रूसी सेना के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह हालांकि 24 घंटे से भी कम वक्त तक चला, लेकिन इसने दुश्मन सेना के बीच में अच्छा खासा हंगामा और भ्रम की स्थिति खड़ी कर दी. चलिए समझते हैं कि आखिर माजरा क्या था?

शुक्रवार
रूस की वैगनर निजी सेना के संस्थापक येवेगनी प्रिगोझिन ने यूक्रेन में तैनात अपने सैनिकों को मास्को की तरफ कूच करने को कहा. उन्होंने इस आंदोलन को सैन्य तख्तापलट नहीं बल्कि ‘न्याय के लिए मार्च’ का नाम दिया. प्रिगोझिन ने आरोप लगाया कि यूक्रेन में चल रहा संघर्ष झूठ पर आधारित है और उन्होंने रूसी सेना के नेतृत्व में चल रहे गलत कामों को समाप्त करने का आह्वान किया. रिपोर्ट के मुताबिक उनका आरोप था कि रूसी रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगु ने 2000 मृत वैगनर सैनिकों के शवों को छिपाने का निर्देश दिया.

बदले में, रूस की संघीय सुरक्षा सेवा ने सशस्त्र विद्रोह को उकसाने के मामले में प्रिगोझिन के खिलाफ आपराधिक आरोप लगाए हैं. क्रेमलिन के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि राष्ट्रपति पुतिन को इस बारे में सूचित कर दिया गया है, और उचित कार्रवाई की जा रही है.

यूक्रेन अभियान के लिए रूस के डिप्टी कमांडर जनरल सर्गेइ सुरोविकिन ने वैगनर सैनिकों से सैन्य नेतृत्व के खिलाफ विरोध को छोड़ने और अपने ठिकाने पर लौटने का आग्रह किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म टेलीग्राम पर एक वीडियो मैसेज पोस्ट किया जिसमें उन्होंने सैनिकों से अपनी गतिविधियों को रोकने का आग्रह किया गया है. सुरोविकिन ने चेताया कि दुश्मन उत्सुकता के साथ रूस के आंतरिक राजनीतिक हालात की गिरावट की अनुमान लगा रहा है. मॉस्को में सरकारी इमारतों, परिवहन केंद्रों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. शुक्रवार की रात सैन्य वाहनों को शहर की सड़कों पर गश्त करते देखा गया.

शनिवार की सुबह
शनिवार की सुबह होते ही, वैगनर समूह के नेता येवेगनी प्रिगोझिन ने टेलीग्राम पर घोषणा की, कि उनके सैनिक यूक्रेन की सीमा पार करके रूस में प्रवेश कर चुके हैं. वे लोग रोस्तोव क्षेत्र में पहुंच चुके हैं, जो यूक्रेन सीमा के साथ स्थित है. और उन्होंने इसके साथ रूसी सेना के सामना करने के लिए तैयार होने की बात भी कही. प्रिगोझिन ने धमकी दी कि उनके रास्ते में जो भी आएगा उसे खत्म कर दिया जाएगा.
रोस्तोव क्षेत्र के राज्यपाल वैसिली गोलुबेव ने अपने क्षेत्र के लोगों से घर के अंदर रहने और शांत वह सुरक्षित रहने की सलाह दी. उन्होंनें सुनिश्चित किया कि कानून व्यवस्था इलाके को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठा रही है.

प्रिगोझिन ने वरिष्ठ जनरलों के साथ रोस्तोव-ऑन-डॉन में रूस के दक्षिणी सैन्य जिले के मुख्यालय में होने का दावा किया. उनकी मांग थी कि जनरल स्टाफ के प्रमुख और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के साथ उनकी बैठक करवाई जाए. प्रिगोझिन ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे रोस्तोव को अवरुद्ध कर देंगे और मास्को की ओर कूच करेंगे.

ये भी पढ़ें- रूस की प्राइवेट आर्मी जो भाड़े पर मचाती है कोहराम, इतने पैसों में कोई भी कर सकता है हायर!

रूस की आतंकवाद विरोधी समिति के मुताबिक, मॉस्को और आसपास के क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी शासन लागू किया गया था. रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर वैगनर सैनिकों को प्रिगोझिन द्वारा आयोजित एक आपराधिक गठन में भागीदार धोखेबाज बताया. उन्होंने लड़ाकों को आश्वासन दिया कि अगर वह रूसी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर देते हैं तो वह सुरक्षित रहेंगे.

एक टेलीविजन संबोधन में, राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन में डोनबास क्षेत्र की मुक्ति में वैगनर सेनानियों की भूमिका को स्वीकार किया, लेकिन साथ में रूस के खिलाफ विश्वासघात करने को लेकर प्रिगोझिन की घोर निंदा की. रॉयटर्स के अनुसार, बाद में करीब 5,000 वैगनर समूह के सैनिकों के एक काफिले की मॉस्को के बाहरी इलाके की ओर बढ़ने की सूचना मिली. मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने एहतियात के तौर पर नागरिकों से शहर के अंदर ही कम निकलने की सलाह दी और जोखिम को कम करने के उद्देश्य से सोमवार को छुट्टी घोषित कर दी.

” isDesktop=’true’ id=’6665311′ >

वीडियो फुटेज में दिखा कि वैगनर वाहनों का काफिला मास्को से 500 किमी की दूरी पर था. हालांकि बाद में रिपोर्ट से संकेत मिले कि वैगनर सेना ने शनिवार रात को रोस्तोव-ओन-डोन में जिला सैन्य मुख्यालय से हटना शुरू कर दिया है. वैगनर समूह के नेता येवेगनी प्रिगोझिन भी टेलीग्राम पर पोस्ट हुए एक वीडियो में सैन्य मुख्यालय से बाहर निकलते हुए देखा गया.

बेलारूस ने दिया मध्यस्थता का प्रस्ताव
बेलारूसी राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने घोषणा की कि हालात को बेहतर करने के लिए उन्होंने प्रिगोझिन के साथ एक समझौता किया है. प्रिगोझिन भी बेवजह के खूनखराबे से बचने के लिए सहमत हो गए और अपने ठिकाने पर लौट गए. रूसी सरकार ने बताया कि लुकाशेंको ने पुतिन की सहमति के साथ मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था. आपको बता दें अलेक्जेंडर का प्रिगोझिन के साथ दो दशक पुराना संबंध है.

रूसी सरकार के मुताबिक प्रिगोझिन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का मामला हटा लिया जाएगा. प्रिगोझिन बेलारूस में स्थानांन्तरित कर दिए जाएंगे और वैगनार सैनिकों को न्याय के लिए मार्च में हिस्सा लेने को लेकर, रूस के लिए उनकी पुरानी सेवाओं को देखते हुए किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. प्रिगोझिन और रूसी सरकार के बीच क्या समझौता हुआ इसे लेकर कुछ भी खुल कर सामने नहीं आया है. बस क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने प्रिगोझिन और उनके सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी के बारे में जानकारी साझा की है. (एसोसिएटेड प्रेस और रॉयटर्स का इनपुट के साथ)

टैग: मास्को, रूस, रूस यूक्रेन युद्ध, यूक्रेन, व्लादिमीर पुतिन

Source link

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *