पेरिस. फ्रांस में पुलिसवाले द्वारा एक किशोर को मार दिए जाने के बाद शुरू हुई हिंसा का दौर तीसरे दिन भी जारी रहा. इस हिंसा में करीब 250 पुलिसवाले घायल हो चुके हैं, वहीं 600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस हिंसा के मद्देनजर राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों ने ब्रसेल्स की अपनी यात्रा को छोटा कर दिया है और एक आपातकालीन बैठक बुलाई है.

प्रदर्शनकारियों ने यहां कई स्कूल, दुकानों और बैंकों में आग लगा दी. इस बीच पुलिस की कई शहरों में प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प हुई. वहीं पुलिस ने बीती रात पूरे फ्रांस से करीब 667 गिरफ्तारियां की, जिनमें ज्यादातर 14 से 18 साल की उम्र के युवक थे. आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने बताया है कि माहौल को शांत करने के लिए विशिष्ट रेड और जीआईजीएन इकाइयों सहित 40,000 अधिकारियों को तैनात किया गया है. हालांकि भारी सुरक्षा तैनाती के बावजूद, कई क्षेत्रों में हिंसा और क्षति की सूचना मिली है. प्रदर्शनकारियों ने नगरपालिका भवनों, जैसे टाउन हॉल, पुस्तकालयों और पेरिस के उत्तर में स्थित सीन-सेंट-डेनिस विभाग को अपना निशाना बनाया.

अब राज्य के स्मारक भी निशाने पर
सोशल मीडिया पर शेयर किए रहे वीडियो में पूरे देश को हिंसा की गिरफ्त में देखा जा सकता है. इसके साथ ही सार्वजनिक संपत्ति को भी बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचाया गया है. आशंका है कि आने वाले दिनों में शहर और ज्यादा हिंसा का शिकार हो सकता है. एक रिपोर्ट बताती है कि इस बार व्यवस्था की ताकत और राज्य के प्रतीकों को निशाना बनाने की आशंका जताई जा रही है. इसके बाद इमेनुएल मैक्रों ने ब्रसेल्स की अपनी यात्रा को छोटा कर दिया है, जहां वह यूरीपियन संघ सम्मेलन में हिस्सा लेने गए थे. अब वह एक आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

17 साल के किशोर की हत्या से भड़की हिंसा
पेरिस के पश्चिम उपनगर नैनटेरे में नाहेल नामक 17 वर्षीय युवक की हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन भड़का. इस मौत ने पुलिस हिंसा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अंदर नस्लवाद की लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को हवा दे दी है. नाहेल की मौत से जुड़ा जो वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट हुआ, उसमें दिखाई दिया कि दो पुलिस अधिकारी कार की तरफ झुके हुए हैं और उनमें से एक अंदर बैठे ड्राइवर को गोली मार रहा है. नाहेल की मां ने इस मामले पर पुलिस की बजाए गोली मारने वाले अधिकारी को दोषी बताया है, उन्होंनें कहा कि पुलिस अधिकारी ने एक अरब को देखा, जो एक बच्चा था. और उसकी जान ले ली.

2005 में भी फ्रांस ऐसे ही हुआ था हिंसा का शिकार
गौरतलब है कि फ्रांस में हिंसा का पुराना इतिहास रहा है. ऐसी ही एक घटना में वर्ष 2005 में जब दो लड़के जो पुलिस से छिपे हुए थे, उनकी मौत हुई थी तो पूरे फ्रांस में कई हफ्तों तक अशांति का माहौल बना रहा था. यही नहीं हालात इतने बिगड़ गए थे कि फ्रांस में राष्ट्रीय आपातकाल लगाना पड़ा था

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