नई दिल्ली. कहते हैं पंजाबी घराने के लोग अक्सर खाने पीने का शौकीन होते हैं. ‘ड्रीम गर्ल’ के नाम से पूरे बॉलीवुड में फेमस हेमा मालिनी भले पैदा पंजाबी परिवार में न हुई हो, लेकिन उन्होंने धर्मेंद्र से शादी कर पंजाबी बहू बनने का फैसला तो कर ही लिया थी. 2 मई 1980 को दोनों शादी के बंधन में बंधे. कहते हैं कि किसी को इंप्रेस करने का सबसे अच्छा रास्ता पेट से होकर गुजरता है. यानी लजीज खाने के स्वाद के साथ, लेकिन क्या आप विश्वास करेंगे कि शादी के बाद भी हेमा को खाना बनाना नहीं आता था.

हेमा मालिनी ने समाज की परवाह न करते हुए 4 बच्चों के पिता से शादी की. शादी के सालों बाद उन्होंने ये खुलासा किया कि मिसेज देओल बनने के बाद भी उन्हें खाना बनाना नहीं आता था. हालांकि मां बनने के बाद उन्हें फिर ये सब सीखना पड़ा. वो भी क्यों आइए आपको बताते हैं…

‘धरम जी को खुश करने के लिए मुझे कुकिंग नहीं करनी पड़ी’
‘ड्रीम गर्ल’ ने ‘द कपिल शर्मा शो’ के एक ऐपिसोड में इस बात का खुलासा किया था. उन्होंने कहा, ‘हम दोनों ज्यादातर वक्त काम में ही बिजी रहते थे और धरम जी को खुश करने के लिए मुझे कुकिंग नहीं करनी पड़ी’. उन्होंने बताया था हालांकि मां बनने के बाद ये चीजें बदल गईं और तब मुझे एहसास हुआ कि खाना बनाना कितना ज्यादा जरूरी है.

जब फोन पर मां से कहा, आपने मुझे खाना बनाना नहीं सिखाया
जब ईशा स्कूल जाती थी, तो उनके दोस्त उसे दिखाते थे…देखों मेरी मां ने यह बनाया है…मेरी मां ने वह बनाया है. वो उससे पूछते थे कि तुम्हारी मां ने क्या बनाया है? तब वह घर आकर गुस्सा होता और कहती कि आप क्यों कुछ नहीं बना रहीं हैं? यह सुनकर मुझे बुरा लगा और मैंने अपनी मां को फोन किया और उनसे कहा कि आपने मुझे खाना बनाना नहीं सिखाया, इसलिए मुझे परेशानी हो रही है.’

विदेश में जाकर सीखा खाना बनाना
एक्ट्रेस ने बताया खाना बनाना सीखने के लिए अपनी मां को लंदन से इंडिया बुलाती थीं और अपनी बेटियों के लिए अलग-अलग चीजें बनाया करती थीं. उन्होंने आगे कहा- ‘विदेश में हमारी छुट्टियों के दौरान मैंने पूरी तरह से खाना पकाना सीखना शुरू किया. मैं अपनी मां को लंदन से बॉम्बे बुलाती थी और उनसे पूछती थी कि यह चीजें कैसे बनेंगी.’ उन्होंने वो पल भी याद किया कि कैसे विदेश में अपने फैमिली वैकेशन के दौरान खाना बनाना शुरू कर दिया था.

रेस्टोरेंट, अम्मा  का बनाया खाना आता था पसंद
शो में हेमा के साथ उनकी बेटी ईशा भी पहुंचीं थी. उन्होंने कहा था कि ये सब विदेश में होता था, जहां पर इंडिया खाना खाने का मजा ही कुछ और होता है. अम्मा वहां खाना बनाती थीं और हम रेस्टोरेंट में खाना नहीं खाते थे. हम लंदन में घूमते थे और फिर अपार्टमेंट में आकर अम्मा के हाथ से बना खाना खाते थे.

पराठे नहीं हेमा के हाथ के इडली, सांभर पसंद करते थे धरम पाजी
कपिल ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने कभी भी पराठे नहीं चखे? क्योंकि धर्मेंद्र पंजाब से हैं, जहां ज्यादातर लोग पराठे के शौकीन होते हैं…इस पर उन्होंने जवाब दिया…जब वह हमारे यहां आते हैं, तब वो इडली, सांभर और डोसा खाना पसंद करते हैं.

टैग: धर्मेंद्र, शांत दक्षिण

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