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Venice Grand Canal: क्यों हो रहा है वेनिस में ग्रैंड कैनाल के पानी का रंग हरा… प्रशासन ने बताई वजह

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वेनिस (इटली): पिछले दिनों खबर आई थी कि वेनिस की मशहूर ग्रैंड नहर के एक हिस्से का पानी हरा हो रहा है. जिसके बाद इसे लेकर कई तरह के कयास लगाये जाने लगे. लेकिन अब जांच में जुटे प्रशासन ने अब इस बात का खुलासा किया है कि आखिर एक हिस्से में पानी के रंग हरा होने की क्या वजह थी.

इटली का वेंटो क्षेत्र जहां पर वेनिस की प्रसिद्ध ग्रैंड नहर मौजूद है, वहां के गवर्नर लुका जिया ने एक ट्वीट करके बताया कि वेंटो की पर्यावरण संरक्षण और रोकथाम एजेंसी (एआरपीएवी) ने पानी में मौजूद हरे रंग की जांच की और पाया कि यह फ्लोरोसीन नाम के रसायन की वजह से हुआ है.

कैसे हुआ पानी हरा
हालांकि जिया ने इस बात को साफ नहीं किया कि यह रसायन पानी में डाला किसने या आया कैसे, लेकिन उन्होंने इस बात की चिंता जाहिर की, कि इस तरह की घटना ऐसे लोगों को नकल करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है जो जानबूझकर नहर को प्रदूषित करना चाहते हैं. जिया ने इतालवी में लिखा है कि, वेनिस के पानी में मौजूद हरे रंग से पानी को किसी तरह के प्रदूषण का खतरा नहीं है, लेकिन इसके नकल किये जाने का खतरा है. इस पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है.

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क्या होता है फ्लोरोसीन
एआरपीएवी के तकनीशियों ने पानी का सैंपल लेकर उसका विश्लेषण किया, पहली बार में यह पता चला कि यह रसायन पानी की जांच या गुफाओं में इस्तेमाल किया जाता है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्लोरोसीन एक रसायन होता है जो विषैला नहीं होता है और मुख्यतौर पर इसका इस्तेमाल पानी के अंदर निर्माण के दौरान रिसाव का पता लगाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा इस रसायन का उपयोग दवा के ( आईड्रॉप के रूप में) के तौर पर घावों और बाहरी तत्वों के शरीर में पहचान के लिए किया जाता है.

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वहीं सीएनएन की रिपोर्ट बताती है कि विषैला नहीं होने के बावजूद नहर में अत्यधिक मात्रा में फ्लोरोसीन का पाया जाना शायद किसी दुर्घटनावश नहीं हुआ था. पानी में कितना फ्लोरोसीन मिलाया गया था इस बात की जानकारी के लिए एआरपीएवी आगे जांच करेगा. गौरतलब है कि पहली बार पानी में हरे रंग की बूंदें रविवार को देखी गई थीं जो धीरे धीरे बढ़ने लगी थीं और नहर के एक हिस्से में पानी को हरा कर दिया था.

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