मुंबई। बॉलीवुड जब ब्लैक एंड व्हाइट पर्दे के दौर से गुजर रहा था, तब नई कहानियों की मूवीज सिनेमाघरों में खूब देखी जाती थीं. जुर्म, परिवार और ड्रामा के साथ प्यार केंद्र में रहने वाली फिल्में लोगों को खूब भाया करती थीं.

इसी दौर के एक शानदार डायरेक्टर ने बॉलीवुड को पहली वॉर फिल्म दी थी. इस फिल्म का नाम था हकीकत. 1964 में रिलीज हुई हकीकत को बनाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी अपने दोस्त और डायरेक्टर चेतन आनंद को कहा था. ये बॉलीवुड की पहली वॉर फिल्म थी.

फिल्म के जरिए दिखाया था चीन का असली चेहरा

साथ ही इस फिल्म के जरिए डायरेक्टर चेतन आनंद का चीन के मुखौटे के पीछे छुपे क्रूर चेहरे को भी उजागर किया था. हकीकत सन 1962 के भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनाई गई थी. यह फिल्म बताती है कि हमारे बहादुर जवानों ने किस प्रकार युद्ध में लड़ते-लड़ते देश की सुरक्षा के लिए अपने बलिदान दिये थे. उनको दुर्गम हालातों के चलते युद्ध में पीछे हटने का साफ आदेश था. लेकिन उन्होंने फिर भी बिना हथियारों, सुरक्षा उपकरणों और रसद के लड़ना बेहतर समझा. इस फिल्म को देखने के बाद जेहन में एक बात उभरती है कि आखिर युद्ध की विभीषिका बयां करती इस फिल्म का काम ‘हकीकत ‘क्यों है?

प्रधानमंत्री नेहरू को समर्पित की गई थी फिल्म

दरअसल जब फिल्म पूरी होने वाली थी तभी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का निधन हो गया. चेतन आनंद बहुत दुखी हुए लिहाजा उन्होंने यह फिल्म पं. नेहरू को ही समर्पित कर दी. फिल्म में नेहरू की अंतिम यात्रा के वास्तविक दृश्य भी जोड़े गये थे. इस फिल्म तत्कालीन चीनी प्रधानमंत्री का भाई-भाई का नारा भी दिखाया गया था. यह दर्शाने के लिए कि वास्तव में चीनी कितने विश्वासघाती होते हैं. एक तरफ दोस्ती का नारा देते हैं दूसरी तरह हमारे जवान के सीने पर घाव भी करते हैं. इस प्रकार यह फिल्म जहां बहादुर जवानों की वीर गाथा कहती है, वहीं दूसरी तरफ दुश्मन देश चीन की बर्बरता की हकीकत बयां करती है. इसीलिए इसका नाम भी हकीकत रखा गया था.

इसी फिल्म से बदली थी चेतन आनंद की जिंदगी

इस फिल्म में धर्मेंद्र के अलावा बलराज साहनी और अभिनेत्री प्रिया राजवंश ने बतौर अभिनेत्री पहली बार अभिनय किया था. चेतन आनंद कलात्मक फिल्मों के बनाने में माहिर थे. चेतन आनंद ने सोलह फिल्में बनाईं. जिनमें ‘हक़ीक़त ‘उनकी आठवीं फिल्म थी. चेतन आनंद ने देश को पहली बार पीठ में छुपा घोंपने वाली चीन की चतुराई की वास्तविक तस्वीर दिखाई थी. सन 1964 में देशवासियों और जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए चेतन आनंद ने हकीकत बनाई थी.

लद्दाख में हुई थी शूटिंग

जिसकी अधिकांश शूटिंग लद्दाख की पंद्रह हजार फीट दुर्गम बर्फीली पहाड़ियों में हुई थी. हकीकत देशभक्ति की एक लीजेंड फिल्म है. कैफी आजमी के लिखे उस फिल्म के देशभक्ति तराने आज भी राष्ट्रीय पर्व पर शान के साथ बजाये जाते हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि हकीकत ने ही बॉलीवुड में युद्ध आधारित फिल्में बनाने की आधारशिला रखी. उल्लेखनीय है कि हकीकत ने ही भविष्य में बॉलीवुड को देशभक्ति की फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया था.

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