हाइलाइट्स
डायबिटीज के मरीजों के लगातार अचार खाने पर उनमें हाई ब्लड प्रेशर के कारण इंसुलिन रेजिस्टेंस होने लगेगा.
अचार खाने से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है.
मधुमेह के लिए अचार अच्छा या बुरा: अचार एक चटपटा खाद्य पदार्थ है जिसे चखने के लिए हर किसी के मुंह से पानी आ जाता है. अचार कई चीजों से बनाया जाता है. आम, आंवला, मिर्च, कटहल आदि से बनाया जाता है. अचार नमकीन और मसालेदार होता है. अचार को कई दिनों के प्रोसेस के बाद बनाया जाता है. नमक के गल जाने के बाद अचार फर्मेंटेड हो जाता है जिससे गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है. ये आंत के लिए फायदेमंद है. दूसरी ओर अचार में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम होती है. कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया कि अचार में विनेगर मिलाए जाने के कारण यह ब्लड शुगर को कम करने में मददगार है.
इन सबके बावजूद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अचार, मिर्च, मसाले आदि को खाने से डॉक्टर मना करते हैं. तो क्या अचार ब्लड शुगर को बढ़ा देता है. इस पूरे मामले पर हमने अपोलो अस्पताल, बेंगलुरु की चीफ न्यूट्रिशनिस्ट और डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका रोहतगी से बात की.
ब्लड प्रेशर को सीधा बढ़ाता है अचार
डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि यह सच है कि अचार नमकीन होता है और कुछ जगहों पर अचार में विनेगर भी मिलाया जाता है. विनेगर को ब्लड शुगर कम करने वाला माना जाता है. लेकिन अचार में बहुत अधिक मसाले मिलाए जाते हैं और इसमें नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है. बहुत अधिक नमक की मात्रा होने के कारण यह ब्लड प्रेशर को सीधे तौर पर बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है. इसके साथ ही अचार का ज्यादा सेवन करने पर यह ब्लड शुगर को भी बहुत अधिक बढ़ा सकता है. अचार ब्लड शुगर को सीधे प्रभावित नहीं करता है लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर यह ब्लड शुगर को बढ़ाता है. यही कारण है कि डॉक्टर अचार, ज्यादा तेल, मसाले आदि मरीज को खाने से मना करते हैं.
इस तरह बढ़ाता है ब्लड शुगर
डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि अचार में बहुत अधिक मात्रा में नमक यानी सोडियम और तेल का इस्तेमाल किया जाता है. यह फर्मेंटेड फूड है. आमतौर पर अचार को हम अन्य चीजों के साथ उपर से खाते हैं. यानी नियमित रूप से हम जो नमक ले रहे हैं, उसमें कटौती नहीं करते. इसका मतलब हुआ कि अचार के साथ हमारा नमक का इनटेक बहुत बढ़ जाता है.
कैसे डायबिटीज मरीजों पर असर करता है अचार
पहले दफ्तर में हम रोटी, सब्जी के साथ अचार पैक कर लेते थे. तो कभी-कभार उस परिस्थिति में तो यह ठीक है लेकिन आजकल बाहर कई पैकेटबंद चीजों को हम खाते हैं. जैसे चिप्स, पापड़, चटनी, बिस्कुट, भुजिया, पिज्जा, बर्गर, जंक फूड आदि. ऐसे में इन चीजों में बहुत अधिक मात्रा में नमक रहता है. इसका मतलब यह हुआ कि अब हम पहले से कहीं अधिक मात्रा में नमक खाते हैं. इसके अलावा अगर हम रोजाना अचार खाते हैं तो नमक की मात्रा हमारे शरीर में बहुत अधिक हो जाएगी. इस तरह खून में सोडियम की मात्रा बढ़ जाएगी. जब खून में सोडियम की मात्रा बढ़ेगी तो ब्लड प्रेशर अपने आप बहुत ज्यादा हो जाएगा और यह हार्ट की परेशानियों को बढ़ाएगा.
जो लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं उनमें हमेशा हार्ट की बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है. इस स्थिति में जब डायबिटीज के मरीज अचार का ज्यादा सेवन करेंगे तो हाई बीपी के कारण हार्ट की परेशानी बढ़ेगी. यानी डायबिटीज मरीजों में हार्ट संबंधी जो परेशानी पहले से ज्यादा है, वह अचार खाने के बाद और अधिक बढ़ जाएगी. डॉ. प्रियंका ने कहा कि ऐसे में अगर डायबिटीज के मरीज लगातार अचार खा रहा है तो उनमें हाई ब्लड प्रेशर के कारण इंसुलिन रेजिस्टेंस होने लगेगा. इस तरह यह डायबिटीज मरीजों पर अप्रत्यक्ष असर डालेगा. यही कारण है कि डायबिटीज मरीजों को अचार नहीं खाना चाहिए.
अगर अचार खाने का मन हो…
डॉ. प्रियंका ने बताया कि अगर किसी को अचार खाने का बहुत मन है तो वह ताजा अचार खाएं या इसमें अदरक और नींबू को ज्यादा मिला दें. नींबू की मात्रा ज्यादा हो तो यह डायबिटीज मरीजों के लिए ज्यादा नुकसानदेह नहीं होगा. हां, जो लोग बाहरी चीजों को कम खाते हैं, उनके लिए अचार उतना नुकसानदेह नहीं होगा. अचार खाने के साथ अगर सलाद खाते हैं तो यह इसे बैलेंस कर देगा. बेहतर होगा कि कम नमक वाला और फ्रेश अचार सीमित मात्रा में खाएं.
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पहले प्रकाशित : 27 जून, 2023, 06:40 पूर्वाह्न IST