मयूरेश गणपति

नई दिल्‍ली. अजित पवार एनसीपी में टूट फूट के बाद एकनाथ शिंदे सरकार में बतौर उपमुख्‍यमंत्री तो शामिल हो गए हैं लेकिन मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर अब भी सभी पक्षों के बीच एक राय नहीं बन पाई है. सूत्रों की मानें तो गृह, वित्‍त और शहरी विकास मंत्रालय की चाह अजित पवार को है जबकि मुख्‍यमंत्री सरकार में शामिल हुई नई पार्टी को ये सब देने को तैयार नहीं है. यही वजह है कि शपथ लिए नौ दिन का वक्‍त बीतने के बावजूद अभी तक मंत्रालय तय नहीं हो पाए हैं.

सूत्रों की मानें तो नवनियुक्‍त उपमुख्‍यमंत्री अजित पवार को मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे केवल ऊर्जा या राजस्‍व मंत्रालय में से कोई एक देने के इच्‍छुक हैं. ये दोनों विभाग फिलहाल भाजपा के पास हैं. वहीं, फडणवीस पवार को गृह मंत्रालय देने के इच्‍छुक नहीं हैं. पवार ने अपने विधायकों के लिए सिंचाई, ग्रामिण विकास, पर्यटन, सामाजिक न्‍याय, महिला एंव बाल कल्‍याण और एक्‍साइज विभाग की मांग की है.

विधायक शिंदे पर बना रहे दबाव
शिंदे और बीजेपी के विधायकों में भी मंत्रालय प्राप्‍त करने के लिए जद्दाेजहद नजर आ रही है. सूत्रों का कहना है कि इतने मंत्रालय उपलब्‍ध नहीं हैं जितनी डिमांड मंत्री बनने के लिए आ रही है. विधायक मुख्‍यमंत्री शिंदे पर मंत्री बनने के लिए दबाव बना रहे हैं. महाराष्‍ट्र सरकार में अधिकतम 43 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं. सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस अपने विधायकों से एक साथ व अलग-अलग भी बातचीत कर चुके हैं. इस मीटिंग के दौरान किस विधायक को कौन सा मंत्री पद दिया जाएगा इसपर चर्चा हुई है.

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अधिकांश 43 मंत्री ही बना सकते हैं शिंदे
न्‍यूज18 से बातचीत के दौरान बीजेपी के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने कहा, ‘अगले दो दिन के अंदर कैबिनेट का विस्‍तार हो जाएगा. महाराष्‍ट्र में मंत्रियों की अधिकांश संख्‍या 43 है. ऐसे में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी से पांच-पांच मंत्री बनाए जाने की उम्‍मीद है.’ यह भी कहा गया कि राज्‍य मंत्री बनाए जाने की संभावना बेहद कम है. जो भी शपथ लेगा वो सीधे कैबिनेट मंत्री बनेगा. सूत्रों के मुताबिक प्रदर्शन से ज्‍यादा जातिगत समीकरण के आधार पर मंत्रिपद दिए जाएंगे.

दो दिन में तय होंगे मंत्रालय
मीडिया से बातचीत के दौरान महाराष्‍ट्र सरकार में मंत्री उदय संमत ने कहा, ‘कैबिनेश का विस्‍तान अगले 48 से 72 घंटों में हो जाएगा. तीनों नेताओं को महाराष्‍ट्र और उसके भूगोल के बारे में अच्‍छे से पता है. हमें शिंदे के नेतृत्‍व पर पूरा भरोसा है. कार्यक्षमता के आधार पर विधायकों को विभाग बांटे जाएंगे.’

टैग: Ajit Pawar, देवेन्द्र फड़नवीस, एकनाथ शिंदे

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