काहिरा: संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस उस वक्त हैरान रह गए जब उन्हें सूडान के सैन्य शासक जनरल अब्देल-फतेह बुरहान की तरफ से एक पत्र मिला. अब्देल-फतेह बुरहान ने इस पत्र में संयुक्त राष्ट्र के दूत को हटाने की मांग की है. यह पत्र तब आया जब पिछले महीने एक खुली लड़ाई में सैन्य प्रतिद्वंद्वियों बीच तनाव बढ़ने से सूडान में अराजकता बढ़ गई है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन ड्यूजैर्रिक ने कहा कि महासचिव एंटोनियो गुटेरेस इस पत्र से हैरान हैं. महासचिव को (संयुक्त राष्ट्र दूत) वोल्कर पर्थेस के काम पर गर्व है, और विशेष प्रतिनिधि के तौर पर उन्हें उन पर पूरा भरोसा है. ड्यूजेरिक ने पत्र के कंटेट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. हालांकि एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी का कहना है कि बुरहान ने पत्र में गुटेरेस से पर्थेस को हटाने की मांग की है. पर्थेस को 2021 में यहां नियुक्त किया गया था.
बुरहान ने पर्थेस पर लगाया पक्षपात का आरोप
अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि बुरहान ने पर्थेस पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. उनका कहना था कि जनरल और लोकतंत्र समर्थन आंदोलन के बीच युद्ध पूर्व की गई उनकी बातचीत के तरीके ने संघर्ष को और भड़काया है. जबकि बातचीत का मकसद अक्टूबर 2021 में सैन्य तख्तपलट के बाद पटरी से उतरे लोकतंत्र को बहाल करना था. वहीं पर्थेस ने पत्र वाले मामले पर बयान देने से इनकार कर दिया.
बुरहान ने पिछले साल भी पर्थेस पर संयुक्त राष्ट्र के आदेश से अलग जाने और सूडानी मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था. उन्होंने पर्थेस को देश से निकालने की धमकी भी थी.
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सूडान में चल क्या रहा है
मध्य अप्रैल से ताकतवर रेपिड सपोर्ट फोर्स जिसकी कमान जनरल मोहम्मद हमदान दगालो के हाथों में है और सेना के बीच तनाव जारी है. बुरहान और दगालो दोनों ने ही 2021 में तख्तापलट का नेतृत्व किया था और पश्चिम के समर्थन वाली सरकार के प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक को पद से हटाया था. तभी से दोनों जनरल के बीच ठनी हुई है. दरअसल बुरहान और दगालो दोनों ही इस देश में ताकत के दो केंद्र हैं.
वर्तमान में सूडान की सेना का कमान जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान के हाथ में है जबकि हमदान दगालो रैपिड सपोर्ट फोर्स यानी RSF के मुखिया हैं. इन दोनों जनरल के पास अपनी-अपनी सेनाएं हैं, हथियार हैं और इन दोनों की सेनाओं के आपस में भिड़ने से सूडान जंग का मैदान बन गया है. दोनों के भिड़ने की वजह अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहना है. खासकर सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स के विलय को लेकर मामला फंसा हुआ है.
दरअसल अगर एक लाख सैनिकों वाले रैपिड सपोर्ट फोर्स का सेना में विलय हो जाता है तो नई सेना का नेतृत्व कौन करेगा. इस पर दोनों एकमत नहीं हो पा रहे हैं. इतना ही नहीं फतेह अल बुरहान चाहते हैं कि उनकी सेना किसी निर्वाचित सरकार को ही सत्ता हस्तांतरित करेगी- लेकिन यहां भी हमदान दगालो से कोई सहमति नहीं बन पाई है.
राजधानी खार्तूम बनी युद्ध का केंद्र
देश की राजधानी खार्तूम लड़ाई का केंद्र बनी हुई है, इसके साथ ही ओमदुरमान शहर भी इसकी चपेट में है. इसके अलावा युद्धग्रस्त दारफुर क्षेत्र सहित पूरे देश में इसका असर फैल रहा है. इस लड़ाई में सैकड़ों लोगों की जानें जा चुकी हैं और हजारों लोग घायल हुए हैं और देश पतन की कगार पर आ गया है. इस वजह से देश के करीब 13 लाख लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें अपना घर छोड़ कर सूडान में कहीं और या फिर पड़ोसी राष्ट्रों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ रहा है. य
ही नहीं सूडान में चल रहे इस संघर्ष के दौरान महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार और यौन हिंसा भी रिपोर्ट की गई थी. सरकार के चलाए जा रहे एक समूह के मुताबिक खार्तूम में करीब 24 और दारफुर में 25 महिलाओं से जुड़े मामले सामने आए हैं. समूह का कहना है कि महिलाओं के साथ इस तरह की वारदात करने के पीछे RSF को दोषी बताया जा रहा है. हालांकि RSF ने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है.
अमेरिका और सउदी अरब ने की मध्यस्थता
अमेरिका और सउदी अरब की मध्यस्थता के बाद दोनों ही दल एक हफ्ते के युद्ध विराम पर राजी हुए हैं, जो सोमवार की रात को खत्म हो जाएगा. हालांकि युद्ध विराम के बावजूद खार्तूम और देश के अन्य हिस्सों में लड़ाई रुकी नहीं है. संयुक्त राष्ट्र दूत द्वारा दोनों ही दलों पर घरों, दुकानों पूजा स्थलों और पानी और बिजली प्रतिष्ठानों पर हमला करके युद्ध के कानूनों की अवहेलना करने का आरोप लगाने के बाद बुरहान ने पत्र लिखा है. इस हफ्ते की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति में एक ब्रीफिंग में पर्थेस ने सेना और RSF पर इल्जाम लगाते हुए कहा था कि दोनों ही दलों ने बातचीत के जरिए मामला सुलझाने के बजाए युद्ध का रास्ता चुना है.
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पहले प्रकाशित : 28 मई, 2023, 13:15 IST