मुंबई। मनोज बाजपेयी आज एक्टिंग की दुनिया के एक बड़े सितारे बन गए हैं. लेकिन मनोज बाजपेयी ने यहां तक पहुंचने के लिए सालों तक संघर्ष किया है. साल 2003 में रिलीज हुई फिल्म पिंजर में मनोज बाजपेयी ने उर्मिला मातोंडकर के साथ काम किया था. चाणक्य जैसा कालजयी सीरियल बनाने वाले डायरेक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी की ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी. हालांकि इस फिल्म को समीक्षकों ने खूब पसंद किया. इतना ही नहीं रिलीज के अगले साल 2004 में पिंजर को फिल्म फेयर के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था.

इसके बाद भी फिल्म फ्लॉप रही थी. 12 करोड़ रुपये के बजट से बनी फिल्म पिंजर ने महज 6 करोड़ रुपयों की कमाई की थी. भारत पाकिस्तान बंटवारे पर बनी ये फिल्म अमृता प्रीतम की किताब पिंजर की कहानी पर आधारित थी. इस फिल्म से मेकर्स को काफी उम्मीदें थीं. हालांकि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई. इस फिल्म को लेकर कई तरह के विवाद भी सामने आए थे.

मनोज बाजपेयी का काट दिया था चेहरा

फिल्म की डीवीडी कैसेट और पोस्ट से मनोज बाजपेयी का चेहरा काट दिया गया था. इस पर मनोज बाजपेयी ने नाराजगी जाहिर की थी. साथ ही मनोज बाजपेयी को इस फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नॉमिनेट किया गया था. इसको लेकर भी मनोज बाजपेयी ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि मैं इस फिल्म में सपोर्टिंग नहीं बल्कि लीड रोल में था. उर्मिला मातोंडकर से पहले ये फिल्म मनीषा कोरायला को ऑफर की गई थी. लेकिन मनीषा कोरायला ने इस फिल्म को करने से मना कर दिया था.

दर्शकों को पसंद आई थी फिल्म

इसके बाद इसमें उर्मिला को कास्ट किया गया था. ये फिल्म लोगों को ज्यादा पसंद नहीं आई लेकिन उसके बाद भी इस फिल्म की चर्चा जारी रही. फिल्म फेयर अवॉर्ड जीतने के बाद भी फिल्म काफी सुर्खियों में रही. 20 साल बाद भी फिल्म को याद किया जाता है. फिल्म के डायरेक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी की फिल्म समृाट पृथ्वीराज चौहान हाल ही में रिलीज हुई थी. जिसे भी दर्शकों ने ठेंगा दिया और बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही. फिल्म को लेकर चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने अक्षय कुमार को जिम्मेदार ठहराया था.

Source link

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *