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भारतीय अफसरों को धमकाने वालों पर कार्रवाई करें; खालिस्तान मुद्दे पर ब्रिटिश NSA को अजीत डोभाल की दो टूक

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नई दिल्ली. भारत ने खालिस्तानी समर्थकों को लेकर सख्त कार्रवाई की मंशा को एक बार फिर साफ कर दिया है. भारत ने ब्रिटेन के सामने खालिस्तानियों का मसला उठाते हुए सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने शुक्रवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष टिम बैरो से ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को धमकी देने वाले चरमपंथी तत्वों के खिलाफ निर्वासन जैसी कड़ी सार्वजनिक कार्रवाई करने का आग्रह किया.

अजीत डोभाल ने भारत की यात्रा पर आए बैरो के साथ व्यापक बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठाया. दोनों एनएसए ने आमने-सामने बातचीत की जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई. खालिस्तान समर्थक समूहों ने ब्रिटेन के साथ-साथ अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले पोस्टर जारी किए हैं. भारत पहले ही इन सभी देशों से भारतीय राजनयिकों और उसके मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कह चुका है.

भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को सुरक्षा पर चर्चा
एक सूत्र ने बताया, ‘भारतीय पक्ष ने ब्रिटेन में चरमपंथी तत्वों द्वारा भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को धमकी देने का मुद्दा उठाया और ब्रिटिश सरकार से इन तत्वों के खिलाफ निर्वासन या कानूनी मुकदमा चलाने जैसी कड़ी सार्वजनिक कार्रवाई करने का आग्रह किया.’ दोनों पक्ष आतंकवाद और आतंकी फंडिंग का मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमत हुए.

द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने पर बात
दोनों एनएसए ने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने का भी संकल्प लिया. ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सर टिम बैरो भारत-ब्रिटेन रणनीतिक वार्ता के लिए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निमंत्रण पर 7 जुलाई को नई दिल्ली की आधिकारिक यात्रा पर हैं. उनके साथ ब्रिटेन सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी आया है.

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क्षेत्रीय और वैश्विक एजेंडे पर हुई चर्चा
दोनों एनएसए व्यापक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक एजेंडे पर नियमित रूप से व्यापक विचार-विमर्श कर रहे हैं. वर्तमान यात्रा उन्हें अपनी उच्च-स्तरीय वार्ता जारी रखने का अवसर देगी, जिसमें दोनों देशों के बीच बहुआयामी सहयोग की समीक्षा के साथ-साथ प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए भविष्य के क्षेत्रों का पता लगाना शामिल होगा.

इस दौरान दोनों पक्ष हिंसक चरमपंथ और कट्टरपंथ से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमत हैं. उनका मानना है कि लोकतंत्र में हिंसक अतिवाद और कट्टरपंथ को जायज नहीं ठहराया जा सकता.

(भाषा के इनपुट के साथ)

टैग: भारत ब्रिटेन, खालिस्तानी आतंकवादी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, नई दिल्ली खबर

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