नई दिल्ली. पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यूसीसी को लागू करना ‘अनुच्छेद 370 को रद्द करने जितना आसान’ नहीं होगा, क्योंकि इससे सभी धर्म प्रभावित होंगे. आजाद ने इसको लेकर केंद्र सरकार को सलाह भी दी है.

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष आजाद ने कहा, ‘यूसीसी को लागू करने का सवाल इसलिए नहीं है, क्योंकि यह अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने जैसा आसान नहीं है. इसके दायरे में सभी धर्म शामिल हैं. सिर्फ मुसलमान ही नहीं, बल्कि सिख, ईसाई, आदिवासी, जैन और पारसी, इन सभी लोगों को नाराज करना किसी भी सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा.’ उन्होंने कहा, मेरी सरकार को यही सलाह है कि वह यह कदम उठाने के बारे में सोचे भी नहीं.’

यूसीसी पर वायरल मैसेज पर जनता को किया सतर्क
इस बीच, भारत के विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता से संबंधित प्रसारित किए जा रहे कुछ व्हाट्सएप टेक्स्ट, कॉल और संदेशों के बारे में बड़े पैमाने पर जनता को सूचित करने के लिए एक डिस्क्लेमर जारी किया है. विधि आयोग ने कहा कि कुछ फोन नंबर व्यक्तियों के बीच घूम रहे हैं. उन्हें गलत तरीके से दर्शाया जा रहा है. यह स्पष्ट किया जाता है कि विधि आयोग का इन संदेशों, कॉलों या संदेशों से कोई जुड़ाव या संबंध नहीं है, और वह किसी भी जिम्मेदारी या समर्थन से इनकार करता है.

पीएम मोदी के ताजा बयान से चर्चा में आया यूसीसी
कार्यकारी निकाय ने कहा, व्यक्तियों को इस संबंध में जारी सार्वजनिक सूचना तक पहुंचने के लिए भारत के विधि आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की अवधारणा पिछले चार वर्षों से चर्चा का विषय रही है. मध्य प्रदेश में अपने हालिया संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद इसकी चर्चा ने फिर जोर पकड़ा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश दो कानूनों से नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है.

सिख समाज करेगा सरकार से बात
दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय सिख समागम के दौरान समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर सरकार के साथ बातचीत के लिए शुक्रवार को 11 सदस्यीय दल गठित किया गया. इसमें यह सुनिश्चित किया जाना है कि सिखों के अधिकारों और प्रथाओं से छेड़छाड़ न हो. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी यूसीसी का सौदा जारी नहीं किया है, इसलिए अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है कि इसका समर्थन किया जाए या विरोध किया जाए. समिति ने एक बयान में कालका के हवाले से कहा कि समागम में यह फैसला किया गया कि मसौदे को देखे बिना, इसका विरोध करना उचित नहीं है.

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