एसडीएम कहानी: एसडीएम ज्योति मौर्या (SDM Jyoti Maurya) और उनके पति अलोक मौर्या (Alok Maurya) की आपसी विवाद इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. दोनों एक दूसरे पर आरोप पर आरोप लगा रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी पति-पत्नी को लेकर तरह-तरह के मीम वायरल हो रहे हैं. इन्ही सब मामलों के बीच फिरोजाबाद की SDM बुशरा बानो (SDM Bushra Bano) ने अपना रिएक्शन दिया है. इस पर उन्होंने कहा कि SDM ज्योति और अलोक का उनका निजी मामला है और इसको लेकर ज्यादा बहस नहीं होनी चाहिए.

SDM बुशरा बानो (SDM Bushra Bano) आगे कहती हैं कि इस मामले पर अभी जांच चल रही है. किसी की पर्सनल लाइफ में तांक-झांक करना सही नहीं है. इस मामले पर सोशल मीडिया (Social Media) पर चल रही बातें बेकार की है. ऐसे किसी भी मामले को लेकर पूरी महिला जाति को टारगेट करना अच्छा नहीं है. मैं खुद मीडिल क्लास फैमिली से आती हूं. शादी के बाद सुसराल वालों ने मेरी काफी मदद की, जिसकी वजह से में UPSC क्लियर कर पाई हूं.

UPSC और UPPSC दोनों एग्जाम किया था क्रैक
भारतीय सिविल सेवाओं के इतिहास में यह बहुत दुर्लभ है कि महिला उम्मीदवारों को तब इंटरव्यू का सामना करना पड़ता है, जब वे आठ महीने से अधिक गर्भवती हों और उनकी कई सर्जरी हुई हों. यूपी के कन्नौज जिले के सोर्क कस्वा की रहने वाली और फिरोजाबाद (सदर तहसील) की सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) डॉ. बुशरा बानो ने इस मुश्किल का बखूबी सामना किया है. बुशरा बानो संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा के पहले प्रयास में सफल नहीं रहीं. बाद में उन्होंने UPSC और UPPSC की प्रीलिम्स परीक्षा पास कर लीं. जून 2018 में दोनों परीक्षाओं का मेन्स भी पास कर लिया. इसके बाद उनका सेलेक्शन UPSC में हो गया और उन्हें 277वीं रैंक मिली. बाद में जब UPPSC का रिजल्ट आया तो उन्हें छठीं रैंक मिली थी. बुशरा डिप्टी कलेक्टर से लेकर सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) बनने की योग्य थी. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2020 में फिरोजाबाद सदर के SDM के रूप में शामिल हुई.

AMU से की थी MBA की पढ़ाई
डॉ. बुशरा बानो बचपन से ही पढ़ाई में तेजी थी. उन्होंने प्राइमरी एजुकेशन चार साल की उम्र में कक्षा 2 में शुरू की थी. वह पूरे शैक्षणिक जीवन में टॉपर रही हैं. गणित में बी.एससी पूरा करने के बाद MBA की पढ़ाई कीं. इसके बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मैनेजमेंट में पीएचडी में एडमिशन लिया. अगले ही वर्ष उन्होंने जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) क्वालीफाई कर ली थीं. दो साल और कुछ महीनों के कम समय में उन्होंने पीएचडी पूरी कर ली. बाद में उन्होंने आगरा में हिंदुस्तान और आनंद इंस्टीट्यूट में पढ़ाना शुरू किया. तब उनकी शादी सउदी अरब के जाज़ान विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर असमेर हुसैन से हुई थी. इसके बाद उसी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चुना गया. बाद UPSC और PCS करने के लिए नौकरी छोड़कर वापस भारत आ गई थी.

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