हाइलाइट्स

फ्लैक्स सीड्स कैंसर के खतरे को कम करने में भी मददगार हैं.
चिया सीड्स में क्वेरसेटिन नाम का असरदार एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है.

डाइटिंग-सीरीज़ के लिए महत्वपूर्ण बातें: डाइटिंग में कुछ सीड्स सुपर से भी ऊपर का रिजल्ट दे सकते हैं. ये केवल वेट लॉस में ही खास रोल अदा नहीं करते हैं बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं. इनमें शामिल हैं चिया सीड्स, फ्लैक्स सीड्स और ससमे सीड्स, जिनको डाइट में शामिल करने से ये वजन कम करने में तो मदद करते ही हैं. साथ ही इनके सेवन से आपको कई तरह की दिक्कतों से भी निजात मिल सकती है. इसीलिए डाइटिंग में इम्पॉर्टेन रोल निभाने वाली (Seeds for dieting-series) कुछ खास चीजों की सीरीज के अंतर्गत, डाइटिंग में तिल, सब्जे के बीज और अलसी के बीजों के फायदों और इसकी मात्रा के बारे में बता रही हैं. लखनऊ स्थित चरक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के आहार और पोषण विभाग की विभागाध्यक्ष डाइटीशियन डॉक्टर इंदुजा दीक्षित.

बता दें कि सीरीज के पिछले आर्टिकल में आपको डाइटिंग में मखाने को डाइट में शामिल करने और इसके इस्तेमाल के बारे में बताया गया था. आइए सीरीज के इस अंक में डॉक्टर इंदुजा दीक्षित से जानते हैं, डाइटिंग के दौरान सीड्स का इस्तेमाल किस तरीके से और कितनी मात्रा में किया जा सकता है और हेल्थ के लिए ये बीज किस तरह से फायदेमंद हैं.

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फ्लैक्स सीड्स/अलसी के बीज
फ्लैक्स सीड्स वेट लॉस में तो अच्छी भूमिका निभाते ही हैं, साथ ही सेहत के लिए भी ये कई तरह से फायदेमंद होते हैं. इनमें लिगिनेंस पाया जाता है जो कैंसर सेल्स से लड़ने में कारगर होता है और इससे कैंसर की बीमारी का खतरा कम होता है. साथ ही इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और अल्फालीनिलिक एसिड होता है जो कोलेस्ट्रॉल के डिपॉज़िट्स को कम करता है, जिससे हार्ट सम्बन्धी परेशानी नहीं होती है.

इसके साथ ही बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी अलसी के बीज मदद करते हैं. इनमें अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जिसकी वजह से भूख का अहसास कम होता है और वेट लॉस करने में मदद मिलती है. फ्लैक्स सीड्स का सेवन आप स्मूदी, लड्डू, बड़ियां, सीड्स मिक्सचर जैसी चीजों के जरिये कर सकते हैं, चाहें तो इसका पाउडर बना कर दूध, पैन केक बैटर जैसी चीजों में इस्तेमाल कर सकते हैं. एक दिन में 30 ग्राम अलसी के बीज का सेवन किया जा सकता है.

चिया सीड्स/सब्जे के बीज
चिया सीड्स को सब्जे के बीज के नाम से भी जाना जाता है. इनमें क्वेरसेटिन नाम का एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है. ये हार्ट को हेल्दी रखता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है. सब्जे के बीजों में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है. जो भूख के अहसास को कम करता है, जिससे देर तक कुछ खाये बगैर रहा जा सकता है. इससे वजन कम करने में मदद मिलती है. तो साथ ही कब्जियत की दिक्कत भी नहीं होती है. शुगर को कंट्रोल करने में भी चिया सीड्स काफी कारगर हैं.

कैल्शियम और फास्फोरस भी इन बीजों में पाया जाता है, जो बोन हेल्थ को बेहतर बनाता है. इसको खाने से अर्थराइटिस की दिक्कत में भी आराम मिलता है. इन सीड्स का इस्तेमाल 15 से 30 ग्राम तक रोजाना किया जा सकता है. ध्यान रखें कि इसकी ज्यादा मात्रा में सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है. ब्लोटिंग और गैस की दिक्कत हो सकती है. इन बीजों का सेवन कभी भी ड्राई तौर पर नहीं करना चाहिए क्योंकि ये गले में चिपक सकते हैं. इसलिए इनका इस्तेमाल करने से पहले कुछ देर इनको सोक कर लें. इनका सेवन स्मूदी में, ड्रिंक्स में या पानी में मिक्स करके किया जा सकता है.

सेसमे सीड्स/तिल के बीज
तिल भी डाइटिंग में अच्छी भूमिका निभाते हैं. इनमें काफी अच्छी मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जिसके सेवन से पेट भरे रहने का अहसास काफी समय तक बना रहता है और इससे भूख नहीं लगती है. ऐसे में बीच-बीच में कुछ खाने का मन नहीं होता है, जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है. इनके सेवन से कब्ज की दिक्कत में आराम मिलता है और पेट आसानी से साफ हो जाता है. ससमे सीड्स में प्रोटीन भी काफी मात्रा में होता है. जिसकी वजह से मसल्स को मजबूती मिलती है और हीमोग्लोबिन भी सही रहता है.

इसमें गुड फैट भी पाया जाता है, जो हार्ट हेल्थ के लिए बेहतर है. तिल खाने से ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है. साथ ही इनमें मौजूद आयरन एनीमिया की दिक्कत से निजात दिलाने में मदद करता है. इसमें मौजूद कैल्शियम, फास्फोरस और मैगनीज हड्डियों और मांसपेशियों को स्ट्रांग बनाने में अच्छा रोल निभाते हैं. तिल में पॉलिफिनॉल्स होते हैं जो बालों की बेहतर देखभाल करते हैं. तिल का इस्तेमाल लड्डू या चिक्की बनाकर किया जा सकता है. या फिर आप चाहें तो इसकी चटनी या तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इनका सेवन भी आप रोजाना 30 ग्राम तक कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि ज्यादा मात्रा में लेने से उन लोगों को परेशानी हो सकती है जो गठिया की दिक्कत से गुजर रहे हैं.

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