मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की कार्य समिति के गुरुवार को लिए गए फैसलों को खारिज करते हुए और अजीत पवार (Ajit Pawar) के प्रति निष्ठा की शपथ लेने वाले प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी का ‘पूरा संगठनात्मक ढांचा दोष से भरा है’ और ‘पार्टी में कोई विभाजन नहीं है.’ यह दोहराते हुए कि कार्य समिति की कोई कानूनी वैधता नहीं है, पटेल ने कहा कि ‘हमारी संगठनात्मक संरचना त्रुटिपूर्ण है क्योंकि अधिकांश पदाधिकारी किसी न किसी व्यक्ति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं, जो एनसीपी के संविधान के खिलाफ है, और इस प्रकार कार्य समिति फैसला नहीं कर सकती है.’

गौरतलब है कि गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने दिल्ली में एक राष्ट्रीय कार्य समिति बुलाई. जिसने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए अजीत पवार और दो सांसदों – प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे सहित मंत्री बनने वाले सभी नौ विधायकों को निष्कासित करने के फैसले की पुष्टि की. पटेल को अजीत पवार ने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था. पटेल ने कहा कि पार्टी के आंतरिक चुनाव कई साल से नहीं हुए थे और जोर देकर कहा कि हालिया सुप्रीम कोर्ट का फैसला (शिवसेना मामले में) उन पर लागू नहीं होता है. उन्होंने कहा कि ‘हमारा मामला विभाजन या विलय से संबंधित नहीं है, यह पार्टी के अंदर मतभेद है और इसलिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला यहां लागू नहीं होता है.’

प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनके गुट के फैसले वैध हैं, और उन्होंने एनसीपी के संविधान में उल्लिखित उचित प्रक्रिया का पालन किया है. इस बीच शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने अजित पवार के खुद को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करने के बाद भी चुनाव आयोग (EC) से संपर्क नहीं करने का फैसला किया है. शरद पवार गुट के नेताओं ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग के पास कैविएट दाखिल कर दी है, जो फिलहाल काफी है. एनसीपी के राष्ट्रीय सचिव बृजमोहन श्रीवास्तव ने कहा कि वे जल्दबाजी में नहीं हैं क्योंकि उन्होंने सभी उचित प्रक्रिया का पालन किया है, जो उस समय चुनाव आयोग को सौंपी गई थी.

उन्होंने कहा कि ‘हमने इस समय चुनाव आयोग से संपर्क नहीं करने का फैसला किया है. अगर वे अजीत पवार द्वारा किए गए दावों को सत्यापित करने का निर्णय लेते हैं तो हम उन्हें जवाब देंगे.’ एनसीपी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक पिछले साल सितंबर में हुए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में शरद पवार को निर्विरोध चुना गया था. सम्मेलन में यह भी फैसला लिया गया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी कार्यकारिणी चुनने के सारे अधिकार दिए जायेंगे, जिसे निर्वाचित माना जाएगा. जबकि अजित गुट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अधिवेशन को चुनौती देते हुए दावा किया कि यह खुला अधिवेशन था.

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