आदित्य तिवारी/भोपाल. कुछ साल पहले हुए एक रिसर्च से पता चलता है कि भारतीय खाने-पीने को लेकर बहुत शौकीन हैं. यहां के लोगों को जलेबी खाना खास तौर पर पसंद है. इसे हमारा राष्ट्रीय मिठाई भी माना जाता है. कई बार जलेबी और रबड़ी का कॉम्बिनेशन कई महंगे मिठाइयों के स्वाद को भी पीछे छोड़ देता है. कुछ लोग माइग्रेन तथा सिरदर्द से पीड़ित लोगों को शर्तिया इलाज के तौर पर सुबह उठ कर खाली पेट जलेबी-रबड़ी खाने की सलाह देते हैं जो बेहद असरदार साबित होता है.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के डॉक्टर शिवम दुबे के मुताबिक वात दोष के कारण माइग्रेन और सिरदर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. जलेबी और रबड़ी को एक साथ मिला कर खाने से हमारे शरीर में मौजूद कफ खत्म होता है. इससे शरीर में मौजूद वात दोष पर नियंत्रण पाया जा सकता है. वात दोष से निजात मिलते ही माइग्रेन जैसी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है.

जलेबी-रबड़ी खाने के और भी हैं फायदे

हमारे शरीर में वात दोष के कारण माइग्रेन के अलावा भी कई अन्य समस्याएं उत्पन्न होती है. कई सारे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का कारण हमारे बॉडी में वात दोष बनता है. नर्वस सिस्टम में भी तकलीफ बढ़ने का कारण यही होता है. माइग्रेन और सिरदर्द के अलावा बेल पाल्सी, ज्यादा टेंशन, अल्जमाइमर, सिर पर चोट लगना, स्ट्रोक जैसी बीमारियों से निजात पाने के लिए रबड़ी और जलेबी का सेवन कर सकते हैं.

आयुर्वेद में सूर्योदय से पहले रबड़ी-जलेबी खाने की सलाह

आयुर्वेद के अनुसार वात काल का समय सुबह का माना गया है. सुबह पेट खाली होने के बाद हमारे शरीर में तेजी से वात की बढ़ोतरी होती है. इसको नियंत्रण में रखने के लिए रबड़ी और जलेबी का कॉन्बिनेशन सबसे उत्तम माना गया है. यही कारण है कि आयुर्वेद के मुताबिक रबड़ी और जलेबी का सेवन सूर्योदय से पहले ही कर लेना चाहिए. दो से तीन हफ्तों तक लगातार सूर्योदय से पहले रबड़ी-जलेबी खाने से शरीर में मौजूद वात दोष से निजात मिलता है.

इसलिए, यदि आप भी माइग्रेन और अन्य बीमारियों से छुटकारा पाना चाहते है तो रबड़ी और जलेबी का सेवन करें, स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको इसका लाभ मिलेगा.

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