नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के चैंपियन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट की दुनिया का बादशाह माना जाता है. क्रिकेट इतिहास में कई कप्तान आए और गए लेकिन जो उपलब्धि इस भारतीय दिग्गज ने हासिल की वो अब तक किसी को नसीब नहीं हो पाई. आईसीसी के सारे बड़े ट्रॉफी धोनी ने भारत की झोली में डाले. 7 नंबर की जर्सी अब इंटरनेशनल मैच के लिए कभी मैदान पर नहीं उतरने वाली लेकिन इस नंबर के पीछा का राज क्या है इससे कई लोग वाकिफ है और कुछ जानना चाहते हैं

टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी जैसा तेज दिमाग वाला कप्तान शायद ही पहले आया और आगे आएगा. क्रिकेट को जितनी बारीकी से इस धुरंधर ने पढ़ा और समझा वो उनके द्वारा हासिल की गई ट्रॉफी और जीत में झलकता है. महेंद्र सिंह धोनी ने भारत की तरफ से 7 नंबर की जर्सी पहनकर खेला और इस नंबर से उनका गहरा रिश्ता है. इंटरनेशनल मैच ही नहीं बल्कि इंडियन प्रीमियर लीग में भी धोनी इसी नंबर की जर्सी में खेलते हैं.

धोनी के नंबर 7 की जर्सी का राज

महेंद्र सिंह धोनी के नंबर 7 की जर्सी के पीछे का राज क्या है. आखिर उन्होंने 1 से 9 नंबर तक बीच 7 को ही क्यों चुना. इसके पीछे कोई बहुत बड़ा राज नहीं बल्कि इस नंबर को लेकर उनका विश्वास है. दरअसल धोनी का जन्म 7 जुलाई को हुआ है. तारीख 7 और महीने की नंबर भी 7 ही आता है लिहाजा उन्होंने वह इन दोनों ही नंबर को लकी मानते हैं.
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7 नंबर से है खास नाता

नंबर 7 की जर्सी पहनकर खेलने वाले धोनी के लिए यह नंबर बेहद खास है. साल 2007 में महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टी20 टीम का कप्तान बनाया गया था. उस वक्त वीरेंद्र सहवाग 1 टी20 मैच में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके थे फिर भी चयनकर्ताओँ ने धोनी को चुना. 2007 के विश्व कप को भारत ने जीता और यहां से शुरू हुआ कैप्टन कूल की कामयाबी का सफर.

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