नई दिल्ली. यूनाइटेड किंगडम (यूके) में गैंगस्टरों और खालिस्तानी समूहों के बीच सांठगांठ के इनपुट मिलने शुरू हो गए हैं. गैंगस्टरों और खालिस्तान समूह का ये नया पैटर्न खुफिया एजेंसियों के लिए भी चिंता का एक और कारण बन रहा है. सूत्रों के मुताबिक यह गैंगस्टर आतंकवादी समूहों के लिए आसान लक्ष्यों को साधने के लिए उपयुक्त हैं. एजेंसियों की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उनमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई), गैंगस्टर गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई भी इसी नेटवर्क का हिस्सा हैं.

गैंगस्टर दुबई, पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों और ब्रिटेन में खालिस्तानी समूहों की ओर से काम कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि उन्हें देश में स्थानीय व्यवस्था को आतंकित करने के लिए प्रमुख नेताओं, गायकों और व्यापारियों की हत्या करने के लिए काम पर रखा जाता है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हालिया जांच में पाया गया है कि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के अर्श दल्ला के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जो भारत में गैंगस्टरों के संपर्क में है. वह टारगेट किलिंग पर मिलकर काम करता था.

कई हत्याओं को दिया अंजाम
एक अन्य जांच में संघीय एजेंसियों ने पाया कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) गैंगस्टर गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ा हुआ है. इन दोनों समूहों ने मिलकर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप कुमार सहित कई लोगों की हत्या की. आतंकी रिंदा ने मोहाली में आरपीजी हमले को अंजाम दिलाया, जिसे बिश्नोई ने अंजाम दिया था. हाल ही में गैंगस्टरों ने जाम्बिया में कबड्डी खिलाड़ियों और बिल्डरों संजय बियानी और संदीप नांगल की हत्या कर दी थी.

कई राज्यों में जबरन वसूली का नेटवर्क
जांच में पता चला कि ये गैंगस्टर पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया भाग गए और वहां से अपराधों की योजना बना रहे थे. वे हवाला और जबरन वसूली का उपयोग करके पैसे की व्यवस्था करते हैं. संघीय एजेंसियां दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और एनसीआर में गैंगस्टरों और उनके सहयोगियों पर छापे मार रही हैं. एजेंसियां हवाला ऑपरेटरों के खिलाफ मामले दर्ज कर रही हैं और उनमें से कई को गिरफ्तार किया गया है.

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