हाइलाइट्स

रूसी नौसेना बड़ी संख्या में बोटलनोज डॉलफिन का अपने लिए उपयोग कर रही है.
डॉलफिन की भर्ती कर उन्हें काला सागर के सेवस्तोपोल में तैनात किया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि हाल के समय में वहां डॉलफिन की संख्या दो गुनी हो गई है.

युद्ध में जानवरों का इस्तेमाल बहुत पुरानी बात है लेकिन समुद्री जानवरों का इस्तेमाल अनोखी बात लग सकती है. लेकिन कम लोग जानते हैं कि डॉलफिन का भी इंसान कई तरह से, जिनमें सैन्य गतिविधियां भी शामिल हैं, उपयोग कर सकता है. और इतना ही नहीं उनका दशकों से उपयोग हो भी रहा है. लेकिन डॉलफिन कुछ दिनों से यूके की उस रिपोर्ट की वजह से सुर्खियों में हैं जिसके मुताबिक रूसी सेना उनका काला सागर में बहुत ज्यादा उपयोग कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक हाल के समय में कालासागर में रूसी नौसैन्य अड्डा सेवस्तोपोल के पास बॉटलनोज डॉलफिन की संख्या तेजी से बढ़ कर दो गुनी हो गई है. लेकिन रूसी सेना उनका उपयोग कैसे कर रही है.

रुस की सुरक्षा का सवाल
इस सवाल का जवाब भी यूके इंटेलिजेंस की उस रिपोर्ट में दिया गया है. लेकिन  पहले यह जान लेते हैं कि ऐसा क्यों  हो रहा है. दरअसल कालासागर के क्रीमिया द्वीप रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से ही यूक्रेन के निशाने पर है. क्रीमिया पर साल 2014 में ही रूस ने यूक्रेन से छीन लिया था. तब से रूस के लिए सुरक्षा के लिहाज से यह एक संवेदनशील द्वीप हो गया है.

क्या करती हैं डॉलफिन?
क्रीमिया की संवेदनशीलता के कारण काला सगार में सेवस्तोपोल नेवल बेस क्रीमिया की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गया है और यहीं पर डॉलफिन की संख्या बढ़ती जा रही है. रिपोर्ट में बताया गया रहै कि जहां उन्हें किसी गोताखोर से लड़ने के लिए नहीं रखा गया है, लेकिन उनकी उपयोग ऐसे अवांछनीय गोताखोरों की जल्दी से पहचान करने में बहुत अच्छे से  हो सकता है.

बहुत सक्षम होती हैं इस काम में
डॉल्फिन यह पता लगा सकती हैं कि गोताखोर कहां हैं और उनकी जगह की सूचना अपने पालकों को दे सकती हैं और इस मामले में वे ज्यादा क्षमतावान और कारगर होती है और कोई उनकी इस तरह से पहचान भी नहीं कर सकता है कि वे समुद्र में आखिर कर क्या रही हैं. क्योंकि समुद्री जानवर होने के नाते उनका वहां होना बहुत ही समान्य और अनापत्तिजनक बात है.

पर्यावरण, पशु, जलवायु, अनुसंधान, रूस, रूसी नौसेना, डॉल्फ़िन, सैन्य डॉल्फ़िन, गोताखोर, काला सागर, बॉटलनोज़ डॉल्फ़िन,

डॉलफिन किसी भी महिर तैराक की तुलना में बहुत तेजी से तैर सकती हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)

लेकिन उसकी वजह क्या है
सवाल यह है कि इस काम के लिए डॉलफिन ही क्यों. नेवल न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक डॉलफिन को गोताखोरी में माहिर विशेषज्ञ भी पछाड़ नहीं  सकते. वे इतना तेजी से तैरती हैं कि वे पहचाने जाते हुए गोताखोरों के पास से  उनकी उपस्थिति जानकर निकल सकती हैं. उनकी तैरने की गति 29 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक पहुंच सकती है., जबकि सबसे अच्छे इंसानी तैराक की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा पाती है.

यह भी पढ़ें: किलर व्हेल को रहस्मयी त्वचा रोग से है खतरा, पर कैसे?

एक बार में सात डॉलफिन
रिपोर्ट के मुताबिक एक बारे में नौसैनिक अड्डे के पास एक बारे में सात डॉलफिन सेवाएं दे सकती हैं. इन्हें खास तरह से नौकाओं द्वारा भी बेस के आसपास तैनात किया जा सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि सुरक्षा केवल डॉलफिन के ही भरोसे है. सेवस्तोपोल में सुरक्षा में एंटी टोरपीडो नेट का नेटवर्क, डेप्थ चार्ज सिस्टम और रॉकेट लॉन्चर के बाद फिर डॉलफिन की भूमिका शुरू होती है.

पर्यावरण, पशु, जलवायु, अनुसंधान, रूस, रूसी नौसेना, डॉल्फ़िन, सैन्य डॉल्फ़िन, गोताखोर, काला सागर, बॉटलनोज़ डॉल्फ़िन,

डॉलफिन का उपयोग आज नहीं बल्कि करीब छह दशकों से किया जा रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)

पहली बार नहीं हो रहा है ऐसा
माना जाता है कि रूसी नौसेना समुद्री जानवर का उपयोग अपने लिए पहली बार नहीं कर रही है. सालों से जासूसी व्हेल की देखा जा चुका है कि जो रूसी उपकरण को एक जगह से दूसरी जगह तक लेते हुए पाई गई हैं. हो सकता है कि उनका उपयोग निगरानी के मकसद से भी किया जाता रहा है.

यह भी पढ़ें: कैसे विलुप्त हुईं विशाल शार्क मेगालोडन, खून के मिजाज से है नाता

इसी तरह से अमेरिका भी डॉलफिन पर कैमरे लगाने का काम किया है. लेकिन समस्या ये है कि  ना तो कोई देश यह खुलासा करता है कि वह समुद्री जानवरों का उपयोग कैसे करता है और ना ही इस बात का खुलासा करता है कि उसका दुश्मन देश वह काम कैसे करता है. लेकिन इतना साफ है कि रूस और अमेरिका दोनों ही 1960 के दशक से रही डॉलफिन पर शोध और उन्हें प्रशिक्षित कर उपयोग में लाने का काम कर रहे हैं.

टैग: जानवरों, जलवायु, पर्यावरण, शोध करना, रूस

(टैग्सटूट्रांसलेट)पर्यावरण(टी)जानवर(टी)जलवायु(टी)अनुसंधान(टी)रूस(टी)रूसी नौसेना(टी)डॉल्फ़िन(टी)सैन्य डॉल्फ़िन(टी)गोताखोर

Source link

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *