हाइलाइट्स

वास्‍तव‍िकता का पता लगाने को पुलिस कर रही सीसीटीवी फुटेज की जांच
प्ताह के अंत में होने वाले वोगालोंगा नौकादौड़ को प्रचारित करने के तरीके की भी जांच की जा रही
वोगालोंगा की शुरुआत 1974 में कुछ दोस्तों ने की थी

वेनिस (इटली). आपने अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘द ग्रेट गैंबलर’ का गाना ‘दो लफ्जों की है दिल की कहानी’ तो जरूर सुना होगा. इस गाने के लफ्ज़ जितने खूबसूरत हैं उतनी ही दिलकश इसकी लोकेशन है. यह जगह है वेनिस. पानी पर तैरता इटली (Italy) का एक ऐसा शहर जहां हर कोई एक बार जाना जरूर चाहता है.

इस शहर में एक अजीब सी घटना सामने आई है, जिसने यहां के लोगों को ही नहीं दुनियाभर के लोगों को हैरानी में डाल दिया है. दरअसल, यहां की चर्चित ग्रांड कैनाल (Grand Canal Venice) के एक हिस्से में पानी अचानक फ्लोरोसेंट यानी हरे रंग (Fluorescent colors) का हो गया है.

वेनेटो के क्षेत्रीय अध्यक्ष लुका जिया ने एक ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि, वेनिस की ग्रांड कैनाल का एक हिस्सा हरे रंग का दिखाई दिया. इस बात की जानकारी रियाल्टो ब्रिज के पास रहने वाले कुछ स्थानीय लोगों ने दी. जिसे देखते हुए तत्काल एक बैठक बुलाई गई है और पुलिस इसकी जांच कर रही है.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय अधिकारियों ने पानी का सैंपल ले लिया है और उसकी जांच शुरू कर दी है. जैसे ही इसका वीडियो सोशल मीडिया पर आया, तो इसे लेकर अलग-अलग तरह के अनुमान लगाये जाने लगे हैं. इसमें एक वजह पर्यावरणवादियों द्वारा विरोध के तौर पर डाय छोड़ना भी हो सकता है.

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वहीं स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है कि कहीं यह सप्ताह के अंत में होने वाले वोगालोंगा नौकादौड़ को प्रचारित करने का कोई तरीका तो नहीं है.

क्या है वोगालोंगा
वोगालोंगा वेनिस में होने वाली 30 किमी लंबी एक प्रसिद्ध नौका दौड़ है. इस गैर-प्रतिस्पर्धा का मकसद शहर को जानने और घूमने के मूल तरीके को उजागर करना और मोटर बोट के चलने से प्रदूषित हो रहे पानी का शांतिपूर्वक विरोध करना है. वोगालोंगा की शुरुआत 1974 में कुछ दोस्तों ने की थी, जब उन्होंनें मोटरबोट से खराब हो रहे पानी के लिए विरोध दर्ज करने और वेनिस शहर के प्रति अपनी चिंता जाहिर करने के लिए पानी में नाव चलाकर प्रदर्शन किया था. इसके बाद 1975 में इसका आधिकारिक आयोजन हुआ. उस दौरान भी यह गैर प्रतिस्पर्धा दौड़ 30 किमी लंबी ही थी.

पहली बार इस आयोजन में 500 नावों ने हिस्सा लिया था. इसके बाद से इसमें लगातार बढ़ोतरी होती रही है. वेनिस में इसे पेंटकोस्ट दिवस पर मनाया जाता है, जोक‍ि डोजे और समुद्र की शादी का प्रतीकात्मक दिन है. यहां आपको यह भी बता दें कि डोजे जिसे इतालवी में ड्यूक भी कहा जाता है, 8वीं से 18वी सदी तक वेनिस गणराज्य का सर्वोच्च अधिकारी और वेनिस राज्य की संप्रभुता का प्रतीक रहा है. अगर किसी को वेनिस शहर घूमना है तो वोगालिंगा से बेहतर कुछ नहीं होता है.

कैसे बसा दुनिया का एकमात्र तैरता शहर
वेनिस शहर बसाने की शुरुआत पांचवी सदी में हुई थी, दरअसल यहां के लोग लगातार हो रहे आक्रमण से आजिज आ चुके थे. इससे बचने के लिए लोगों नें एक खाड़ी की तरफ शरण लेना शुरू कर दिया. ऐसा कहा जाता है कि वेनिस करीब 120 द्वीप पर बसा है और इसे पुलों की मदद से जोड़ा गया था. अब दिक्कत यह थी कि लोगों को रहने के लिए जमीन को समतल करना था क्योंकि यह जगह पूरी तरह से दलदली थी.

इसके लिए वेनिस के लोगों ने लकड़ी का इस्तेमाल करने का फैसला लिया और ओक के पेडों के लाखों तनों का इस्तेमाल करके उन्हें जमीन में तब तक धंसाया जब तक वह कीचड़ के नीचे ठोस ज़मीन तक नहीं पहुंच गए. इन्हें एक दूसरे से सटा-सटा कर लगाया गया और पोल के बीच बनी जगह को कई चीज़ों से भर दिया गया. इसी तकनीक का प्रयोग करके घरों को भी बनाया गया. अड्रेटिक सागर पर बसे इस शहर की रणनीतिक अहमियत भी काफी है.

वेनिस की ग्रांड केनाल में पहले भी बदला है पानी का रंग
यह पहली बार नहीं है जब वेनिस की ग्रांड केनाल में पानी का रंग बदला है. 1968 में भी अर्जेंटीना के कलाकार निकोलस गार्सिया उरिबुरू ने वार्षिक वेनिस बिएनले (सांस्कृति कार्यक्रम) के दौरान पानी को हरा रंग दिया था. इसका मकसद प्रकृति और सभ्यता के संबध को दर्शाने और पारिस्थितिक मुद्दों को उजागर करने के लिए किया गया था.

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