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज
इसमें कहा गया है कि एजेंसी को दूसरे आरोपी राजू के घर की तलाशी लेने पर भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश के नाम पर आदान-प्रदान किए गए विभिन्न ईमेल भी मिले. एजेंसी ने आरोप-पत्र में कहा कि सेल्स के घर की तलाशी के दौरान, सीबीआई को विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे, जिनमें नियुक्ति पत्र, संकल्प पत्र, बैंक खाता खोलने के फॉर्म, राज्य मंत्री, पीएमओ और कार्मिक मंत्रालय के पत्रों की प्रतियां आदि के साथ छह लाख रुपये की नकदी शामिल थी.

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