काठमांडू: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की एक हालिया टिप्पणी को लेकर भारत को विवाद में नहीं घसीटा जाना चाहिए. प्रचंड ने कहा था कि नेपाल में भारतीय कारोबारी सरदार प्रीतम सिंह ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के प्रयास किए थे. प्रचंड ने एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में कहा, ‘उन्होंने मुझे प्रधानमंत्री बनाने के लिए कई बार दिल्ली की यात्रा की और काठमांडू में राजनीतिक नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत की.’

उनकी टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है और इसकी आलोचना हुई है. संसद की कार्यवाही भी ठप कर दी गई है. प्रचंड की टिप्पणी पर ओली ने कहा, ‘भारत अच्छी तरह से जानता है कि नेपाल में सरकार गठन में हस्तक्षेप करना नेपाल की संप्रभुता का उल्लंघन होगा और उसने ऐसा नहीं किया है और न ही करेगा.’उन्होंने यह भी दावा किया कि सरदार प्रीतम सिंह ने प्रचंड के उस बयान को खारिज कर दिया है) जिसमें उन्होंने कहा था कि सिंह ने सीपीएन-यूएमएल अध्यक्ष को प्रधानमंत्री बनाने के लिए दिल्ली की यात्रा की थी.

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ओली के मुताबिक, सिंह ने कहा है, ‘मैं प्रचंड को प्रधानमंत्री बनाने के लिए दिल्ली नहीं गया था. मुझे नहीं पता कि प्रधानमंत्री ऐसा क्यों कह रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के लिए कभी दिल्ली नहीं गया.’ ओली ने काठमांडू में यूएमएल की छात्र शाखा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में उक्त टिप्पणी की. ओली ने कहा, “भारत ऐसा कभी नहीं कहता लेकिन हमारे प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि नेपाल की संप्रभुता नेपाली जनता या संसद में नहीं है और सरकार संसद से नहीं बनती बल्कि दिल्ली जाने से बनती है.” उन्होंने कहा कि प्रचंड का बयान ‘हमारी राष्ट्रीय संप्रभुता और राष्ट्रवाद के लिए झटका’ है.

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