रोमांस का बादशाह शाहरुख खान एक्‍शन फिल्‍म कर रहे हैं और ‘गैंग्‍स ऑफ वासेपुर’ और ‘रमन राघव’ जैसी फिल्में बनाने वाले न‍िर्देशक अनुराग कश्‍यप अब रोमांट‍िक फिल्‍म लेकर आए हैं, वो भी ‘जेन-जी’ वाली… नहीं आपने गलत नहीं सुना बल्‍कि 2023 की शुरुआत बॉलीवुड में कुछ ऐसी ही हुई है. अनुराग कश्‍यप की फिल्‍म ‘ऑल मोस्‍ट प्‍यार व‍िद डीजे मोहब्‍बत’ (Almost Pyaar With DJ Mohabbat ) आज स‍िनेमाघरों में र‍िलीज हो गई है. ये फिल्‍म अनुराग पहली की कोई पहली लव स्‍टोरी नहीं है. ‘देव डी’, मुक्‍काबाज, ‘मनमर्जियां’ जैसी कई फिल्‍में अनुराग बना चुके हैं जो लव-स्‍टोरीज ही हैं, बस ये लव स्‍टोरीज बॉलीवुड के सेट पेटर्न वाली फ‍िक्‍स लव स्‍टोरीज नहीं होतीं. चल‍िए बताते हैं कि ये कहानी ‘पठान’ के इस तूफान के बीच क्‍या प्‍यार की हल्‍की-सी ब्‍यार चला पाती है या नहीं.

क्‍या कहती है कहानी
फिल्‍म की कहानी की बात करें तो इसमें दो लव स्टोरीज हैं, जो दुनिया के दो अलग-अलग ह‍िस्‍सों में चल रही हैं. एक लव स्‍टोरी है डलहौजी की, ज‍िसमें अमृता और यकूब हैं. दूसरी स्‍टोरी है लंदन की ज‍िसमें हरमीत और आयशा की. डलहौजी की अमृता को म्‍यूज‍िक का शौक है और उसे डीजे मोहब्‍बत के कॉन्‍सर्ट में जाना है. अब यकूब उसे इस कॉन्‍सर्ट में ले जाने का वादा करता है. दूसरी तरफ लंदन में हरमीत खुद एक डीजे है और म्‍यूज‍िक की दुनिया में वो क्रांत‍ि करना चाहता है. लेकिन आयशा उससे टकराती है और म्‍यूज‍िक की जगह मोहब्‍बत की क्रांति होती है. अब ये दोनों कहान‍ियां क्‍या कनेक्‍टेड हैं, क्‍या ये कहान‍ियां हैप्‍पी एंड‍िंग पाती हैं… इस सब के लिए आपको थ‍िएटर्स में जाना होगा.

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ये फ‍िल्‍म कई मायनो में कुछ नया पेश करती है.

रोजी-रोजी लव स्‍टोरी नहींं है ये फ‍िल्‍म
जैसा की मैंने पहले ही बताया कि अनुराग कश्‍यप का रोमांस उतना रोजी-रोजी नहीं होता तो इस कहानी में भी आपको स‍िर्फ प्‍यार करने वाले जोड़े और उनका दुश्‍मन जमाना नहीं म‍िलेगा. बल्‍कि प्‍यार की खूब सारी मास्‍टर क्‍लास आपको इस फ‍िल्‍म में म‍िलेगी जो क्‍लास लेंगे, डीजे मोहब्‍बत यानी व‍िक्‍की कौशल. ये फिल्‍म तसल्‍ली से देखने वाली है, क्‍योंकि डीजे मोहब्‍‍बत की बातें और उसकी फ्लॉसफी समझने के लिए आपको थोड़ा पेशंस रखना होगा. लेकिन सवाल यही है कि इतनी तसल्‍ली लाएगा कौन.

कनेक्‍शन थोड़ा पेचीदा काम है
कहानी का फर्स्‍ट हाफ मुझे थोड़ा धीमा लगा और शुरुआत में कनेक्‍ट करने में भी थोड़ी द‍िक्‍कत होती है. साथ ही दो लव-स्‍टोरीज हैं, ज‍िनमें ह‍िमाचल में चल रही लव स्‍टोरी मासूम है और कनेक्‍ट करने में भी आसान. लेकिन लंदन में चल रही लव स्टोरी सीधी नहीं है और न ही उतनी जल्‍दी कनेक्‍ट कर पाती है. साथ ही इस फिल्‍म में दो अलग-अलग पर चल रही कहान‍ियां एक साथ द‍िखाई जा रही हैं. कभी इस कहानी का सीन तो दूसरे ही पल दूसरी कहानी का सीन. इससे पहले ‘लव आजकल’, ‘बार बार देखो’ जैसी फिल्‍मों में भी ऐसा ही हुआ है, जब दो अलग-अलग ह‍िस्‍सों की कहान‍ियों को एक साथ पर्दे पर द‍िखाया गया है. पर इस तरह की कहानी पर्दे पर अक्‍सर दर्शकों को कनफ्यूज करती है. क्‍योंकि जैसे ही आप एक ह‍िस्‍से से कनेक्‍ट होते हैं, दूसरा हिस्‍सा आपसे कुछ कहने लगता है. ये चैलेंज इस कहानी में भी है.

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ये फिल्‍म मसाला लव-स्‍टोरी नहीं है, बल्‍कि लव-स्‍टोरी कहते-कहते ‘लव ज‍िहाद’, प्‍यार के चक्‍कर में कटती परिवार की नाक जैसे व‍िषय को बहुत सटल तरीके से उठया गया है. एक दूसरी मजेदार चीज ये है कि ज‍िस सोशल मीड‍िया पर रील्‍स बनाने वाले और ‘कंटेंट क्र‍िएटरों’ का अक्‍सर मजाक बनाया जाता है कि ‘कुछ भी कंटेंट बना रहे हैं’, इस फिल्‍म में इसी माध्‍यम को यूथ के ल‍िए एक ऐसे प्‍लेटफॉर्म की तरह द‍िखाया गया है, जहां वो अपनी हर बात को द‍िल खोलकर रखता है. फ‍िल्‍म की सबसे बड़ी ताकत है इसकी परफॉर्मेंस और इसका कहानी में ब‍िलकुल रचा-बसा म्‍यूज‍िक. अम‍ित त्र‍िवेदी के गाने कहानी में जम गए हैं और मजेदार हैं. फ‍िल्‍म से न‍िकलते हुए अगर आप भी ये गाना गाएं ‘मोहब्‍बत से ही तो क्रांत‍ि आएगी…’ तो मतलब फ‍िल्‍म सफल हो गई है.

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कहानी में एक लव स्‍टोरी भारत में चल रही है तो दूसरी लंदन में.

एक्टिंग की बात करें तो अलाया एफ ने एक बार फिर अपनी एक्‍ट‍िंग से काफी इंप्रैस क‍िया है. फिल्‍म प्रमोशन के दौरान अनुराग उनकी काफी तारीफ कर रहे थे और फिल्‍म देखकर आप समझ जाएंगे कि उन्‍होंने ऐसा क्‍यों क‍िया. करण मेहता इस फिल्‍म से डेब्‍यू कर रहे हैं. करण फ्रेश हैं, नए हैं और पर्दे पर अच्‍छे लगते हैं. पहले परफॉर्मेंस में उन्‍होंने इंप्रैस क‍िया है. ये फिल्‍म भले ही अनुराग की है लेकिन इसमें आपको इम्त‍ियाज अली से लेकर गुलजार तक, हर क‍िसी की थोड़ी-थोड़ी झलक म‍िल जाएगी. व‍िक्‍की कौशल तो गुलजार साहब की फेमस लाइन का ज‍िक्र भी करते हैं, ‘हमने देखी है उन आंखों की मेहतकी खुशबू, हाथ से छूके उसे र‍िश्‍तो का इल्‍जाम न दो, स‍िर्फ एहसास है ये रूह से महसूस करो, प्‍यार को प्‍यार ही रहने दो कोई नाम न दो…’

ये साफ है कि अगर पर्दे पर जो आ रहा है आप बस उसे ही देख रहे हैं, तो आप कुछ म‍िनटों में ही बोर हो जाएंगे. लेकिन अगर आप अनुराग कश्‍यप के स‍िनेमा को समझते हैं और पर्दे पर आ रहे डायलॉग्‍स के पीछे के भाव को पकड़ पाते हैं, तो कहानी आपको आखिर तक बांधे रखेगी. यानी ‘मोहब्‍बत से ही क्रांति आएगी, पर आपको ये क्रांति पहले समझनी होगी.’ ये फ‍िल्‍म बॉलीवुड के रोमांस की क‍िताब में फ‍िट नहीं बैठती, लेकिन ये नई जनरेशन के रोमांस को की नई डेफ‍िनेशन जरूर द‍िखाती है, जो अनुराग कश्‍यप ही ल‍िख सकते हैं. इस फिल्‍म को मेरी तरफ से 3 स्‍टार.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

टैग: अलाया एफ, Anurag Kashyap

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