हाइलाइट्स

जामुन की गुठलियों में भी एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते हैं.
जामुन खाना भी डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है.

जामुन मधुमेह के लिए कैसे अच्छा है: फलों को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. सभी लोगों को स्वस्थ रहने के लिए अपनी डाइट में फलों को शामिल करना चाहिए. मौसमी फल खाने से कई बीमारियों से राहत मिलती है. बरसात के मौसम में जामुन (Black Plum) सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला फल है. यह फल बाजार में आसानी से मिल जाता है और बेहद स्वादिष्ट होता है. जामुन को डायबिटीज के मरीजों के लिए चमत्कारी माना जा सकता है. इसे खाने से शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इतनी ही नहीं, जामुन की गुठलियों को भी शुगर के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. आयुर्वेद में भी इस फल को शुगर लेवल कम करने में असरदार बताया गया है.

यूपी के अलीगढ़ आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पीयूष माहेश्वरी के मुताबिक शुगर के मरीजों को जामुन का जमकर सेवन करना चाहिए. यह फल कार्बोहाइड्रेट को ऊर्चा में बदलने में सहायता करता है और ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करता है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसकी वजह से डायबिटीज के रोगियों को जामुन का जमकर सेवन करना चाहिए. जामुन खाने से शुगर के मरीजों को अत्यधिक पेशाब और थकान की समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती है. आयुर्वेद में जामुन और इसकी गुठलियों को लाभकारी बताया गया है. जामुन का रस इंसुलिन सेंसिटिविटी और गतिविधि दोनों को बढ़ाता है. इसके जूस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे डायबिटीज पेशेंट को अतिरिक्त फायदा मिलता है.

जामुन की गुठलियां भी करती हैं कमाल

डॉ. पीयूष माहेश्वरी कहते हैं कि जामुन की गुठलियां भी सेहत के लिए कमाल की होती हैं. जामुन की गुठली में एंटी डायबिटिक गुण होते हैं. इसमें मौजूद एसिड यौगिक भोजन को स्टार्च में बदलने की गति को धीमा कर देते हैं. इससे डायबिटीज का स्तर नियंत्रित रहता है. डायबिटीज के मरीजों को जामुन की गुठलियों का चूर्ण बनाकर खाना चाहिए. आप जामुन की गुठली के चूर्ण का उपयोग रोजाना सुबह खाली पेट कर सकते हैं. इसके लिए आप एक गिलास पानी में एक चम्मच गुठली का चूर्ण मिक्स करके सेवन कर सकते हैं. ऐसा करने से आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में रहेगा. साथ ही सेहत को कई लाभ होंगे.

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डायबिटीज कंट्रोल करना बेहद जरूरी

आयुर्वेद एक्सपर्ट के अनुसार डायबिटीज मेलेटस को सामान्यतः मधुमेह कहा जाता है. यब मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों का एक समूह है, जिसमें लंबे समय तक ब्लड में शुगर का लेवल हाई रहता है. अगर हाई ब्लड शुगर का इलाज न कराया जाए, तो कई जटिलताओं का कारण बन सकता है. तीव्र जटिलताओं में डायबिटीज कीटोएसिडोसिस, नॉनकेटोटिक हाइपरोस्मोलर कोमा या मौत भी हो सकती है. गंभीर दीर्घकालिक जटिलताओं में हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रोनिक किडनी फेलियर, फुट अल्सर और आंखों का नुकसान शामिल है.

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