सियोल. उत्तर कोरिया ने कहा कि देश के पहले जासूसी उपग्रह ‘स्पेस लॉन्च व्हीकल’ को कक्षा में स्थापित करने की उसकी कोशिश बुधवार को विफल हो गई. संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ लंबे समय से चल रहे तनाव के बीच अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाने की कवायद के मद्देनजर किम जोंग उन के लिए यह एक शर्मिंदगी वाला क्षण है.
देश की सरकारी मीडिया में प्रकाशित बयान में कहा गया है कि उपग्रह को ले जाने वाला रॉकेट अपने पहले और दूसरे चरण के अलग होने के बाद जोर खो देने के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के पश्चिमी तट के पानी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे हैं कि सैटेलाइट लॉन्च सफल क्यों नहीं हुआ.
दक्षिण कोरिया के ज्वॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि उत्र कोरिया ने अपने दावे के मुताबिक रॉकेट को उत्तर-पश्चिमी टोंगचांग-री क्षेत्र से सुबह करीब 6:30 बजे लॉन्च किया, जहां उनका मुख्य अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र स्थित है. दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि पानी में गिरने से पहले रॉकेट की उड़ान बिल्कुल ‘असामान्य’ थी. सेना ने यह भी कहा कि उसने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बेहतर तालमेल के लिए अपनी सैन्य तत्परता में इजाफा किया है.
जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजु मात्सुनो ने भी संवाददाताओं से कहा कि ऐसा नहीं लगता कि कोई वस्तु अंतरिक्ष में पहुंची है. रॉकेट प्रक्षेपित होने के बाद सियोल में कुछ समय के लिए भ्रम की स्थिति भी पैदा हो गई क्योंकि गलती से शहर को खाली करने की चेतावनी जारी कर दी गई थी. उत्तर कोरिया ने इस प्रकार की क्षमताओं को अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया और अमेरिका के सैन्य अभ्यासों पर नजर रखने के लिए अहम बताया है.
इससे एक दिन पहले 30 मई को उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया के अनुसार, देश के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी री प्योंग चोल ने अमेरिका एवं दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास की निंदा की. प्योंगयांग लंबे समय से यह कहता रहा है कि ये उस पर हमले का अभ्यास है. री ने कहा कि उत्तर कोरिया अंतरिक्ष-आधारित टोही उपग्रह को ‘अमेरिका और उसके अधीन बलों के खतरनाक सैन्य कृत्यों’ की निगरानी के लिए ‘अपरिहार्य’ मानता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया ‘आक्रमण की अपनी अविवेकपूर्ण महत्वाकांक्षा को खुले तौर पर प्रकट कर रहे हैं.’
उत्तर कोरिया 2022 की शुरुआत से करीब 100 मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है, जिनमें अमेरिकी मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल और कई अन्य प्रक्षेपण भी शामिल हैं, जिन्हें उसने दक्षिण कोरिया को निशाना बनाकर किए जाने वाले नकली परमाणु हमलों के रूप में वर्णित किया है.
री ने कहा कि अमेरिका-दक्षिण कोरियाई सैन्य अभ्यास का विस्तार, दक्षिण कोरिया में परमाणु-सक्षम पनडुब्बियों को भेजने की अमेरिक की कथित योजनाएं और क्षेत्र में अमेरिकी टोही विमानों की बढ़ती गतिविधियां उत्तर कोरिया के खिलाफ अग्रिम सैन्य कार्रवाई की तैयारी की ‘भयानक मंशा’ को रेखांकित करती हैं. अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने अपने इन नियमित अभ्यासों को रक्षात्मक प्रकृति का करार दिया है, लेकिन उन्होंने उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए 2022 से अपने प्रशिक्षणों में विस्तार किया है.
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पहले प्रकाशित : 31 मई, 2023, 07:39 पूर्वाह्न IST
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